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Rajni Vijay singla
वोट डालने के बाद पता चलता उल्लू नेता नहीं उल्लू बने हम फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम ©Rajni Vijay singla #बच के रहना रे बाबा
Rajni Vijay singla
वोट डालने के बाद पता चलता उल्लू नेता नहीं उल्लू बने हम फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम ©Rajni Vijay singla #बच के रहना रे बाबा
Nik JAT
वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मुस्कान इतनी प्यारी, जैसे-फूलों की सुंदर सी फुलवारी, स्वभाव इतना शीतल, जैसे-कड़ी धूप में इकलौता हरा -भरा पीपल, वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, नादान से बच्चे की तरह करते थे बातें, कभी -कभी बातें ऐसी, जैसे - नासमझी से ज़िंदगी की कहानी सुना रहे हों, रूठना तो उन्हें,क्या खूब आता था, कहीं उनकी तबियत खराब ना हो जाएं, ये सोच कर जब पापा, घर से बाहर जाने को मना करते थे, फिर देखो उनका ड्रामा - कैसे गुस्से से मुंह फूला कर नाक सुकड़ते थे। रूठना तो उन्हें, क्या खूब आता था, जब वो कहीं जाते तो घर सुना कर जाते, हर शक्श की नज़रे उन्हीं को तलाश करती, याद उन्हीं को करके, बस उन्हीं की बात करती। वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं, उदासी का मंजर,काले बादलों को तरह छा रहा था। बुरे विचारो का सैलाब, तेजी से आ रहा था, और घर हर शक्श झूठा सा मुस्कुरा रहा था। जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मेरी कविता के हर किस्से, उन्हीं की जिंदगी के हैं हिस्से। ©Nik JAT #प्यारे बाबा
vidushi MISHRA
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. कितने रंग होली पर चढ़े और होली में ही उतर भी गये और एक आपकी यादों और वादो का रंग है जो आज तक उतरा ही नहीं और भी गहरा होता चला गया... ©vidushi MISHRA बाबा
Arora PR
चल चल रे मुसाफिर चल तू उस दुनिया मे चल जहा न हो कोई फ़िक् जहा न हो मौत का कोई डर ©Arora PR चल चल रे मुसाफिर चल
KHEMPAL SISODIYA MOTIVATIONAL
प्रितफुल (प्रित)
मनासारखे..... मनासारखे तू अता वाग थोडे नको घाबरू तू पुन्हा माग थोडे धुळीला मिळाले सुखांचे मनोरे नशीबात आले पुन्हा डाग थोडे मनाला कुणाचा मिळेना सहारा वसंती फुलावे इथे बाग थोडे तिला भेटलेला खरा यार होता किती संधिसाधू महाभाग थोडे तुझ्या आठवांनी मला वेड लागे सुचावे तुलाही विरहराग थोडे अजूनी उभी आस लावून प्रीती दिली तूच वचने, सख्या जाग थोडे दिली आहुती आज माझीच मी रे करावेस तू ही कधी त्याग थोडे प्रितफुल (प्रित) ©प्रितफुल (प्रित) #मनासारखे अत्रंगी रे...!!! Kavita Pudale