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Sudha Tripathi
7/1/22 डायरी लिखने की आदत ने जीवन का मूल्यांकन करना सिखाया विविध विषयों पर खुद से खुद की चर्चा, मन की बात को लिखकर खुद को हल्का कर लेना....आज न जाने क्यों बार-बार मन में कुछ प्रश्न उठ रहे थे संबंध क्या होता है? रिश्ते क्या खून के रिश्ते ही सच्चे होते हैं?खुशकिस्मत कौन है? सच्ची पूंजी क्या है? रिश्तें को कैसे बचाया जाए? स्वार्थ और दिखावा से भरे इस दुनिया में रिश्तो को बचाने के लिए कब तक झुकना चाहिए? न जाने कितने सवाल आज मन में चल रहे थे। अपने मन के दो हिस्से को देख रही थी एक मन ने सवाल किया दूजे ने जबाब दिया कि सबसेपहले सच्चे संबंध और सच्चे रिश्ते में खून का संबंध होना बिल्कुल जरूरी नहीं,कई बार तो खून के रिश्ते खोखले और स्वार्थीनजर आते हैंकई बार बोझ की तरह.. अधिकतर रिश्तेदार के आने की खबर केसाथ ही लौटने की रिजर्वेशन की पूछताछ की जाने लगती है वही अगर दोस्तों को पता चल जाए तो वह अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर हमारे साथ समय बिताने का कार्यक्रम बनाने लगते हैं तो कौन सा रिश्ता ज्यादा महत्वपूर्ण है मैंने तो महसूस किया है खुद को बहुत ज्यादा करीब आंसुओं के रिश्ते को जहां दर्द हमें हो पर आँखे उनकी नम हो, दर्द उन्हें हो आंखें हमारी नम हो वह भी बिना एक दूसरे को बताएं.... अगर हमारे पास एक भी ऐसा रिश्ता है तो हम सबसे बड़े खुशकिस्मत हैं और हमारी सच्ची पूंजी भी यही रिश्ते हैं! ©Sudha Tripathi #MeriDiaryseडायरी लिखने की आदत ने जीवन का मूल्यांकन करना सिखाया विविध विषयों पर खुद से खुद की चर्चा, मन की बात को लिखकर खुद को हल्का कर लेना
Rahul Vishwakarma
पिता वो पूंजी है। जो जीवन की सारी पूंजी देकर भी नहीं मिल सकती। ©Rahul Vishwakarma #पिता ही पूंजी है।
AAASHISH kumar
एक बार की बात है एक गाँव में एक धनी व्यक्ति रहता था। उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन वह बहुत ज़्यादा आलसी था। अपने सारे काम नौकरों से ही करता था और खुद सारे दिन सोता रहता या अय्याशी करता था वह धीरे धीरे बिल्कुल निकम्मा हो गया था| उसे ऐसा लगता जैसे मैं सबका स्वामी हूँ क्यूंकी मेरे पास बहुत धन है मैं तो कुछ भी खरीद सकता हूँ। यही सोचकर वह दिन रात सोता रहता था। लेकिन कहा जाता है की बुरी सोच का बुरा नतीजा होता है। बस यही उस व्यक्ति के साथ हुआ। कुछ सालों उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे उसका शरीर पहले से शिथिल होता जा रहा है उसे हाथ पैर हिलाने में भी तकलीफ़ होने लगी यह देखकर वह व्यक्ति बहुत परेशान हुआ | उसके पास बहुत पैसा था उसने शहर से बड़े बड़े डॉक्टर को बुलाया और खूब पैसा खर्च किया लेकिन उसका शरीर ठीक नहीं हो पाया। वह बहुत दुखी रहने लगा। एक बार उस गाँव से एक साधु गुजर रहे थे उन्होने उस व्यक्ति की बीमारी के बारे मे सुना | सो उन्होनें सेठ के नौकर से कहा कि वह उसकी बीमारी का इलाज़ कर सकते हैं। यह सुनकर नौकर सेठ के पास गया और साधु के बारे में सब कुछ बताया। अब सेठ ने तुरंत साधु को अपने यहाँ बुलवाया लेकिन साधु ने कहा कि वह सेठ के पास नहीं आएँगे अगर सेठ को ठीक होना है। तो वह स्वयं यहाँ चलकर आए। सेठ बहुत परेशान हो गया क्यूंकी वो असहाय था और चल फिर नहीं पता था। लेकिन जब साधु आने को तैयार नहीं हुए तो हिम्मत करके बड़ी मुश्किल से साधु से मिलने पहुचें। पर साधु वहाँ थे ही नहीं। सेठ दुखी मन से वापिस आ गया अब तो रोजाना का यही नियम हो गया साधु रोज उसे बुलाते लेकिन जब सेठ आता तो कोई मिलता ही नहीं था । ऐसे करते करते 3 महीने गुजर गये। अब सेठ को लगने लगा जैसे वह ठीक होता जा रहा है उसके हाथ पैर धीरे धीरे कम करने लगे हैं। अब सेठ की समझ में सारी बात आ गयी की साधु रोज उससे क्यूँ नहीं मिलते थे। लगातार 3 महीने चलने से उसका शरीर काफी ठीक हो गया था। तब साधु ने सेठ को बताया की बेटा जीवन में कितना भी धन कमा लो लेकिन स्वस्थ शरीर से बड़ा कोई धन नहीं होता। तो मित्रों, यही बात हमारे दैनिक जीवन पर भी लागू होती है पैसा कितना भी कमा लो लेकिन स्वस्थ शरीर से बढ़कर कोई पूंजी नहीं होती | ©AAASHISH kumar स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है
Chintoo Choubey
कलम है मेरी सारी पूंजी, शब्द मेरे भंडार, लिखना मेरी इबादत है, सोच मेरे अल्फाज, भाषा मेरी सीधी - सादी, यही मेरा अंदाज मेरी पूंजी
Er.Mahesh
अभी अभी देखा था हमने, हमारा मालिक हंस कर जिस के साथ चला वह खरीदार था अपना,जिससे दिल मेरा सहम चला भला हुआ उस हिंडन वर्ग का,जिससे उसका बड़ा राज खुला निजीकरण की आंधी पर ,अब थोड़ा विराम लगा ©Er.Mahesh #पूंजी वाद
Shailendra Gond kavi
किताब जीवन की कुंजी है, किताब जीवन की पूंजी है! जीवन भर निभाता साथ ऐ, साथी साथ है न कोई दूजी है! ©Shailendra Gond किताब जीवन की पूंजी है #Shailendra_Gond #Nojoto #nojotohindi
GOPAL KRIS. ROY OFFICIAL
माँ के त्याग और पिता की सुरक्षा में रहते हुए बच्चा जो कुछ सीखता है, वह उसके जीवन की स्थायी पूंजी होती है। #बच्चा की पूंजी