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Stories related to hasya vyang kavita on politics

DISHU

#hasya

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White ಒಂದು ಕೊಳ ಮೊಸಳೆಗಳಿಂದ ತುಂಬಿ ಹೋಗಿತ್ತು. ಆ ಕೊಳಕ್ಕೆ ಧುಮುಕಿ, ಆ ಮೊಸಳೆಗಳಿಂದ ಪಾರಾಗಿ ಮೇಲೆ ಬಂದ ಶೂರನಿಗೆ ಒಂದು ಕೋಟಿ ರೂ.ಗಳ ಬಹುಮಾನ ಘೋಷಣೆಯಾಗಿತ್ತು.

ನೂರಾರು ಜನ ಸೇರಿದ್ದರೂ ಯಾರೊಬ್ಬರೂ ಅದಕ್ಕೆ ಧುಮುಕುವ ಧೈರ್ಯ ಮಾಡಿರಲಿಲ್ಲ. ಕೊನೆಗೂ ಒಬ್ಬಾತ ಧುಮುಕಿಯೇ ಬಿಟ್ಟ.

ನೆರೆದವರು ಬೆಕ್ಕಸ ಬೆರಗಾಗಿ ನೋಡುತ್ತಿದ್ದಂತೆಯೇ ಆತ ಹೇಗೋ ಈಜಿಕೊಂಡು ದಡ ಸೇರಿಯೇ ಬಿಟ್ಟ.
ಎಲ್ಲರೂ ಅವನನ್ನು ಅಭಿನಂದಿಸುವವರೇ..!

ಒಂದು ಕೋಟಿ ರೂ.ಗಳ ಬಹುಮಾನ ಸ್ವೀಕರಿಸಿದ ಆತ ಸುತ್ತಲೂ ಕೆಕ್ಕರಿಸುತ್ತಾ ನೋಡಿ,"ಈಗ ಹೇಳಿ...ಯಾರು ನನ್ನನ್ನು ಕೊಳಕ್ಕೆ ತಳ್ಳಿದವರು?

ಯಾರೂ ಉತ್ತರಿಸಲಿಲ್ಲ.

ಆದರೆ, ಪಕ್ಕದಲ್ಲೇ ನಿಂತ ಆತನ ಪತ್ನಿ ಮುಗುಳು ನಗುತ್ತಿದ್ದುದು ಆತನ ಕಣ್ಣಿಗೆ ಬಿತ್ತು..!

ಕಥೆಯ ನೀತಿ:
"ಪ್ರತೀ ಯಶಸ್ವೀ ವ್ಯಕ್ತಿಯ ಹಿಂದೆ, ಒಬ್ಬ ಮಹಿಳೆ ಇದ್ದೇ ಇರುತ್ತಾಳೆ...!!!"
😜😛😝

©DISHU #hasya

रजनीश "स्वच्छंद"

White चलो चुनें हम नेता।।

चलो चुनें हम नेता भैया, चलो चुनें हम नेता,
सजा नया है रंगमंच ये, नये नये अभिनेता।।

मतपेटी भी बैठी रोती, कैसा दिन है देखा,
कौन यहाँ है मामा-भांजा, किसने पासा फेंका।
होड़ लगी है खाने की पर पेट नहीं है भरता,
पेट बटन को फाड़ चला है, भूखी बैठी जनता।
कौन कटा है, किसने काटा, कैसे तुम्हे लपेटा,
चलो चुनें हम नेता भैया, चलो चुनें हम नेता...

