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Mr.Lavkushwaha
सोचता हूँ, दोस्तों पर "मुकदमा" कर दूं। सोचता हूँ, दोस्तों पर "मुकदमा" कर दूं। कम से कम इसी बहाने , तारीखों पर "मुलाकातें" तो होगी।। 😎 ✍,:-लवकुश कुशवाहा सोचता हूँ, दोस्तों पर मुकदमा कर दूं। सोचता हूँ, दोस्तों पर मुकदमा कर दूं। कम से कम इसी बहाने , तारीखों पर मुलाकातें तो होगी।।
सोचता हूँ, दोस्तों पर मुकदमा कर दूं। सोचता हूँ, दोस्तों पर मुकदमा कर दूं। कम से कम इसी बहाने , तारीखों पर मुलाकातें तो होगी।। #विचार
read moreSunita Rai
सोचती हूँ कि दोस्तों पर मुकदमा कर दूं सोचती हूँ कि दोस्तों पर मुकदमा कर दूं कम से कम तारीखों पर मुलाकात तो होगी सोचती हूँ कि दोस्तों पर मुकदमा कर दूं 😍😘
सोचती हूँ कि दोस्तों पर मुकदमा कर दूं 😍😘 #Shayari
read moreAk siddiqui
जी करता है दोस्तों पे मुकदमा कर दू अदालत में इसी बहाना मुलाकात तो होगी। Ak siddiqui जी करता है मुकदमा कर दू
जी करता है मुकदमा कर दू
read moresubodh namdev
सोचता हूँ कि तुझपे मुकदमा कर दू।। Shalu Kumari Kalika Jitendra Singh Sanjay Kumar Ayeaha S Payal Singh #Shayari
read more💞 Ashvani Jatav 💞
9आज को अपने माँ बाप की सेवा पर लुटा दू। क्या पता कल ये सब करने के लिए में जिन्दा हीं ना रहूँ । Ashvani Jatav सोचता हूँ कि क्यो ना अपने आज को अपने माँ बाप की सेवा पर लुटा दू।
सोचता हूँ कि क्यो ना अपने आज को अपने माँ बाप की सेवा पर लुटा दू।
read moreParasram Arora
मै अपने गुरुर के बारे मे आपको क्या बताऊँ जो जंग मैंने कभी लडी नहीं उसे जीतने की बात सोचता हूँ. ख्वाहिशों के मरुध्यान मे. चिराग जले या बुझे मै जिंदगी से ज्यादा ख्वाहिशों के बारे मे सोचता हूँ अपनी हर आती जाती सांस पर पहरा बैठा रखा है मैंने कहीं ये सांस मेरी आख़री सांस तों नहीं बस हर बार यही सोचता हूँ शुक्र करो कि अपने हौसलों क़ो मैंने ज़िंदा रखा है आजतक कहीं बुझ न जाये ये हौसलों के चिराग बस यही बात सोचता हूँ ©Parasram Arora सोचता हूँ ?
सोचता हूँ ? #शायरी
read moreSarthak dev
सोचता हूँ कभी तो डर लगता है मुझे शहर जाना अब ज़हर लगता है आंसुओ के समंदर में यादों की नाव माँ की झुर्रियां पिता का पांव हरकतें बचकानी मेरी,मेरा प्यारा सा गाँव वो सूखे हाथ बढ़ती उम्र में रहना उनके साथ चाय के प्याले की नींव पर तमाम यादों की शाम सब छोड़कर जाना एक नौकरी के नाम ।। ©Sarthak dev सोचता हूँ
सोचता हूँ #शायरी
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