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Md Arman
मैं, मेरा बिहार.... जीने का सलीका, बताया करती है दुनिया इस बिहार को। जिसने 'आर्यभट्ट'के शून्य से अपना आसमानी यश बढ़ा लिया।। अल्फाजों का सतीत्व सिखाया करती है दुनिया इस बिहार को। जिनको 'दिनकर' के अल्फाजों ने आदमियत सिखा दिया।। मातृभूमि का इकरार क्या है ,सिखे कोई 'वीर कुंवर सिंह' से। जिनके वतन-ए-इख्लास ने हम सब में इंकलाब जगा दिया।। फिरंगियों की उग्र विद्रोह से भी डरा ना जो कभी। हस्त के आहुति देके, स्वतंत्रता कि अपनी भूख दिखा दिया।। 'दशरथ मांझी' सा नहीं कोई, इश्क-ए-अर्जमंद इस जहां में। जिसके दबे अरमानों ने, पर्वत को भी चीर के दिखा दिया।। आजबो का कहर टूटा, पर गिरा ना अश्क के एक बूंद भी। फक्र के एक अजीम प्रेम को, अव्वल पाक़ीज़ा बना दिया।। नोक-ए-शमशीर की ताकत से ना डराना हमें तुम कभी। शेर की धरती है,जो मुगलो की जोर का अंदाजा लगा दिया।। वह चंद्रगुप्त की उगती अफताब सी रौशनी थी बिहार की। जिसने चाणक्य नीति से सारा हिंद फतेह करके दिखा दिया।। बिस्मिल्लाह खां की निराली बांसुरी की आहट थी वो। जिसने आजादी के दिन, सबको मंत्रमुग्ध कर के दिखा दिया।। मुजफ्फरपुर के लीची और हाजीपुर के केले हैं, बिहार की। जिसने सारे जगत का आकर्षण अपने लज्जत से बढ़ा दिया।। वशिष्ठ नारायण सिंह की मिट्टी हैं , ये नयाब बिहार की। जिसने प्रतिभा के निसार करके, सारे जग को चौका दिया।। बिहारी एक गाली नहीं, आब-ए-आइना आईना है संसार की। जिसने तयाग और मशक्कत से जग को सिद्ध करके दिखा दिया।। By Md Arman. #Hope hello now
#Hope hello now
read morevishakha Varun
किसी ने क्या खूबसूरत कविता लिखी है हा मुझको एक ऐसे साथ की जरूरत है..... जो मुझे कभी टूटने ना दें ज़िन्दगी से मुझे रूठने ना दें हर कोई छोड़ दें साथ मेरा वो अपना हाथ छूटने ना दें.... हा मुझको एक ऐसे साथ की जरूरत है..... जो कहे मुझसे घबराना मत जो कहे मुझसे हार जाना मत दर्द मिलेंगे तुमको हजारों अभी आंखों में आसूं कभी लाना मत.... हा मुझको एक ऐसे साथ की जरूरत है.... जो मेरे हारने पर भी हाथ थाम लें मेरे दिल का दर्द बिन कहे पहचान लें हो जाऊं गुमनाम में इस दुनिया में लेकिन वो बहुत प्यार से मेरा नाम लें.... हा मुझको एक ऐसे साथ की जरूरत है..... ©vishakha Varun #poetry #Hope
rhea jha
Har raat so jati hu ye soch kar kabhi to wo din bhi ayega jb sukoon wali nend ayegii ©rhea jha poetry #Hope