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एक इबादत
हो इजाजत तो दिल के राज बताऊं क्या तू मेरी संविधान मैं तेरा अनुच्छेद बन जाऊं क्या , संशोधन फेरो के बाद करते रहेंगे तब तक के लिए तुम मेरी मूल अधिकार बन जाओगी क्या,जो मैं कभी गलत राह पे चलूं तो तुम मेरी habeas corpus (बन्दी-प्रत्यक्षीकरण) बन जाओगी क्या ,गर जो मैं तेरा हाथ छोड़ने लगूं तो कोई नया प्रावधान लाओगी क्या , तीसरा कोई जिंदगी में अगर नागरिकता मांगे तो basic instructer ( आधारभूत ढांचा) की तरह अडीग रह पाओगी क्या, दुनिया में भ्रमित करने वाले बहुत मिलेंगे पर अफवाहों को छोड़कर क्या तुम मेरी नीति निदेशक तत्व बन पाओगी क्या,जब सारी दुनिया खिलाफ हो तो पांचों रिट की तरह स्तंभ बन के खड़ी रह पाओगी क्या, मेरी बुराई होता देख क्या तुम अनुच्छेद 19 बन पाओगी क्या, जब कभी हम दोनो के बीच में मनमुटाव आ जाए तो संसद के गठन की तरह अनुच्छेद 79 बन पाओगी क्या , कहने का विषय यह है की क्या तुम इस संविधान की आत्मा बन पाओगी क्या... !! #ladli_miss_you_ #kavi_ki_mohabbat #kavi_ke_alfaaz_nir_k_jazbat_smjho_tum #kavi_ka_pyar_ho_tum_ladli #kavi_ki_jindgi_ho_tum #kavi_ke_ja
नेहा उदय भान गुप्ता
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था। चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था। कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर। तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर। 58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन। करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन। 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान। 299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद। 26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान। तबसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता संविधान दिवस। सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमें विधान। बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान। है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद। 12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।। 5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन। धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन। एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश। सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष। नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी। बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी। 26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान। इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। कविता - जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था। चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था। कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर। तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर। 58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन। करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन। 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान। 299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद। 26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान। तबसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता संविधान दिवस। सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमें विधान। बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान। है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद। 12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।। 5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन। धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन। एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश। सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष। नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी। बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी। 26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान। इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। कविता - जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल
Bharti 111
तत्व और राशि अग्नि तत्त्व की राशि मेष , सिंह , धनु वायु तत्त्व की राशि तुला , मिथुन , कुंभ भूमि तत्त्व की राशि वृष, कन्या, मकर जल तत्व की राशि कर्क , वृश्चिक , मीन ©Bharti Rajpoot तत्व और राशि #तत्व #राशि
RjSunitkumar
अगर तुम्हारी नीति नेक है राह सही है तो जीवन में मुसीबतें आ सकती है पर रुकावटें आप के रास्तों को रोक नहीं सकती। नीति।
Rajeswari Rath
भूल ना पाएंगे-स्मृति बांध ना पाएंगे-समय जान नही पाएंगे-भविष्यत पहचान ना पाएंगे-इन्सान खरीद नही पाएंगे-मन फिर से नही लौटेगा-अतीत नीति
saini
सोच समझकर आना तुम शहर कमाने के लिए , दुसरो से पूछना पड़ता है फिर अपने घर जाने के लिए 😔 ©@Saini shayar नीति.......
Parasram Arora
साम्प्रदायिक हिंसा हो या फिर किसी घोटाले की करतूत...... ज़ब तक अपराध प्रमाणित नहीं हो जाता तब तक अपराधी साफ है उजला है एक लम्बे समय तक वो तथाकथित दागी. अपने अपराधी अस्तित्व क़ोसफ़ेद कपड़ो में बचा कर रखने में सक्षम होता है .. अपने अपराधी चेहरे पर मुखौटे लगा कर. एक सम्मानित नागरिक बना रहता है समाज में.... इस दर म्यान कई बार पद्मभूषण और ताम्र पत्र भी पाने में सफल हो जाता है और यही है वे शातिर लोग. ज़ो समाज में. धर्मकी दुहाई देतेहै लोगो में भरोसा बनाये रखने के लिये अच्छी अच्छी नसीहते बाँटा करतेहै ©Parasram Arora अपराधी तत्व......