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Lakhnavi shayar 2.O

Unsplash कुछ ख्वाब चमन में पलकों की हम छोड़ के सोते हैं ।
एहसासों से मन का रिश्ता अब जोड़ के सोते हैं ।
पूछो न मेरे हमदम कितनी अब सर्द हिज़्र की राते हैं,
इक कम्बल तेरी यादों की हम ओढ़ के सोते हैं ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O #Book #शायरी #virel #कविता #रात #इश्क #प्यार #नीरज

Lakhan Rajput BJP

2025 की शायरी

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आप सभी को नए वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं

©Lakhan Rajput BJP 2025 की शायरी

Nitin Pathak

Mayuri Bhosale

शायरी जिंदगी की

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शायरी जिंदगी की.......💞♥️💞
कहते है गुजरी हुई जिंदगी याद मत करना🤫
पर ये  दिल है की अकेला ही रह जायेगा वरना😌♥️
जिंदगी बहुत खूबसूरत है वही 🤗😇
जो दर्द मे भी मिठास लगी सही |🍫🍫

©Mayuri Bhosale शायरी जिंदगी की

Shailendra Anand

लव शायरी हिंदी में कवि शैलेंद्र आनंद

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््रचनादिनाक ,29,, नवम्बर,,2024
वार,, शुक्रवार
समय दोपहर 11,00
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
््लफ्ज़ निकले ध्वनि स्वर पुकार में मुखर हो गये,
शायर और शायरा कवियत्री के अल्फाज़ नगीना में,,
वो लफ्जो में दर्द नज़्म,ग़ज़ल, शायरी से इल्म का मक्ता 
जेहन से निकले, वो लफ्जो में मेरे रच बस गया ््
भावचित्र ््
आपके लफ्ज़ निकले मुखर हो गये ््नज्म, ग़ज़ल ्,शायरी, से ,,
अपने इल्म का मक्ता जेहन से निकले वो दर्द का जूनून इस दिल में रच बस गया।।1।।
 ,वो््भावचित्र सेनयन सजल नेत्रों में झलक उठें,,
 समझो दिल के दरवाजे पर दस्तक हुई,।।2।।
और अपने आप में ,,
कोई बदलाव रिश्ते में तब्दील हो ।।3।।
वो रिश्ता क्या कहलाता है यही इस मुहब्बत के लिये,,
 खुद ही जिंदगी में इन्सान से,प्रेम करते हुए।।4।‌।
 रब के मुलाज़िमों में,,
 वो शिरकत करने वाले हो जाते है ।।5।।
               ््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
29,, नवम्बर,2024

©Shailendra Anand  लव शायरी हिंदी में
       कवि शैलेंद्र आनंद

Mayuri Bhosale

दिल की शायरी

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दिल की शायरी.......♥️♥️
हमारे दिल का दर्द तो कोई नही  समजता यहा,💓💘
लोगो को लगता है अपना है सारा ये जहा, ✊
चलो कर लेते है थोडी मनमानी ही सही,💞💞💕
पर बेचारा दिल होश संभाल के खडा हो जाता है वही ,💟
आखिर कहते है ना दिल की बात दिल ही जाने है |❣️♥️

©Mayuri Bhosale दिल की शायरी

Shailendra Anand

हिंदी शायरी ्््भावचित्र ््््् कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,,28,,11,,2024
वार,, गुरुवार
समय,, सुबह पांच बजे
्््भावचित्र ््
््््निज विचार ््
्््शीर्षक ्््
््ये मोहब्बत में दिल से, जन्मा ये आत्मप्रेम का मन्ज़रनामा््््रचना्््भावचित्र ्््
््ये मोहब्बत और दिल से,
 जन्मा आत्म मन्ज़रनामा््््
वाह बहुत खूब जनाब ने फ़रमाया है,,
 यह दिल बाजार से उठकर,
 किसी नक्काशी वाले के हाथ पत्थर के बुत में,
 हथौड़े छिनी और उस पत्थर के बुत में समा गई।।
 वो मोहब्ब्त जो निकलती भी नहीं,
 और मेरे घर आंगन में किराये के,,
 इस दिल के दरवाजे पर दस्तक दे चुकी है ।।
अब बताओ मैं करु तो क्या करु,
,,हरुफ से स्वरुप में विराज रही है, 
प्रेम शब्द की शब्दावली से धड़कने बनकर,
 दिलों में बारुद लेकर विस्फोट कर चुकी हैं ,,
अब जाय तो मस्तिष्क रुपी चक्की में पीस पीस कर देख रहा हूं।।
 मैं इस पत्थर की बेजान शिला मैं शैलेंद्र जो पत्थर ही मेरा शाब्दिक अर्थ,
 मौलिक कल्पना में ही आनंद है,,
 जो कला संस्कृति साहित्य में ,
एक जीवंत कलाकृति होती है।।
यही है मोहब्बत का मन्ज़रनामा,
 जो हर पल हर क्षण हरहाल में,, 
अपने वज़ू में इल्म नूरानी मोज्जां ,
चमत्कार से कम नहीं है।।
हम तो बस एक फानूस है, 
किसी की मोहब्बत भरी नज़रों के,,
आप मेरे दिल का आयना नजरिया है,।।
यह दरिया दिल के समन्दर में,,
मिले ना मिले ये मोहब्बत,
 ये मन्ज़रनामाये दिलों की पालकी है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
28,,, नवम्बर 2024,,

©Shailendra Anand  हिंदी शायरी
्््भावचित्र ्््््
कवि शैलेंद्र आनंद

Rajiv Jiya Kumar

दिल की बात शायरी

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Shailendra Anand

शायरी दर्द ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,,16,, नवम्बर 2024
वार। शनिवार
समय। सुबह पांच बजे
््निज विचार ््
्््भावचित्र ्््
्््शीर्षक ्््
 ्््ऐ नज़र ््््निजविचार्भावचित्र ्
  ्शीर्षक ्
ऐ नज़र 
     बड़े खुश नसीब है वो,,
     जो अपने होते नहीं देख सकते थे।।1।।
    जिन्हें अपना कहते थकते नहीं थे,,
    वो लफ्जो से आस्तीन के सांप बन गये।।      
     देखें सपनो में खो गए ऐ नज़र,,
     वो लफ्जो का नूर काफ़िर बन गया।।3।।
     कहने को परखना तन मन नहीं,,
     ये पूतला माटी का नही है।।4।।
      ये इबादत अकीदत पेश किया गया,,
      मेरे हजूर नबी की खिदमत में पेश है।5। 
      ये अल्फाज़ नगीना है नूर है,,
      ये साफ़ आयना मेरे ज़िगर से है।6।
        ये ईमान लिखूं या प्रेम की हकीकत,,
        ऐ नज़र इश्क में जो कुछ लिखा गया,, 
         वो मतला तेरे ख्यालों का,,
         ये नूर ए नज़र रुहानी जिंदगी का।7।
          यूं ही पत्थरों को तराशते रहे,, 
         किसी कि याद में  जिंदगीसवार दी।8।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््                
            किसी की यादों में हम दिलों सए

©Shailendra Anand  शायरी दर्द
्््््कवि शैलेंद्र आनंद

Deepankar

मन की पीड़ा शायरी

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