Find the Latest Status about आऊं क्या from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आऊं क्या.
Ashutosh Singh Rana
मां मैं कल घर आऊं क्या? तेरे हाथों का खाना मां मुझको याद बोहोत अब आता है , आंखो में मेरे बिन तेरे अब अंधियारा सा छाता है , तेरा हाथ तो सर पे है मां फिर भी दूरी अपनी मिलों की बातें तो हो ही जाती है पर खुशबू नहीं वो झीलों सी। बहुत नहीं कुछ चाहिए बस इस नींद का तू कुछ कर दे मां, अपनी गोदी का कुछ जादू इस तकिये में भी भर दे मां, आंखों में मेरे नींद भरी शायद ख्वाबों के नीचे है, तेरी भाजी रोटी की खुशबू अब भी जैसे मुझे खीचे, है आया हूं तुझसे दूर सही पर दूर नहीं हूं तुझसे मां बस किसी तरह ये कुछ दिन अपने जीवन के तू भर ले मां तेरी खामोशी ही कहती सब तू भले ही कुछ ना कहती मां मैं तो फिर भी रो लेता हूं तू अंदर ही अंदर सेहती मां लेखक: आशुतोष सिंह राणा मां मैं कल घर आऊं क्या?
✍ अमितेश निषाद
बहुत दिनों तक ठहरा यहां अब चला जाऊं क्या छुट्टियां भी लग गयी छुट्टियां बिता आऊं क्या गाँव में सुबहे गुलाबी ठंड पड़ने लगी है छोड़ के चला जाऊं इंदौर का शोर शराबा क्या ? ✍️ अमितेश निषाद (सुमित) बहुत दिनों तक ठहरा यहां अब चला जाऊं क्या छुट्टियां भी लग गयी छुट्टियां बिता आऊं क्या गाँव में सुबहे गुलाबी ठंड पड़ने लगी है छोड़ के चला जाऊं
𝑨𝒚𝒖_𝒔𝒉
आए दोस्त तुझे खुश रखने की कितनी तलब है बताऊं क्या... गर बात तुझे हंसाने की है तो खुद का भी मज़ाक बनाऊं क्या... तेरी तारीफों की पूल तो छोड़ ताज महल बनवाऊं क्या... तुझे कितनी इश्क़ हैं बताऊं क्या तू बस बोल तो सही, तुझे किसी और के बाहों में छोड़ आऊं क्या...! ©𝑨𝒚𝒖_𝒔𝒉 #DOn't quIT❤️ आए दोस्त तुझे खुश रखने की कितनी तलब है बताऊं क्या... गर बात तुझे हंसाने की है तो खुद का भी मज़ाक बनाऊं क्या... तेरी तारीफों की
Dushyant Yaduvansi
Tera Sukhi
तुम्हारे बगैर मैं अधूरा मेरा हर सफर अधूरा है जां तुम्हारे बगैर मेरा हर मैदान ज़फ़र अधूरा है अश्फ़ाक दो कोई इस मुर्दा जिस्म को मेरे कोई बगैर कफ़न सुनो ज़रा मौत का सफर अधूरा है FULL READ IN CAPTION 👇👇 * सफर अधूरा * तुम्हारे बगैर मैं अधूरा मेरा हर सफर अधूरा है जां तुम्हारे बगैर मेरा हर मैदान ज़फ़र अधूरा है अश्फ़ाक दो कोई इस मुर्दा जिस्म
Gurudeen Verma
शीर्षक - आऊं कैसे अब वहाँ ----------------------------------------------------------- आऊं कैसे अब वहाँ, मैं यार तुमसे मिलने को। मना जब कर दिया हो तुमने, तुमसे मिलने को।। आऊं कैसे अब वहाँ -------------------------।। मेरी गलती क्या थी, कहा था सच ही मैंने। बोला था तुमने ही, आने को तुमसे मिलने।। रोक दिया हो जब तुमने, तेरी चौखट पर चढ़ने को। आऊं कैसे अब वहाँ --------------------------।। प्यार कभी नहीं मुझे दिया, बदनाम मुझे हमेशा किया। समझा नहीं मेरे दुःखों को, जुल्म मुझपे हमेशा किया।। चाहते नहीं हो जब तुम, कोई बात मुझसे करने हो। आऊं कैसे अब वहाँ -----------------------------।। फिर भी करता हूँ मैं दुहा, यही तुम्हारे लिए। हमेशा खुश आबाद रहो, लम्बी उम्र तुम जिये।। मैं नहीं हूँ जब काबिल, तुमको खुश रखने को। आऊं कैसे अब वहाँ ------------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार - गुरुदीन वर्मा उर्फ जी. आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #आऊं कैसे अब वहाँ
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
ख्वाब जो देखे तेरे संग उन्हें कैसे झुठलाऊं, तू ही बता ओ जाने जाना पास तेरे कैसे आऊं, दिल का मेल जो हुआ था, वो कोई खेल नहीं था, सारी बातें कैसे बताऊं, ख्वाब जो देखे तेरे संग उन्हें कैसे झुठलाऊं, तू ही बता ओ जाने जाना पास तेरे कैसे आऊं......! पास तेरे कैसे आऊं.............!
Nisha Panwar
दूरियां काफी है ना? तेरा अर्श (sky) बन तेरे शहर में आऊं तो चलेगा क्या? तू रात भर मुझे सोचता है , मैं कभी चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या? ये दिल दिमाग में जो कशमकश है उसे खत्म करना है कुछ जख्म है जो बड़े गहरे हैं उन्हें जल्द भरना है अगर आहिस्ता से मै तेरा अक्स(reflection) बन जाऊं तो चलेगा क्या? मैं कभी चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या? तू शजर (tree)बन खड़ा हो शान्त सा मैं सबा(breeze) बन तुझे गुदगुदाऊं तो चलेगा क्या? ये लोक लाज की कफस(jail)तोड़ तेरे सीने से लग जाऊं तो चलेगा क्या? तेरे पास आकर तुझे देख मुस्कुराऊं तेरा हाथ थाम तेरे घर चली जाऊं हां खास नहीं मैं बेशक जमाने के लिए मगर तेरी हायात(life) में एक अफसून(magic)कर जाऊं तो चलेगा क्या? मैं चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या? तू अर्धागिनी बना ले जा मैं तेरे नाम का सिंदूर लगाऊं तो चलेगा क्या? सुबह तुझसे जल्दी उठ तेरे लिए गर्म चाय बना लाऊं तो चलेगा क्या? तू हाथ थाम जो फेरे लेगा मैं उन फेरों की कस्मों को तेरे साथ निभाऊं तो चलेगा क्या? मैं कभी ईद तो कभी करवाचौथ में तेरा मेहताब बन जाऊं तो चलेगा क्या? - Nisha मै कभी चांद बन तेरी खिड़की पर आऊं तो चलेगा क्या? #poetry #nojotoapp
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
कैसे कैसे रास रचाऊं, राधे तुमसे मिलने मैं आऊं, क्या क्या मैं भेष बनाऊं, राधे तुमसे मिलने मैं आऊं, कोई कहे मदारी आया, कोई कहे चूड़ी वाला, कोई कहे ब्राम्हण आया, कोई कहे ग्वाला, कैसे कैसे स्वांग रचाऊं, राधे तुमसे मिलने मैं आऊं, राधे तुमसे मिलने मैं आऊं......!