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#Seema.k*_-sailent_*write@
White अहंकार ऊपर से नीचे गिरने के लिए काफ़ी है.. ©#Seema.k*_-sailent_*write@ ज़रा संभल कर#sad_quotes reality life quotes in hindi
ज़रा संभल करsad_quotes reality life quotes in hindi
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुकून देगा। कितनी दफ़ा टूट कर बिखरे हैं अरमान, ख़ुद तो संभल न सका, तू किसे क्या देगा। तू साया भी तो न बन सका किसी का ' नवनीत ', क्या और दिल को आराम देगा। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुक
#नवनीतठाकुर तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुक
read moreIG @kavi_neetesh
Unsplash हमने जब अपना हक मांगा हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरानी हो गई। बोल पड़े हम घर में भाई फिर खींचातानी हो गई। मुंह फेर लिया अपनों ने रिश्तेदार भी रूठ गए। बड़े जतन से बांध रखा वो प्रेम के मोती टूट गए। घर में दीवारें खिंच गई मकान बिकाऊ हो गया। समझदार थे उनका अब पुत्र कमाऊ हो गया। कैसे बांध सके वो डोरी जलन पड़ी थी पांवों में। तुच्छ स्वार्थ से शूल बिछाए सूनी सी इन राहों में। संभल संभलके चलते फिर भी धोखा मिलता है। पांव से जमी खिसकती कभी फैसला हिलता है। जिसका पलड़ा भारी होता लोग उधर हो जाते हैं। सलाह मशवरे आकर हमको रोज देकर जाते हैं। रिश्तेदारों को भी जाने क्यों ये परेशानी हो गई। हमने जब अपना हक मांगा तो हैरानी हो गई। अपनी मेहनत हक का खाना बेईमानी हो गई। न्याय की खातिर टूट पड़े तो खींचातानी हो गई। ©IG @kavi_neetesh #camping Extraterrestrial life Entrance examination Hinduism Aaj Ka Panchang Kalki हमने जब अपना हक मांगा हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरान
#camping Extraterrestrial life Entrance examination Hinduism Aaj Ka Panchang Kalki हमने जब अपना हक मांगा हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरान
read moreबेजुबान शायर shivkumar
बुरे वक़्त मे ये सोचकर संभल जाती हु के रब है मेरे साथ, मगर कभी कभी कुछ यादो से बिखर जाती हु, अब उन बिखरे जज़्बातों को लेकर कहाँ जाऊँ मै जानती हु के कोई हमेशा के लिए साथ नहीं रहता, ना ही कोई हमेशा साथ देता है, फिर भी पता नहीं क्यों सबसे उमीदें रहती अब उन उम्मीदों को लेकर कहाँ जाऊँ मै जो अपने नहीं हैं उनके दिए जख्म भूल जाती हु, अपनों के दिए ज़ख्मो पर मुस्कुराहटो का महरम लगाती हु मगर कभी कभी ये आँखें साथ नहीं देती अब इन भीगी पलकों को लेकर कहाँ जाऊँ मै ©बेजुबान शायर shivkumar बुरे वक़्त मे ये सोचकर #संभल जाती हु के रब है मेरे साथ, मगर कभी कभी कुछ #यादों से बिखर जाती हु, अब उन बिखरे #जज़्बातों को लेकर कहाँ जाऊँ
बुरे वक़्त मे ये सोचकर संभल जाती हु के रब है मेरे साथ, मगर कभी कभी कुछ यादों से बिखर जाती हु, अब उन बिखरे जज़्बातों को लेकर कहाँ जाऊँ
read moreIG @kavi_neetesh
White एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों देश तोडना चाहते है?। --- सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती, समय की धार में बहती रहती, फिर क्यों उसे अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों? क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के, तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?। ---- क्यों देश को अगड़े पिछड़े और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों? क्यों देश के अपराधियों, आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?। ---- आखिर क्यों नहीं सोचते, ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे, आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें, वही कल हमें विकट संताप देंगे, हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे, हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे। ---- जिन जातियों की राजनीति कर रहें, उन जातियों के निशान भी न रहेंगे, हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे। ---- अभी वक़्त हैं, संभल जाओ, महा विनाश को न बुलाओ आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं, चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं, अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ, तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ। ©IG @kavi_neetesh #love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
अल्लाह संभल के लोगों की और शाही मस्जिद की हिफाज़त फरमाएं 🤲आमीन🤲 #sambhal #SambhalJamaMasjid #mohammad_ibraheem_sultan_mirza मौहम्मद_इब्राह
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है, ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१ जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उछलते है//२ चारसू देश मे दंगा ना हो जाए कहीं,ऐसे माहौल मे क्या लोग संभल सकते है//३ हो गया इंसा-इंसा के लहूं का प्यासा,अपने घर में ही अब अपनों से सब सिहरते है//४ "शमा"कुंद-ज़हनों मे उल्फत की*मेह बरसा दों, के नफरतों मे तो मुर्दे ही लोग जलते है//५ *जंग लगे दिमाग़*वर्षा #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #life_quotes जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है,ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१ जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उ
#life_quotes जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है,ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१ जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उ
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