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उदघोषक कवि कमलेश पटेल धमतरी
प्रेम कुमार रावत
मत पूछ कईसे गुजरत हे तोर बिन ये दिन हा एक तो तोर ले गोठियाएँ के मन ..😟😟😟 आउ दूसर डाहर तोला देखे के चाहत... ©cg_poet_ prem _kumar #streetlamp मत पूछ कईसे गुजरत हे तोर बिन ये दिन हा एक तो तोर ले गोठियाएँ मन ..😟😟😟 आउ दूसर डाहर तोला देखे के चाहत...
Savyasachi 'savya '
रस्म - ए- रसूल से यूं डाह ना कर, रकीब की बाहों में सिमट, राम की चाह ना कर, खुदा की रहमत थी , जो बख्श दिया , उसपर सवाल कैसा? चाह तेरी थी तू पाया, फिर बवाल कैसा? ©Pt Savya kabir रस्म - ए- रसूल से यूं डाह ना कर, रकीब की बाहों में सिमट, राम की चाह ना कर, खुदा की रहमत थी , जो बख्श दिया , उसपर सवाल कैसा? चाह तेरी थ
Yudi Shah
रजनीश "स्वच्छंद"
कैसी कविता।। ना कवि हूँ, ना कविता लिखता, शब्द-भाव पिरोया करता हूँ। ये देख देख दुनिया अपनी, निजमन ही रोया करता हूँ। भावों की विह्वल धारा,
Shruti Gupta
कविता: दुर्गा का सृजन हुआ है मात्र दुर्गा से नहीं, पूर्ण देवी वर्ग के तपिश से एक दुर्गा बनी। नारी का जन्म हुआ है एक नारी से नहीं, पूर्ण न
amar gupta
कविता: दुर्गा का सृजन हुआ है मात्र दुर्गा से नहीं, पूर्ण देवी वर्ग के तपिश से एक दुर्गा बनी। नारी का जन्म हुआ है एक नारी से नहीं, पूर्ण न
R.S. Meena
डर डर नहीं लगता किसी को, गोली से और ना तलवार से। डर तो लगता है केवल सत्य की, बोली के वार से।। झूठ के पैर नहीं होते, कहते रहते है सब लोग, झूठ बोलने वालों को ही मिल रहा, मावा वाला भोग। मन चंगा हो तो, खुशियाँ ही मिलती है पालनहार से। डर नहीं लगता किसी को............... तैराक को तैरना ही पड़ता है धाराओं की दिशाओं में, ज्यादा देर तक राह बना नहीं सकता गहरी निशाओं में। दरिया पार करना ही पड़ता है, नाविक की पतवार से। डर नहीं लगता किसी को.............. उड़ान हौसलों की होती है तो पंखो का क्या काम, दुनिया जीतने की चाह में सिकन्दर रखा खुद का नाम। जीतने की राह में भी, पग-पग पर भेंट होगी हार से। डर नहीं लगता किसी को.............. पत्थर उछालने से आसमाँ में सुराग हो नहीं सकता, बिना पंखो के कोई परिंदा, परिंदा हो नहीं सकता। जीतकर भी बाजी हाथों से फिसल जाती है अहंकार से। डर नहीं लगता किसी को........... मोह, क्रोध, लोभ और डाह राज़ ना करने पाएं मन पर, मर्यादित और सभ्य परिधान ही धारण हो सदा तन पर। इन्द्रियों को बस में करने से ही मुक्ति मिले संसार से। डर नहीं लगता किसी को........... #rsmalwar डर केवल सच का ही होता है, इससे बड़ा कोई हथियार नहीं है। डर डर नहीं लगता किसी को, गोली से और ना तलवार से। डर तो