Find the Latest Status about तुम्हें कितने बजे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तुम्हें कितने बजे.
NanduVistar
हार गया तन मन पुकार कर तुम्हें , कितने एकाकी है, प्यार कर तुम्हें, अरे हार गया तन मन पुकार कर तुम्हें , अब कितने एकाकी है प्यार कर तुम्हें !! ©Nandu Vistar हार गया तन मन पुकार कर तुम्हें , कितने एकाकी है, प्यार कर तुम्हें, अरे हार गया तन मन पुकार कर तुम्हें , अब कितने एकाकी है प्यार कर तुम्हें !
Kumar Aashish Yadav
Sarfraj Alam Shayri
वक्त बताएगा तुम्हें कि हम कितने कीमती थे जाओ मेरी जान खुश रहो..!! ©Sarfraj Alam वक्त बताएगा तुम्हें कि हम कितने कीमती थे जाओ मेरी जान खुश रहो..!!
Nikita Sharma
तुम जब "हम "कहते हो तो; उसमें कितनी "मैं" और कितने "तुम" होते हो , मैं खुद को तुममें ढूंढती हूं , और तुम खुद में ही गुम होते हो!! ©Nikita Sharma कितने मैं कितने तुम!!
Vibhaw Mishra
किसने कहा कितना सच और कितना झूठ ये कोई बताए मुझे होता है इश्क में कितना सच और कितना झूठ ये कोई समझाए मुझे दुनिया है कितनी सच्ची और कितनी झूठी ये कोई दिखाए मुझे मैने पग पग पे देखे है रिश्तों में मंजर कई कौन रिश्ते कितने सच्चे और कितने झूठे ये कोई बताए मुझे ©Vibhaw Mishra कितने सच्चे कितने झूठे #Sea
Nikhil Sharma
Abhishek Maurya
Nitya Singh
कितने विश्व ????? केवल इस धरती नामक ग्रह पर , जिसे सम्पूर्ण विश्व के नाम से जानते है उसमें न जाने कितने ऐसे विश्व समाए हुए हैं जिनकी गणना करना बहुत ही दुरूह कार्य है , हर एक प्रेमी ,प्रेमिका के लिए उसके साथी का प्रेम , एक माँ के लिए उसके बच्चे का प्रेम , एक बच्चे के लिए उसके पिता का प्रेम,एक भाई के लिए उसके बहन का प्रेम...... ही उसका सम्पूर्ण विश्व होता है , अपने भी कभी न कभी अवश्य सुना होगा किसी को यह कहते हुए कि यू मीन वर्ल्ड टू मी । जब एक साथी का दूसरे साथी से ,माता- पिता का अपने बच्चे से वियोग होता है ,चाहे कारण कोई भी हो ( मृत्यु ही क्यों न हो ) तो उस संसार के उजड़ने की पीड़ा उस आत्मा के लिए पृथ्वी के विध्वंस एवं विनाश की पीड़ा से कम नहीं होती है ,उसके अंदर का ये विध्वंस कभी- कभी इतना प्रबल होता है कि स्वयं उस आत्मा को भी देह का त्याग करना पड़ता है ..। इस पृथ्वी पर अस्तित्वमान इन असंख्य ,अदृश्य संसारों के टूटने बिखरने ,निर्मित होने का क्रम बिना अवरुद्ध हुए निरंतर जारी है ठीक पृथ्वी के निर्माण , विध्वंस एवं पुनर्निर्माण की प्रक्रिया की तरह । प्रकृति ही वह आधार प्रदान करती है जिससे ये आत्माएं इस चक्र में निरंतर गतिमान रहते हुए प्राकृतिक नियमों का लगातार पालन करते रहें । - नित्या # कितने विश्व ???