Find the Latest Status about शीतला सप्तमी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, शीतला सप्तमी.
Anjana Gupta Astrologer
शीतला सप्तमी की हार्दिक शुभकामनाएं। नाम शीतला सप्तमी, पूजा करे अष्टमी। यह भ्रम आज तक ज्योतिषी नहीं तोड़ सके, तो पञ्चाङ्ग कि बात कौन मानेगा। शीतला सप्तमी की पूजा होती है, महिलाएं अष्टमी पूजती है। फिर ज्योतिषी कहते हैं, भद्रा इसमें त्याग है। अब बताओ देवी स्वयं ही भद्रा है। भद्रा में उसकी पूजा होनी चाहिए, लाभ मिलता है।परन्तु वहां भी न कार है। [ सूर्य की एक किरण का नाम भद्रा है, जो सूर्य सप्तमी को आती है। इसलिए उसका नाम शीतला सप्तमी रखा। उसकी सवारी गर्भद है। गधे की चाल से पृथ्वी लोक पर आती है। गधी के एक बूंद दूध की जन्म लेते ही बालक को दे दी जाय, माता के दूध पिलाने से पूर्व तो शीतला का प्रकोप कभी नहीं होगा। शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत् पिता । शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।। इतनी दिन गर्म खाते थे, गर्म स्वभाव होगया था, आज ठंडा खाओ, ठंडे स्वभाव के हो जाओ। शीतला देवी आप सभी की रक्षा करे। अंजना ज्योतिषाचार्य शीतला सप्तमी
Dineshvaishnav901
*👉🏻मेरे महाकाल💞🙏🏻* *💞"मोहब्बत" के 🤗सभी रंग 🔴 बहुत 👌🏻 खूबसूरत" 🥰है* *☝🏻लेकिन" 💁🏻♂️ सबसे खूबसूरत" 👌🏻 "रंग 🔴" वो 🤷♂️ है, जिसमें 👉🏻तुम" थे , 💁🏻♂️"तुम" हो, और 💁🏻♂️ "तुम "ही ✅ रहोगे,* 🙏🏻💞 🙏🏻💞🙏🏻💞🙏🏻 *जय श्री महाकाल शीतला सप्तमी की ढेरों शुभकामनाएं बधाई🙏🏻* ©Dineshvaishnav901 *👉🏻मेरे महाकाल💞🙏🏻* *💞"#मोहब्बत" के 🤗सभी रंग 🔴 बहुत 👌🏻 #खूबसूरत" 🥰है* *☝🏻लेकिन" 💁🏻♂️ सबसे खूबसूरत" 👌🏻 "रंग 🔴" वो 🤷♂️ है, जिसमें 👉🏻तुम" थ
Shankarsingh rajput
Vikas Sharma Shivaaya'
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी अष्टमी को शीतला माता का पर्व मनाया जाता है-इसे बसौड़ या बसौरा भी कहते हैं-शीतला सप्तमी को भोजन बनाकर रखा जाता है और दूसरे दिन उसी भोजन को ही खाया जाता है-इस दौरान विशेष प्रकार का भोजन बनाया जाता है...कहते हैं कि इस देवी की पूजा से चेचक का रोग ठीक होता है..., स्कंद पुराण अनुसार देवी शीतला चेचक जैसे रोग की देवी हैं, यह हाथों में कलश, सूप, मार्जन (झाडू) तथा नीम के पत्ते धारण किए होती हैं तथा गर्दभ की सवारी पर अभय मुद्रा में विराजमान हैं। शीतला माता के संग ज्वरासुर ज्वर का दैत्य, हैजे की देवी, चौंसठ रोग, घेंटुकर्ण त्वचा रोग के देवता एवं रक्तवती देवी विराजमान होती हैं इनके कलश में दाल के दानों के रूप में विषाणु या शीतल स्वास्थ्यवर्धक एवं रोगाणुनाशक जल होता है..., कहते हैं यह शक्ति अवतार हैं और भगवान शिव की यह जीवनसंगिनी है, पौराणिक कथा के अनुसार माता शीतला की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा से हुई थी। देवलोक से धरती पर माता शीतला अपने साथ भगवान शिक के पसीने से बने ज्वरासुर को अपना साथी मानकर लाईं थी। तब उनके हाथों में दाल के दाने भी थे। उस समय के राजा विराट ने माता शीतला को अपने राज्य में रहने के लिए स्थान नहीं दिया तो माता क्रोधित हो गई। उस क्रोध की ज्वाला से राजा की प्रजा को लाल लाल दाने निकल आए और लोग गर्मी के मारे मरने लगे। तब राजा विराट ने माता के क्रोध को शांत करने के लिए ठंडा दूध और कच्ची लस्सी उन पर चढ़ाई। तभी से हर साल शीला अष्टमी पर लोग मां का आशीर्वाद पाने के लिए ठंडा भोजन माता को चढ़ाने लगे...! 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी अष्टमी को शीतला माता का पर्व मनाया जाता है-इसे बसौड़ या बसौरा भी कहते हैं-शीतला सप्तमी को भोजन बनाकर रखा
Harvinder Ahuja
गुलाब सप्तमी यह गुलाब तेरे लिए है, खुद में तेरी खुशबू समेटे, इसकी हर इक पंखुड़ी, तेरी कोमलता का वर्णन करती है, यह खुद में समेटे बैठा है इक सपना, यह जीवन महकाएं की अपना, इन सपनों में ऐसे ही मत खो जाना, यह कांटे भी लिए बैठा है। ©Harvinder Ahuja # गुलाब सप्तमी
Anjana Gupta Astrologer
शीतला सप्तमी की हार्दिक शुभकामनाएं। नाम शीतला सप्तमी, पूजा करे अष्टमी। शीतला सप्तमी की पूजा होती है, महिलाएं अष्टमी पूजती है। फिर ज्योतिषी कहते हैं, भद्रा इसमें त्याग है। अब बताओ देवी स्वयं ही भद्रा है। भद्रा में उसकी पूजा होनी चाहिए, लाभ मिलता है।परन्तु वहां भी न कार है। [ सूर्य की एक किरण का नाम भद्रा है, जो सूर्य सप्तमी को आती है। इसलिए उसका नाम शीतला सप्तमी रखा। उसकी सवारी गर्भद है। गधे की चाल से पृथ्वी लोक पर आती है। गधी के एक बूंद दूध की जन्म लेते ही बालक को दे दी जाय, माता के दूध पिलाने से पूर्व तो शीतला का प्रकोप कभी नहीं होगा। गले के रोग चेचक महामारी को आदि के लिए जरूर पूजन सूर्योदय से पहले करे। अग्नि को प्रज्वलित न करें। शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत् पिता । शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।। इतनी दिन गर्म खाते थे, गर्म स्वभाव होगया था, आज ठंडा खाओ, ठंडे स्वभाव के हो जाओ। शीतला देवी आप सभी की रक्षा करे। अंजना ज्योतिषाचार्य शीतला माता