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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल:- वो ख्वाबों की दुनिया सजाने लगे थे हमें देखने आने जाने लगे थे ।। छुपाने पड़े थे हमें भी तो आँसूँ । सनम दूर हमसे जो जाने लगे थे ।। नज़र जब कभी इत्तफाकन मिली तो उन्हें देख कर मुस्कराने लगे थे ।। यहाँ चाँद सबको कहाँ मिल सका है । चरागों से जीवन बिताने लगे थे ।। कभी चैन हमको न आया किसी पल । सुनो हाल दिल जब छुपाने लगे थे ।। अभी भी तरसती है आँखें उन्ही को । जिन्हें दिल में अपने बसाने लगे थे ।। हुए दूर हमसे वही आज फिर से । जिन्हें ज़िन्दगी हम बनाने लगे थे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल:- वो ख्वाबों की दुनिया सजाने लगे थे हमें देखने आने जाने लगे थे ।। छुपाने पड़े थे हमें भी तो आँसूँ । सनम दूर हमसे जो जाने लगे थे ।। नज़र जब
Pyari si Aahat
White कांटो पर भी दोष कैसे डाले जनाब पैर तो हमने रखा वो तो अपनी जगह पर थे.. ©सत्यमेव जयते #अपनी जगह पर थे..
Arun kumar
White पहुँच से बाहर हो गये वो रिश्ते जो कभी साथ थे .. चुप से हो गये आज जो कभी मेरे खुले अल्फाज़ थे ... ©Arun kumar #safar अल्फाज़ थे
Dev Rishi
ताज की महक तुम हो ये लिबास पहनी क्या तुम हो वो कौन थे समाज के चंद लोगों में शामिल मज़ाक हर जात का उड़ा रहे थे क्या तुम थे..? ©Dev Rishi #तुम थे
M R Mehata(रानिसीगं )
जय माता दी ©M R Mehata(रानिसीगं ) अरमान बहुत थे....
Bhanwar Panwar
Black चेतक पर चढ़ जिसने भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर जंगल में कई साल गुजारे थे… ©Bhanwar Panwar चेतक पर चढ़ जिसने भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर जंगल में कई साल गुजारे थे…
Dalip Kumar 'Deep'
Shayer tera ©Dalip Kumar Deep 🌹✍🏿लोग युँ भी जागते हैं😊💕