©रजनीश "स्वच्छंद" #Politics #netaji #Janta

Vishwas Pradhan

#kavita #Hindi #motivate #Jindagi hindi poetry on life hindi poetry

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दिन खत्म, रात गई, चौ-बीस बसंत बीत गए। शुष्क चाल चल रही,ये जिंदगी है राह में। १
मन की गति मध्यम,ख्यालों में शोर लिए, सपने पलायन कर रहें,हैं भोर के उस चाह में। २

आंखों के कोने से,नींद ने आवाज दी, पलकों को रोकूं,कहो कहीं पड़ाव है ? ३
चार कदम कहते-कहते मीलों दूर चल दिए, उम्र भर यही सितम या नियत में ठहराव है । ४

क्या कहूं कि ख्वाबों को पर अभी लगे नहीं, कालजयी रातों के जुगनू भी जगे नहीं। ५
किस्मत की काली बेल ऐसे लिपटी सपनों से , सींच रहा सिप सिप, फल अभी लगे नहीं।। ६

पांव है समर में पर,समय के भंवर में हूं मै, कुछ आंखे भीतर से कहकहा लगा रही। ७
खिड़कियों से झांकती है दुनिया की चकाचौंध, प्रेम,प्रीत,अर्थ सारे लोभ ये जगा रहीं।। ८

सवाल कभी फैसलों पे, कभी खुद के हाल पे नियति से नाराज़ होके हार से हताश मै। ९
बंद पड़े रास्तों पे घेरे खड़े अंधेरे तो, कदम मुड़े पीछे चला घर मैं कुछ तलाश में। १०

चौखट पे पड़े पांव आंखे दो हंसती दिखी, चेहरे की झुर्रियों पे आस की एक चमक लिए। ११
कुर्ते की सिलवटें उस हाल की गवाह पर, सवाल न शिकन खड़े, अधरो पे वही दमक लिए।। १२

मन का विज्ञान बिना ज्ञान लिए जान लेती, कह रही ये शिकन कैसा तू अभी भी शान है। १३
कंधे जो झुक रहे समय के दाब झेल के,   कह रहे गया ही क्या अभी जितना जहान है।।१४

वो आंखे जो जीत की उम्मीद लिए बैठी हैं, तो कहो मन एक जोर क्यूं न फिर लगाऊं मैं |१५
वो पांव अभी भी चले रहें है हौसलों के हाथ भरे, अभी हूं खाली हाथ पर क्यूं खाली हाथ जाऊं मैं।१६

 सृष्टि की रचना न ही नियति पे संदेह हमें, है पता कि फैसले पे उसका अधिकार है।१७
फिर कर्म से क्यूं हाथ पीछे, क्यूं थके समय से पहले। हार-जीत हिस्से में, सब हमे स्वीकार है ।।।१८

©Vishwas Pradhan #kavita #Hindi #motivate #Jindagi  hindi poetry on life  hindi poetry

SumitGaurav2005

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset शादी से पहले वो ,मुझसे ये कहती थी। 
20-20 टाइप की, वैरायटी मुझे आती है।

बाद में पता चला, स्वाद सब एक-सा।
एक ही डिश का, अलग नाम बताती हैं।

एक बोला मेरी बीवी, जानती है सब कुछ।
फिर भी खाना नहीं, बना के खिलाती है।

मैंने कहा इससे भी, बुरा मेरा हाल है।
कुकिंग नहीं आती। लेकिन रोज़ पकाती है।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎
#laughterkefatke

©SumitGaurav2005  #laughterkefatke #reels #NojotoFilms #sumitgaurav #sumitmandhana #comedy #sumitgaurav nny #Nojotocomedy #Fun #hasya

कवि दिनेश तिवाड़ी

politics

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नाम मेरा राजू है पढ़ता हूं कक्षा सात में।
कैसी है किस्मत ना जाने क्या लिखा है हाथ में ।।

कैसे गुजारा कर रहे केवल पिताजी जानते हैं 
अंग्रेजी स्कूले महंगी है यह भी पिताजी मानते हैं ।

इसीलिए अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में पढ़ रहा हूं ।
नए दौर की शिक्षा पाकर नए दौर में बढ़ रहा हूं ।

पर आप तो हम गरीब के सपनों के दुश्मन हो रहे 
राजनैतिक दुश्मनी में जनता के दुश्मन हो रहे 

