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Knazimh

हम किस को बताए,अपना हाल-ए-दिल,
यहां तो नाजिम सभी कबूतर बैठे है।।

©Knazimh  #दर्द
 #दिल
 #बेवफाई
 #समाज
 #दुनिया
 #khnazim 
#knazimh  शायरी हिंदी

Matangi Upadhyay( चिंका )

समाज की हकीकत 🤔 #matangiupadhyay #हिंदी #thought

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समाज इन लोगों को कभी स्वीकार नही करता है...

किन्नर को, 
लड़की को, विधवा स्त्री को, 
प्रेम विवाह को, गरीब पुरुष को, 
बेरोजगार व्यक्ति को, 
तलाकशुदा स्त्री को 
विकलांग लोगों को, 
बूढे माता पिता को, 
बाँझ स्त्री को..!

©Matangi Upadhyay( चिंका ) समाज की हकीकत 🤔
#matangiupadhyay #Nojoto #हिंदी #thought

Nasir Faraz Official

# मां की शायरी

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White देखो तो ज़रा मां से वह क्या पूछ रहा है
जन्नत से ही जन्नत का पता पूछ रहा है
नासिर फ़राज़

©Nasir Faraz Official # मां की शायरी

dhanraj kharadi

#Newyear2024-25 समय की शायरी

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New Year 2024-25 बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो  हर हाल में चलना सीखो

©Kanti Kharadi #NewYear2024-25 समय की शायरी

Rajesh Arora

मेरी शायरी की पुस्तक "शब्दों का हेरफेर" हिंदी शायरी शायरी हिंदी शेरो शायरी शायरी हिंदी में

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©Rajesh Arora मेरी शायरी की पुस्तक "शब्दों का हेरफेर" हिंदी शायरी शायरी हिंदी शेरो शायरी शायरी हिंदी में

पूर्वार्थ

#समाज

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White आधुनिक समाज का सच

आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ,
रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ।
दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची,
भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित।

रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात,
जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात।
दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई,
दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई।

शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य,
जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व।
सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं,
जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं।

तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान,
जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान।
साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं,
प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती।

प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई,
जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई।
कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार,
आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार।

सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो,
जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो।
इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो,
वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा।

©पूर्वार्थ #समाज

Lakhan Rajput BJP

2025 की शायरी

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आप सभी को नए वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं

©Lakhan Rajput BJP 2025 की शायरी

Nitin Pathak

Rajiv Jiya Kumar

#दिल की बात। शायरी हिंदी।

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Unsplash सुनो न
अनकहे अनजाने में
उलफ्त का अफसाना 
बुन दिया,
समस्त बुत को
कर अलहदा
तुमको जां जां चुन लिया।
                 ✍️रा.जि.कुमार,
                     सासाराम।

©Rajiv Jiya Kumar #दिल की बात। शायरी हिंदी।

Rajiv Jiya Kumar

#दिल की बात। हिंदी शायरी।

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White सनम तुम तो हो
सुबह की किरण की लाली
शाम की किरण मतवाली
तुम सजा जाती हो
उसकी भी कलाकारी।
              Love you.
                         ✍️रा.जि.कुमार,
                             सासाराम।

©Rajiv Jiya Kumar #दिल की बात।  हिंदी शायरी।
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