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साहित्य संजीवनी
Men walking on dark street हुक़ूमत ऐसे या वैसे तुम्हारा क़त्ल कर देगी अगर ख़ामोश बैठे हो अगर बेहोश बैठे हो - दीप ©साहित्य संजीवनी #Emotional #Poetry #kavita #Hindi #hindi_poetry
kajal gurbani
@kajalgurbani ©kajal gurbani #Hindi #Poetry #kavita by @kajalgurbani
Author Shivam kumar Mishra
bharat quotes सबसे पेहले वतन है मेरा । मन ना तन ना धन है मेरा । भारत से मै हू । भारतिय से है भारत । पूरे विश्व मे सबसे अलग है भारत । पेहले धरती माँ फिर मेरी माँ । पूरे हिंदुस्तानी की माता है । सत्य यही कहलाता है । ©Author Shivam kumar Mishra #Nojoto #Hindi #bharat #motherIndia #kavita
Varun Raj Dhalotra
कभी दरख्तों जंगलों में, था आशियाना मेरा, अब टॉवर इमारतें हैं, नया पता मेरा, लगता है जल्द ही खत्म़, हो जायेगा नामों-निशां मेरा..!! ©Varun Raj Dhalotra #oddone #Nojoto #Hindi #kavita
Madhu Arora
सारे पियक्कड़ घूम रहे, खंभों को वह चूम रहे। झूम झूम कर राग अलापे, राधा कृष्ण सा खुद को मापे। भंग का नशा सिर चढ़कर बोला, मदमस्त सा फिर वह डोला। सब पकड़ कर नाचे तंबू, छोटा मोटा हो या लंबू। मदिरा पीकर वह तो झूमे, गिरते पड़ते सबको चूमे। कर दे कुछ भी फिर यह बोले, बुरा ना मानो होली है। रंग से कोई बचने ना पाए, जीजा हो या साली सलज। मिले मिलकर सबरंग लगाएं, होली में हुड़दंग मचाए।। ©Madhu Arora #Holi #Hindi #thought ##jindagi #Kavita
Varun Raj Dhalotra
रंग तेरे प्यार का, यूँ चढ़ा है मुझ पर, हर रंग फीक़ा लगता है, तेरे प्यार के बिना...!! ©Varun Raj Dhalotra #Holi #Nojoto #Hindi #kavita #Poetry
Ramji Mishra
Blue Moon विज्ञापन मैथिलीशरण गुप्त जहाँ अभिषेक-अम्बुद छा रहे थे, मयूरों-से सभी मुद पा रहे थे, वहाँ परिणाम में पत्थर पड़े यों, खड़े ही रह गये सब थे खड़े ज्यों। करें कब क्या, इसे बस राम जानें, वही अपने अलौकिक काम जानें। कहाँ है कल्पने! तू देख आकर, स्वयं ही सत्य हो यह गीत गाकर। बिदा होकर प्रिया से वीर लक्ष्मण-- हुए नत राम के आगे उसी क्षण। हृदय से राम ने उनको लगाया, कहा--"प्रत्यक्ष यह साम्राज्य पाया।" हुआ सौमित्रि को संकोच सुन के नयन नीचे हुए तत्काल उनके हरिवंश राय बच्चन मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला, पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला। प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला, एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर प्याला, जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका, आज निछावर कर दूँगा मैं तुझ पर जग की मधुशाला। प्रियतम, तू मेरी हाला है, मैं तेरा प्यासा प्याला, अपने को मुझमें भरकर तू बनता है पीनेवाला, मैं तुझको छक छलका करता, मस्त मुझे पी तू होता, एक दूसरे की हम दोनों आज परस्पर मधुशाला। भावुकता अंगूर लता से खींच कल्पना की हाला, कवि साकी बनकर आया है भरकर कविता का प्याला, कभी न कण-भर खाली होगा लाख पिएँ, दो लाख पिएँ! ©Ramji Mishra madhushala.. #bluemoon
साहित्य संजीवनी
मुलज़िम है मेरा, ख़ुश वो अभी तो नहीं होगा, हो जाए रिहा, फिर भी बरी तो नहीं होगा. वो शख़्स बड़ा है तो ग़लत हो नहीं सकता, दुनिया को भरोसा ये अभी तो नहीं होगा. Aalok Shrivastav ©साहित्य संजीवनी #fisherman #Poetry #kavita #Hindi #urdu
साहित्य संजीवनी
“हाथ अगर जुड़कर रहते हैं तो प्रणाम बन जाते हैं, संकल्पों की पुण्यवेदी पर सभी काम बन जाते हैं, अगर आत्मा रहे निरंतर मन के मानस के संग में, तो पर पीड़ा पीने वाले स्वयं राम बन जाते हैं..!” ❤️🙏 डाॅ कुमार विश्वास जी ©साहित्य संजीवनी #Tulips #Poetry #Shayari #kavita #Hindi #hindi_poetry