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Anuj Ray
मायूसी में दिन कटता है , शाम से पागल हो जाते हैं। दिल के टुकड़े-टुकड़े करके रोते रोते सो जाते हैं। ©Anuj Ray रोते रोते सो जाते हैं
Sushmita singh uff guggu
रोज रोते रोते ये कहती हैं जींदगी मुझसे सिर्फ एक शख्स के खातीर यूँ मुझे बर्बाद ना कर।। #रोज रोते रोते कहती हैं #जीदगीं
Azeem Khan
वैसे तो मियां अहले जुनूं कम होते हैं । देखने बाले ये समझते हैं, कि खूं रोते हैं । पूंछने बाले बाजिद हैं, बताया जाए । रोने बालों को नहीं याद क्यूं रोते हैं । उसकी आंखो को कहां आता था रोना " साहिर" । मैंने रोकर दिखाया कि यूं रोते हैं । by # zhanjeb sahir #यूं रोते हैं #
pink oza
चांद की चांदनी भी फिकी लगे मेरी बहना जब हसती हैं । तो हस देता हैं गम भी। और जो रूढ जाए तो बहार लौट जाए कुछ छुपाकर बैठीं हैं कुछ नाराज हैं जो पास थी वो आज दुर हैं इसिलिए राखी हाथों मे लिए पलकों को भिगोकर बैठी हैं और जो रूढ जाए तो बहार लौट जाए कुछ छुपाकर बैठीं हैं कुछ नाराज हैं जो पास थी वो आज दुर हैं इसिलिए राखी हाथों मे लिए पलकों को भिगोकर बैठी हैं. राखी हैं मेरे भैया
Anuj gurjar101
कभी रोतें है कभी हसं जाते है जिंदगी के ये लम्हे यूंही कट जाते है। ©Anuj gurjar101 कभी रोते हैं #lovebirds
रोहन बिष्ट
पुरुष भी रोते हैं, हालांकि अक्सर गुप्त रूप से, उनके आंसू इसके नीचे दर्द का वसीयतनामा है। कच्ची भावना के क्षणों में वे उन्हें बहा देते हैं, अकेले में, दुनिया के कोलाहल से दूर। समाज उन्हें मजबूत होने के लिए कहता है, कभी भेद्यता नहीं दिखाने के लिए, कभी गलत नहीं होने के लिए। लेकिन भावनाएँ मानवीय हैं, और पुरुष कोई अपवाद नहीं हैं, और आंसू गहरे चिंतन का प्रतीक हो सकते हैं। वे नुकसान के लिए रोते हैं, दिल टूटने और दुख के लिए, अपेक्षाओं के भार के लिए वे उधार नहीं ले सकते। समय के लिए वे छोटा महसूस करते हैं, और समय वे कमजोर महसूस करते हैं, उस प्यार के लिए जिसे उन्होंने खो दिया है, और जिस प्यार की उन्हें तलाश है। तो उन्हें रोने दो, उन्हें महसूस करने दो और उन्हें ठीक होने दो, क्योंकि आंसू मानवता की निशानी है जो वास्तविक है। वे अस्वीकृति और असफलता के दर्द के लिए रोते हैं, जिम्मेदारी के बोझ के लिए वे अब और नहीं सह सकते। दुनिया में वे जो अन्याय देखते हैं, उसके लिए और जो लाचारी वे महसूस करते हैं, उनका गुस्सा फूट पड़ता है। अत्यधिक आनंद के क्षणों के लिए, जब जीवन की सुंदरता काम करने के लिए बहुत अधिक महसूस होती है। बच्चे के प्यार के लिए, जीवनसाथी के प्यार के लिए, एक दोस्त के प्यार के लिए, और एक घर के नुकसान के लिए। लंबे समय से चली आ रही अपनों की यादों के लिए, उन क्षणों के लिए जो वे चाहते हैं कि वे धारण कर सकें। तो उन्हें रोने दो, उन्हें महसूस करने दो और उन्हें रहने दो, क्योंकि आंसू हमारी मानवता की याद दिलाते हैं। ©रोहन बिष्ट #पुरुष भी रोते हैं
Raone
हम मर्द भी रोते बस अपने आसूँ हीं तो नहीं दिखाते यूँ रोकर सबको अपना दिल-ए-हाल हीं तो नहीं बताते मुश्किलों में भी सब्र का बांध हम दिखाते सबको ढांढस हमीं बढ़ाते पर सामने उनके आँसू नहीं बहाते सब्र हमीं करते पर कभी किसी का न जताते दुनियाँ से मात भी हमीं खाते लेकिन साहस इतना कि कभी किसी को न जताते जिम्मेदारियों के बोझ से हम इतना दब जाते रोते भी हम इतना पर किसी को न कह पाते.... राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी ©Raone मर्द भी रोते हैं