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Riya Jaiswal
Experienc life की सबसे अच्छी education है। उसे situation से match करके देखें, बुद्धि सामने पड़ी मिलेगी। ©Navya Jaiswal दीमाग लगाओ #apjabdulkalam
Ganesh Din Pal
कई बार गलतफहमी से रिश्ते बिखर जाते हैं। पल-पल जोड़कर बनाए रिश्ते टूट जाते हैं। कभी आवेश में तो कभी ईर्ष्या में रिश्ते बिगड़ जाते हैं। बात समझते नहीं बातों का बतंगड़ कर जाते हैं। तै बड़ी की मैं बड़ी में रिश्ते झुलस जाते हैं। आंख से देखें बिन और कान से सुने बिन विश्वास कर जाते हैं। पता नहीं क्यों लोग एक झटके में प्यार भरे दिल को तोड़ जाते हैं। दीवार अपनों में दीवार परिवारों में बिना सोचे समझे कर जाते हैं। परिवार को चूल्हा समझ लकड़ी लगा जाते हैं। मुद्दतों से सिल-सिल कर बनाए रिश्ते को उघाड़ जाते हैं। कान नहीं टोते कौवा खदेरे जाते हैं। कई बार गलतफहमी से रिश्ते बिखर जाते हैं। ©Ganesh Din Pal #दीमाग की बत्ती जलाओ
KHAGESWAR BHATBOI
में मन् से पीआर करना जानता हूँ लेकिन तु दिमाग से ईसलिए सब तेरे को नफरत की नजरों से देखते हैं मन से जो पीआर करते हैं वो मन से रोते हैं जो दीमाग से पिआर करते हैं वो रोने का नाटक करते हैं ©KHAGESWAR BHATBOI मन रोएगा ओर दीमाग नहीं रोएगा एहसास मन् का नफरत का दीमाग कभी पीआर कर नहीं सकता...
DR SHAILESH YADAV
Raj F Thakor F
यज राजपूताना लोग डरते है मुजसे क्यु की मे दिल नरम ओर दीमाग गरम रखता हू हम राजपूत है राज करै दीलो पे या कीलो पे
Poonita Sharma
गाडी में अगर ब्रेक ना हो तो दुर्घटना निश्चित है... जीवन में अगर संस्कार और मर्यादा ना हो तो पतन निश्चित है! ©Poonita Sharma अगर हम अपने फोन में एक फोटो जो साफ नहीं आई उससे नहीं रख सकते तो अपने दीमाग में गंदे विचारों को संग्रहित कैसे कर सकते है🙃🙃 #sunrays SumitG
दि कु पां
इक घटना सच्ची सी... कृपाया अनुशीर्षक में पढ़े... एक घटना सच्ची सी... कहानी एक ऐसे शख्स की है जो किसी तरह मजदूरी कर अपने घर का गुजर बसर करता था.. घर में एक छोटी बहन और सिर्फ़ मां ही थी उसके.
Ravendra
Nisheeth pandey
ये इश्क का रोग बहुत हसीन है, दूसरे मर्ज़ तो हमें लग जाते हैं, पर इसको हम खुद ही लगाते हैं, इसकी न दवा है, न वैक्सीन है. टी.बी., केंसर का टेस्ट हो जाता है शूगर और हार्ट चेक हो जाता है, पर इस रोग का कोई चेकअप नहीं, ये बड़ा कमीना है, बड़ा कमीना है, हरेक मर्ज़ की एक मुद्दत होती है कोई न कोई दवा भी होती है,पर इश्क का रोगी खूब जानता है, बचेगा नहीं वो, मर्ज़ बड़ा संगीन है. इसका होता है नहीं कोई डाक्टर, नही कोई क्लिनिक न कोई सेंटर, लव-गुरु भी बेकार साबित हुए हैं, कहते हैं डरो मत रोग ये रंगीन है. इसका रोगी दुनिया से कट जाता है, कलेजा उसका पूरा फट जाता है, बस एक ही शख्स याद रहता है उसे, वही उसका आकाश वही ज़मीन है. पर इश्क का रोग बहुत हसीन है....... ये इश्क का रोग बहुत हसीन है, दूसरे मर्ज़ तो हमें लग जाते हैं, पर इसको हम खुद ही लगाते हैं, इसकी न दवा है, न वैक्सीन है. टी.बी., केंसर का टे