मेरी शिक्षा की फिक्र आपको तो क्यों पड़ी है 
अंधा फिर फिर बांटता है अपनों को ही रेवड़ी है ।।

राजनीति करने को और भी तो क्षेत्र है।
शिक्षा को तो छोड़ दो यह पावन पवित्र है ।

जब से सुना है कि हमारी स्कूल बंद हो जाएगी ।
सच कह रहा हूं सैकड़ों की बद्दुआ लग जाएगी ।।

मत करो यह पाप अंग्रेजी स्कूल बंद का । 
पढ़ने दो हम गरीब को भी गुण गाएंगे आपका ।

©कवि दिनेश तिवाड़ी politics

parwana anasri

SunSet parwana शायरी parwana ansari hapuri hasya

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हास्य पर चंद लाइन  मेरी कलम से.
 ✍️✍️✍️

गोरों ने मारा है मुझे कालों ने मारा है. 

बीवी ने मारा है मुझे सालो ने मारा है..

शोर सुनकर आए थे उसके पड़ोसी. 

फिर जो उसके चाहने वालों ने मारा है..

✍️ परवाना अंसारी

©parwana anasri #SunSet #Nojoto #parwana #शायरी #parwana #ansari #hapuri #hasya

Urvashi Kapoor

#kavita

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©Urvashi Kapoor #Kavita

Balwant Mehta

डगमगाया हूं पर हारा नहीं,
सियासत का खेल है, सारा यही।
जीत कर भी मुकाम जो पाया नहीं,
एक कदम पीछे, पर दिल घबराया नहीं।

कुर्सी की जंग में चली चाल नई,
सत्ता के संग दोस्ती भी बेमायनी।
नेता जी ने झुककर दिखा दी मिसाल,
जनता की खातिर किया हर सवाल।

राजनीति में ऊंच-नीच का है खेल,
कभी जीत का ताज, कभी हार का मेल।
पद पीछे सही, मगर हौसला वही,
नेता जी का जज्बा, मिसाल बनी।

©Balwant Mehta #maharashtra #Politics

Ashok Mangal

मारकड़वाड़ी में सत्यशोध मतदान रोक हेतु 
तैनात किये 1200 सशस्त्र पुलिस !
महज 2800 मतदाताओं के क्षेत्र में 
कभी न दिखी इतनी पुलिस !!

मणिपुर में बंदोबस्त गर 
इस मुस्तैदी से किया जाता !
निर्वस्त्र नारी परेड से झुके देश का सर 
आंख मिलाने लायक रहता !!

सरकार तानाशाही की सभी हदें 
कर चुकी है पार !
तनिक भी न बचे 
लोकतांत्रिक संस्कार !!

युवाओं होश में आओ,
नीलाम होते भविष्य पर लगाम लगाओ !
जुए के विज्ञापनों व नशे के बढ़ते प्रचलन के 
विरोध में एकजुट हो जाओ !!

मतदान बैलेट से ही कराओ,
ईवीएम के संशय को जड़ मूल से मिटाओ !
विपक्षियों की समझ सत्ता समक्ष बहुत ही कम है,
तुम समझदार विपक्ष की भूमिका में आ जाओ !!

आवेश हिंदुस्तानी 6.12.2024.

©Ashok Mangal #RepublicDay 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#Politics 
#India 
#india🇮🇳

Ubaida khatoon Siddiqui

politics jab start huyi thi
तब भले ही लोगों ने, लोगों की, 
देश की भलाई के लिए काम किये जाते थे, 
फिर उसके बाद से politics के नाम पर
सिर्फ और सिर्फ politics ही हुई हैं, 
अपना उल्लू सीधा करने की बस, 
इन सब में बस मासूमों की जान जाती हैं 
और कुछ नहीं होता और ना ही कभी होगा , 
शायद! 😏
5/12/24
08:45 p. m. 
(U. K.) ✍️

©Ubaida khatoon Siddiqui #sad_quotes #Ubaidakhatoon 
#ubaidawrites #Politics
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