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राजीव भारती
बचपन होता है कितना मासूम, छल - प्रपंच से एकदम अंजान। जाति- पाति का भेद नहीं जाने, मुखमंडल पर प्रतिपल मुस्कान।। कभी रूठना और कभी मनाना, झगड़ों का ख़ुद करते समाधान। मिल जुलकर रहते हैं आपस में, नहीं बघारते हैं कभी झूठी शान।। मस्त मलंग सदृश उनका जीवन, कटुता का अल्प मात्र नहीं भान। फ़िक्र नहीं करते धूप बारिश की, नहीं तनिक मन में हो अभिमान।। जीवन हो कतिपय ही आनंदित, सुख - दुःख का नहीं कोई ज्ञान।। हर्षित रहता सर्वदा ही तन-मन, मोह-माया भी नहीं करें परेशान। नहीं घमंड अथवा लोभ मन में, एक दूजे के प्रति मान -सम्मान।। रहें विरक्त संसार के उलझन से, ऊंच नीच न कर पायें व्यवधान।। राजीव भारती ©Rajiv Ranjan Verma # कविता/बचपन
SKgujjarchauhan
बहुत उड़ाए बचपन में जहाज हमने बहुत उड़ान भरते थे ऊंची-ऊंची आजकल वो जहाज वाली copy sk नज़र हीं नहीं आती। sk gcH ✍️🕉️ ©SKgujjarchauhan #udaan #writer_skgujjarchauhan #motivate #Thoughts #शायरी #कविता #बचपन #शायरीदिलसेनिकलीहुई
mr Khan
एक बीज था गया बहुत ही, गहराई में बोया उसी बीज के अंतर में था नन्हा पौधा सोया उस पौधे को मंद पवन ने आकर पास जगाया नन्ही-नन्ही बूंदों ने फिर उस पर जल बरसाया सूरज बोला ‘प्यारे पौधे’ निद्रा दूर भगाओ अलसाई आँखे खोलो तुम उठकर बाहर आओ आँख खोलकर नन्हें पौधे ने ली तब अंगड़ाई एक अनोखी नयी शक्ति-सी उसके तन में आई नींद छोड़ आलस्य त्यागकर पौधा बाहर आया बाहर का संसार बड़ा ही अद्भुत उसने पाया #WorldEnvironmentDay किस किस ने ये कविता बचपन में सुनी है
SumitGaurav2005
यादों के संदूक से कोई चीज मिली है, बचपन में लिखी हुई कविता हाथ लगी है। प्यार कोई खेल नहीं, चौकी में जेल नहीं, पटरी पर रेल नहीं, सब्जी में तेल नहीं मार्केट में सेल नहीं, दरिया में व्हेल नहीं, परीक्षा में फेल नहीं, ऐसा कोई मेल नहीं! ©Sumit Mandhana 'Gaurav' Surat यह कविता बचपन में लिखी थी आज मुझे मेरी डायरी में मिली है पढ़ता हूं तो हंसी आती है मासूम कलम कैसी चलती थी! #https://youtu.be/iWNzenk1k2E #sum
Pnkj Dixit
💕🕊️🕊️💕 हंसना और झगड़ना, हैं बचपन के खेल। सच्चे अर्थों में कहें, यें जीवन के मेल।। १९/०२/२०२२ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा‘बेधड़क’ ©Pnkj Dixit 💕🕊️🕊️💕 हंसना और झगड़ना, हैं बचपन के खेल। सच्चे अर्थों में कहें, यें जीवन के मेल।। १९/०२/२०२२ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा‘बेधड़क’ #कविता #बचपन
Pnkj Dixit
🌷🚩🇮🇳 बचपन की यादों का साया, बनकर रहता है हमसाया, यदि मन रहे सदा ही बच्चा.. यह जीवन बन जाए अच्छा।। जो सुख दुःख में रहे समान, सन्त परिभाषा उसको जान, सदाचार है सीधा - सच्चा... भगवान का वही प्यारा बच्चा।। २७/१२/२०२२ 🌷👰💓💝 ...✍️कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit 🌷🚩🇮🇳 बचपन की यादों का साया, बनकर रहता है हमसाया, यदि मन रहे सदा ही बच्चा.. यह जीवन बन जाए अच्छा।। जो सुख दुःख में रहे समान,