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BANDHETIYA OFFICIAL
टी एन शेषण को पुकारो, सोया कुम्भकरण मारे कुंडली पड़ा है। क्या हाल है हुआ लोकतंत्र करे - जो पक्का वो ही टपका गिरा है। ©BANDHETIYA OFFICIAL #चुनाव कमीशन
Gurudeen Verma
शीर्षक - हाय हाय रे कमीशन --------------------------------------------------------- (शेर)- नहीं है जगह बैठने की सरकारी बिल्डिंगों में, बरसात में। जगह जगह बने है गड्ढें सरकारी सड़कों पर, बरसात में।। यह सारा खेल है कमीशन का, काम मजबूत कैसे होगा। कितना बड़ा होता है धोखा, कमीशन में जनता के साथ में।। ----------------------------------------------------------- किसी को आबाद, किसी को करता है तू बर्बाद। तुम्हें कहूँ जिंदाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन---------------------------(4) टपकती है बारिश में, क्यों बिल्डिंगे ये सरकारी। बिखरती है बारिश में, क्यों ये सड़कें सरकारी।। कमीशन के बांध - ब्रिज, क्या होते हैं इतने फौलाद। तुम्हें कहूँ जिंदाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन--------------------------(4) करवाना है काम जल्दी तो, कमीशन देना होगा। बिना कमीशन फ़ाइल पर, कोई साइन नहीं होगा।। देखो कमीशन वाले, कितने निडर है और आजाद। तुम्हें कहूँ जिन्दाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन--------------------------।। बन गए कमीशन से, कम वर्षों में महल वाले। अब चलते हैं कारों में, कल पैदल चलने वाले।। कमीशन की दौलत से, करें मौज उनकी औलाद। तुम्हें कहूँ जिन्दाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन----------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #हाय हाय रे कमीशन
DR. LAVKESH GANDHI
बचपन में पढ़ा था जीवन चक्र और नौकरी में जाना कमीशन चक्र कमीशन चक्र #youtquote #yourquotebaba #yourquotedidi #yourquotediary
अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
*जय श्री कृष्ण......📒📒📒* *हम जब विचारों के युद्ध मे हों तो शब्दों की मर्यादाएं शस्त्रों का काम करती है !!* *और जब हम जीवन के बोध मे हों तो शब्दों की मर्यादाएं शास्त्रों का काम करती है !!* शास्त्र अथवा शस्त्र ?सदा से सिलेक्शन स्वयं का ही
Rakesh Kumar Dogra
Ajeeb Dastaan Hai yeh वो रोज़ सुबह आटे के लिए फेरी लगाता है और मैं टाप फ्लोर की बालकनी से खड़ा हो कर जायज़ा लेता हूँ की किस किस के घर आटा तक नहीं है। और शायद मैं उस गरीब की पहुंच से बाहर हूं। प्रापर्टी डीलर ने मकान बेचते वक्त इस मकान की लोकेशन फायदे गिनवाते हुए एक लाख ज्यादा लिया था। जब मैने उन फायदों का ज़िक्र उस प्रापर्टी डीलर से किया और कहा उसमे इस बात का ज़िक्र तो नहीं था। तो प्रापर्टी डीलर बोला "ये बोनस है।" हरेक को परोपकार के लिए सही किरदार भी नहीं मिलता। मुझे परोपकार से बचाया उसने, जिसका धन्धा कमीशन का था.
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