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Sunil Kumar Maurya Bekhud
सोने जैसा चमक रही सूरज की किरणों में तपकर जलधारा विचरण करती है गोदी में अगणित जलचर इनका रूप रंग बदला है देख उसे खुद इठलाती जैसे कोई मूर्ति बनी हो काट छांट करके पत्थर ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #,जलधारा
#,जलधारा #कविता
read moreDR. LAVKESH GANDHI
लाश बह थी जब मैं लाश बनकर नदी की जलधारा में तब मुझे कोई रोकने-टोकने वाला नहीं था जब मैं जिंदा थी तो लोग पूजते थे मुझे चारों तरफ से घेर लेते थे मुझे लोग आज बह जाने देते हैं मुझे लोग नहीं कोई टोकते हैं मुझे लोग ©DR. LAVKESH GANDHI #feelings # # समय की जलधारा #
feelings # # समय की जलधारा #
read moreJiten rawat
Standing near the window, I saw अग्यार है तू मेरा यार न बन, तू एक ही रह हज़ार न बन। #अग्यार = अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन) #nojotoshayri #nojotolover #aloneboy #nojotowriter #jitenrawat
#अग्यार = अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन) #nojotoshayri #Nojotolover #aloneboy #NojotoWriter #JitenRawat #शायरी
read moreTarun Vij भारतीय
हुकूको का अपने जो तलबगार हो गया मैं, हुकूमत के आगे इक गुनहगार हो गया मैं। ©Tarun Vij भारतीय हुकूक - हक का बहुवचन तलबगार - मांगने वाला #politics #farmer #farmersprotest #fightforright #autocracy #tarunvijभारतीय
हुकूक - हक का बहुवचन तलबगार - मांगने वाला #Politics #farmer #farmersprotest #fightforright #Autocracy #tarunvijभारतीय
read moreTarun Vij भारतीय
हुकूको का अपने जो तलबगार हो गया मैं, हुकूमत के आगे इक गुनहगार हो गया मैं। हुकूक - हक का बहुवचन तलबगार - मांगने वाला #rights #politics #intolerance #farmer #farmersprotest #fightforright #autocracy #tarunvijभारतीय
हुकूक - हक का बहुवचन तलबगार - मांगने वाला #Rights #Politics #intolerance #farmer #farmersprotest #fightforright #Autocracy #tarunvijभारतीय
read moretaufik mahida
झमीर=खुद का कीरदार अदीब = विद्वान, जानकार गीला=बुरी बाते अग्यार = अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन) असद = सिंह, शेर, केसरी, #taufikmahida #غزل #NojotoAnniversary2020 #tofaheshayrana
read moreShivam Tiwari
किधर से आते हो तुम, और कहाँ तुम्हे जाना है, एक दिन तो तुम्हे भी, किसी सागर मे मिल जाना है। इतने ऊपर से गिरकर जब, चट्टानों से टकराते हो, सारे जख़्म छुपा कर भी, मधुर धुन सुनाते हो । अपना वजुद मिटा कर तुम, समन्दर में खो जाते हो, पर पीछे अपनी एक मीठी झनकार छोड़ जाते हो । अपने पल भर के जीवन को तुम, साकार बना देते हो, बहकर अविरल धारा से, हम में सौ भाव जगा देते हो। है विनम्रता पहचान तुम्हारी, इतना सहज तुम्हारा स्वभाव है जल कहे अपनालो मुझसे, इन गुणों का तुझमें अभाव है । क्यों बेवजह डरते हो तुम, क्यों भय तुम्हे गिरने का सोचो मैं ही अगर डर जाता तो, क्या दीदार करता कोई झरने का । --शिवम् तिवाड़ी (Image clicked at Nidaan Waterfall, Jabalpur 23/9/19) संदेश सुनाती जलधारा रचयिता- शिवम् तिवाड़ी अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें #nojotohindi #HindiPoetry
संदेश सुनाती जलधारा रचयिता- शिवम् तिवाड़ी अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें #nojotohindi #hindipoetry #कविता
read moreSandeep Bhardwaj
अभी मैदान नापा है, मुझे सागर के पार जाना है ऊंचाईयां छूनी है मैंने, बादल बन जाना है ये ऊंची चोटियाँ रोकेगी मुझको कितना अब मैं इक दरिया हूं, मुझे रस्ता खुद बनाना है जीवन: इक जलधारा #nojotovoice #nojotohindi #dil #muhbbat #love #sayari #2liner #jindagi #life
जीवन: इक जलधारा #Nojotovoice #nojotohindi #Dil #muhbbat #Love #sayari #2liner #Jindagi #Life
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