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Devesh Dixit
उलझा है मन खुद में उलझा है मन खुद में मेरा, कैसे अपनी मैं बात कहूँ। हे शिव जी अब तो कृपा करो, तुमसे ही अब मैं आस करूँ। दुनिया में है ये विष कितना, बिन पिये मुरझा हम तो रहे। बाजू में छूरी हैं रखते, मुख से श्री राम पुकार रहे। अपराधों की है भीड़ लगी, ले खंजर अब वे भोंक रहे। चैनो अमन है कैसे कहें, वे तो विपदा में झोंक रहे। अब कैसे हो विश्वास यहांँ, संशय में जीवन डोल रहा। जो टूट गये विश्वास यहाँ, रिश्तों में है जंग बोल रहा। मानवता को है चोट लगी, शैतानी जज़्बे जाग उठे। संस्कारों की भी बली चढ़ी, अब देख तमाशा भाग उठे। उलझा है मन खुद में मेरा, कैसे अपनी मैं बात कहूँ। हे शिव जी अब तो कृपा करो, तुमसे ही अब मैं आस करूँ। ....................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #उलझा_है_मन_खुद_में #nojotohindi उलझा है मन खुद में उलझा है मन खुद में मेरा, कैसे अपनी मैं बात कहूँ। हे शिव जी अब तो कृपा करो, तुमसे ही
Anil Ray
भ्रूण विकसित छुअन से गर्भावस्था में बालपन में सम्बल और अपनापन-सा हसीं एहसास स्वजनों की वों छुअन... माता-पिता और भाई-बहनों का स्पर्श अब-तक है बना हुआ तन-मन-धन से इसी साथ ने उज्ज्वल किया है भुवन.. गुरु सानिध्य में ज्ञान छुअन से अवबोध नालायकपन परिवर्तित हो लायक हुआ, पाक! रिश्तें की पवित्र छुअन था विवाह जिससे माता-पिता का रूप प्राप्त हुआ, उम्रभर संतान-भविष्य में सतत् जिंदगी इनकी छुअन! से अंत्येष्टि संस्कार हुआ, अनिल! जरूरी है यह छुअन जीवन में बस! इरादा हृदय का सदा ही नेक हो.. तवायफ़-घर में नंगें थें जिस्म दोनों के कैसे छुअन से औरत ही चरित्रहीन हो.? तवायफ़ की चाहत आत्मकथा लिखूं देखों! शहर में सन्नाटा चारों ओर आज उन शरीफ़ों का आत्महत्या इरादा हो...! ©Anil Ray छुअन बेटी की...............................✍🏻 बिटिया बड़ी हो गयी, एक रोज उसने बड़े सहज भाव में अपने पिता से पूछा - पापा! क्या मैंने आपको क
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
चुप चुप सी मेरी मिल्लत की हालत क्यूं हैं,जब खौफे खुदा नही,तो फिर आज हमे *जालिम से*दहशत क्यूं है//१ यकीनन हम सोचा नही करते कभी अंजाम अपना, तो फिर आज हमे जल्लाद की*कयादत क्यूं है//२ ये महसूस तो करे के,रब रहता है हरदम करीब*रगे गूलू तो फिरआज हमे दर बदर भटकने की ज़रूरत क्यूं है//३ हम अपनी नाफरमानी,नादानी के खुद ही है*बाइस, तो फिर आज हमे खामखां औरो से शिकायत क्यूं है//४ जिस मिल्लत का*हामी हो अल्लाह और कूरान,तो फिर आज इस मिल्लत के हिस्से मे*ज़लालत कयू है//५ कुछ् संगदिलो के सीने मे है,उल्फत,तो फिर आज हम*बशर को बशर से इतनी नफरत क्यू है//६ बेशक हमको मयस्सर है बेशुमार तदादे कुव्वते बाजू,तो फिर आज हमे अबाबीलों के लश्कर की ज़रूरत क्यूं है//७ यकीनन देगा खुदा*फतेह,तू बस*इतेहाद से रह,जललाद खुद होगा खाक,फिर आज तेरे दिल मे *हताहत क्यूं है//८ ऐ मुसलमा न डर,तू*बातिले कसरत से,तेरी की थौ जंगे-बदर मे मदद वो खूदा आज भी है,फिर आज तू उस जात से*गफलत्त मे क्यू है//८* शमा की है उसी खुदा से दुआ,के दुश्मने इस्लाम को कर दाखिल, मजहबे इस्लाम् मे,तो फिर आज हमे इस जंग की*वजाहत क्यू है//९ shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #lonely चुप चुप सी मेरी मिल्लत की हालत क्यूं हैं,जब खौफे खुदा नही,तो फिर आज हमे *जालिम से*दहशत क्यूं है//१*अत्याचारी*भय यकीनन हम सोचा नही क
Nisha Bharti Jha
your fantasy in the canvas of our desires, write my feelings with your hard kisses and make my moans more depth like a writer do for his masterpiece, ah don't just stop on my feelings, let write my desires too, write my life with you, write my feelings with your touch. Write my moans write my desires read my body and let's make our soul calm ! हाँ तू ही किस्मत है मेरी सुन ले सितारे केह हुन
Technocrat Sanam
मुश्किल है अपना मेल प्रिये.. 😅☺️🤗 (new version in my way..) Go through the caption For full entertainment! 🤩🙏🤗 मुश्किल है अपना मेल प्रिये.. ये प्यार नहीं कोई खेल प्रिये! मैं गांव का गँवार छोकरा तुम शहर में पली बढ़ी तुम एसी के कमरों में रहती मैं खेत
Pranay Bhuyar
साहिमे क्या बेहतरीन चीज़ है ये 🌙"चांद"🌙... ना जाने कितने अशिंको को,,,, उनकी 💚"माशुंकाओ"💚 का प्रतिबिंब खुदमे दिखा के उनकी रात रोशन कर देता है...!!! [Caption 👇👇👇] 🔥🔥🔥🔥 अक्सर बचपन में 🌙"चांद"🌙 को देखने, छत पे जाना पड़ता था... पर एक 💚"चांद"💚 था, जो बाजू के बाल्कनी में से ही अपने दीदार से मेरी रात
Kulbhushan Arora
दुआ करता हूं🙏🙏 किसी को भी ना आना पड़े यहां— % & Oncolgy OPD दुआ करो कोई ना आए यहां कौन आए खुशी से यहां? मेरे आजू बाजू हैं दो बुझे बुझे चेहरे दर्द इनका पड़ गई आंखें कितना अर्सा हुआ यहां आते
Kulbhushan Arora
Love at first sight मेरा पहला और अंतिम प्यार...— % & 1975,8March कॉलेज का teenager ...B.sc.. final year govt college Chandigarh, college में blood donation camp लगा किसी कारण वश miss हो गया, मै
Shree
छोटी सी बात कल शाम तुम आए। सब रंग लाए, अपने संग स्वप्न अनगिनत लाए, खुली आंखों से सब दिखाया, उसकी दोनों हथेलियां एक साथ जकड़ कर दूसरे हाथ गुलाल उसके गाल
Satish Chandra
कुर्बान कर दी जान अपनी देश की ख़ातिर एक पल न परवाह की ख़ुद की ख़ातिर मिट्टी से मोहब्बत़ थी इन जाँबाजों को इस हद तक कि मिट्टी में मिल कर ये इसी मिट्टी के हो गए। सरफरोशी की तमन्ना हर पल जिनके दिल में थी ज़ोर हद से भी ज्यादा जिनके बाजू-ए-कातिल में थी वक्त़ आया तो बता दिया जिन्होनें सारे समा को ये कि मो