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Stories related to बरषहिं जलद कविता

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यशवंत कुमार

#baadal #clouds जलद (बादल) सर सर सर सर जलद सरस। झर झर झर झर जलद बरस। हरक्षण धवल जलद बरस।

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जलद (बादल)

बिना मात्रा की कविता।

Read in caption 
 #baadal #clouds 

जलद (बादल)

सर सर सर सर जलद सरस।
झर झर झर झर जलद बरस।

हरक्षण धवल जलद बरस।

RAJU Chauhn

कविता कविता

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Awanish Singh

कविता कविता

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Kishan Gupta

किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, 
पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, 
 
चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी,
इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो।

                                          ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #

sahil

कविता कवि कविता

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AnishaDodke

कविता कविता #BookLife #मराठीकविता

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कविता
कवीला वेळ नसतो
कवीला काळ नसतो
फावल्या वेळात तो 
कविता लिहीत असतो!

कवितेत करियर नाही 
योग्य आहे
पण करियर सोबत
 कविता करणे हाच छंद आहे!

कवितेत आसन नाही ये 
दुःख आहे
पण कवितेचं वेशन आहे
हेंच सुख आहे....!

रिकाम्या डोक्यात काही 
तरी सूचन आणि कागदावर
मांडण हेच माझं 
काव्यलिखाण आहे.....!

कवयित्री:कु अनिषा दोडके

©AnishaDodke कविता

कविता

#BookLife

Balu Khaire

कविता कविता #lonely

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भीगी हुई आँखोका मंजर न मिलेगा,
घर छोडकर मत जाओ कही घर ना मिलेगा।
फिर याद बहुत आएगी जुल्फो की शाम,
जब धूप मे साया कोई सर न मिलेगा।
आंसू को काभि ओस का कतरा न समझना,
ऐसा तुम्हे चाहत का समुदर ना मिलेगा।
इस ख्वाब के माहोल मे बे-ख्वाब है आँखे,
जब निंद बहुत आएगी बिस्तर ना मिलेगा।
ये सोचलो आखरी साया है मोहब्बत,
इस दरसे उठोगे तो कोई दर ना मिलेगा

©Balu Khaire कविता

कविता

#lonely

vijaysinh

#कविता #क़लम कविता

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writing quotes in hindi  मन पीढ़ा से बैचेन हो जाता है,

तब जा के क़लम कागज स्याही रोता है।

क़लम खुद का नहीं,औरों का  दुख 

रोता हैं।

हर पन्ने पर क्रांति की बीज बोता है।

दुनिया में सब से ज्यादा दुखी  क़लम हैं,

हर वक़्त खून के आंसू रोता है,

खून रूपांतर चंद लकीरों में होता है।

अब लोक उसे अल्फ़ाज़ समजते हैं

पर वह अल्फ़ाज़ नहीं लब होते हैं

जो क़लम के दिलसे निकले होते है। #कविता 
#क़लम कविता

Dharm Veer Raika

Amrendra Kumar Thakur

कविता दोस्ती कविता

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