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Shilpa Yadav

#lovelife #गजल#गजल_सृजन #shilpayadavpoetry R Ojha Neel Vishalkumar "Vishal" Ravi Ranjan Kumar Kausik Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"

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Unsplash आजकल लिख रही हू मनमर्जियां अपनी
सच कह नहीं सकती तो झूठ उधार लेती हूं
बेशक मैं दर्द ए मुरीद सी भूल जाऊं खुदको
अपने शब्दों से लोगों को सुधार देती हूं
तरबियत इतनी कि तबियत खराब कर दूं
कह दो जरा तो अपनी न सही दूसरों की
भी जीवनी को पन्ने पर उतार देती हूं
मैं वो शख्श हूं जिसका जमीर जिंदा है
सच कह नहीं रकती तो झूठ उधार लेती हूं

©Shilpa Yadav #lovelife #गजल#गजल_सृजन #shilpayadavpoetry R Ojha  Neel  Vishalkumar "Vishal"  Ravi Ranjan Kumar Kausik  Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"

Prakash Vidyarthi

Gurudeen Verma

White शीर्षक - आबाद मुझको तुम देखकर आज
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आबाद मुझको तुम आज देखकर।
लेने खबर मेरी तुम आ गए हो।।
थकते नहीं अब तारीफ करते।
मुझको बुलाने तुम आ गए हो।।
आबाद मुझको तुम-----------------------।।

करते नहीं थे कल बात मुझसे।
लगती थी बुरी मेरी गरज कल।।
मेरा चमन जो महका है आज।
खुशी बाँटने तुम आ गए हो।।
आबाद मुझको तुम-----------------।।

समझा था कल क्यों कमजोर मुझको।
मिलाया नहीं क्यों कल हाथ मुझसे।।
मौजूद हैं आज मेरे सँग सितारें।
मुझको मनाने तुम आ गए हो।।
आबाद मुझको तुम-----------------।।

करते थे परदा कल क्यों मुझसे।
बुलाया नहीं क्यों महफ़िल में मुझको।।
बेताब हो आज सुनने को मुझको।
हमको लगाने गले तुम आ गए हो।।
आबाद मुझको तुम-----------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गजल_सृजन

Gurudeen Verma

शीर्षक- छोड़ दिया है मैंने अब,फिक्र औरों की करना
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छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना।
औरों की फिक्र में बीमार, खुद अपने को करना।।
छोड़ दिया है मैंने अब------------------।।

सोचता हूँ मैं अब, अपनी खुशी के ही बारे में।
मतलबी हैं यह दुनिया, इससे आशा भी क्या करना।।
छोड़ दिया है मैंने अब--------------------।।

दोस्त जिनको कहते थे हम, हो गए वो अब दुश्मन।
ऐसे हो जब रिश्तें यहाँ, तारीफ़ किसी की क्या करना।।
छोड़ दिया है मैंने अब------------------।।

औरों के आशियानें जलाकर, करते हैं रोशन अपना घर।
ऐसे लोगों से दया- धर्म की, उम्मीद कभी क्यों करना।।
छोड़ दिया है मैंने अब-----------------।।

किसने मुझे इमदाद दी है, जब था मैं मुफलिसी में।
मुश्किल से आबाद हुआ हूँ , गुलाम नहीं खुद को करना।।
छोड़ दिया है मैंने अब-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गजल_सृजन

ANURAG

हाल दिल का सुनाना चाहता था,
तुम्हे अपना बनाना चाहता था,
 
कब तलक छुपाऊं अपनी मोहब्बत,
तुम्हे हाले दिल बताना चाहता था,

शर्मो-हया से रुख पर जो बिखरी जुल्फें तेरी,
उनको रुख से हटाना चाहता था,

एक मुद्द्त से रहा प्यासा तेरी चाहत का,
तुझको एक बार सीने से लगाना चाहता था,
 
तुम मुझे ही चाहो और दुनिया भुला दो,
जादू यह इश्क का चलाना चाहता था, 
तब
तुम्हे दिल में बसा कर लिखी जो ग़ज़ल थी,
अब
उसे तुम्हे सुनाना चाहता हूँ।

©Prem_pyare #writer #गजल_सृजन #प्यार_का_एहसास

दीपक झा रुद्रा

जिस्म नुचेगी नहीं बेटी की मगर "दीपक"! हाथ में खंजर ये लो उसे थमा देना।। #बेटियां #हिंदी #कविताएं #शायरी #गजल_सृजन #myvoice

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