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malay_28
White मेरी तनहाइयाँ मुझसे जुदा होना नहीं चाहे न जाने कौन मुझको दे रहा आवाज़ आहिस्ता . ©malay_28 #आहिस्ता
R.y
आहिस्ता चल जिंदगी अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है, कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फर्ज निभाना बाकी है, रफ्तार में तेरे चलने से, कुछ रूठ गए कुछ छुट गए, रूठों को मनाना बाकी है, रोतों को हसाना बाकी है, कुछ रिश्तेबन कर गए कुछ जुड़ते-जुड़ते टूट गए, उन टटे-ठूटें रिश्तों के, ज़ख्मों को मिटाना बाकी है, कुछ हसरते अभी अधुरी है,आहिस्ता चल जिंदगी. ©R.y #आहिस्ता#चल#जिंदगी
Rahul
White आहिस्ता चल ज़िन्दगी, अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है, कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है!! ©Rahul #Emotional आहिस्ता चल ज़िन्दगी,
malay_28
कोई दुखती रगों को छू गया है आज आहिस्ता किसी के देखने से बज उठा है साज़ आहिस्ता. ©malay_28 #आहिस्ता
Sunil Kumar Maurya Bekhud
वही शाम वही रात वही तारे हैं मगर मायूस दिल वही नजारे हैं लगा था कल जंग जीत कर आए आज बैठे हैं जैसे जिंदगी से हारे हैं मेरी जहां से खफा हो चांद गया गम मैं डूबे मिलते नहीं किनारे हैं गुल खिले खुशबू से घुट रहा है दम आज बेखुद हमें तड़पा रही बहारें हैं ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #गजल
Dr. Alpana suhasini
न जाने क्या ज़माना चाहता है, मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है। मेरी मासूमियत को छीन कर क्यों, मुझे शातिर बनाना चाहता है. अभी कोई कमी बाक़ी है शायद, जो फिर से आज़माना चाहता है। मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से, उजाले में वो आना चाहता है। निगाहों से लगे सीधा जिगर पर, वो इक ऐसा निशाना चाहता है । परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश, नशेमन फिर बसाना चाहता है। अल्पना सुहासिनी ©Dr. Alpana suhasini #गजल#गजल_सृजन #
Sunil Kumar Maurya Bekhud
गजल करवट बदल बदल कर क्यूं रात बितातें हैं इक नाम क्यों जमीं पर लिखतें हैं मिटाते हैं मालूम है डगर में लुट जातें हैं मुसाफिर गर लुट गए तो फिर क्यों अब शोर मचाते हैं कट कर पतंग कोई आती न लौट करके धागे में बांध फिर क्यूं खुशियों को उड़ाते हैं ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #गजल
Kiran Chaudhary
आहिस्ता चल ज़िन्दगी, अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है, कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है!! ©Kiran Chaudhary आहिस्ता चल ज़िन्दगी.. #boatclub
Anand Ji Mayura Ji
ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी । सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी । -------------------------------------- अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको , मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी । -------------------------------------,- माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का , पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी । --------------------------------------- खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको , रोज मरने की मौत भी टल जाएगी । ---------'ल-----------'---- बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी। बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , ©Anand Ji Mayura Ji गजल