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neelu

#Thinking क्या पूरा था ........क्या अधूरा था क्या बचपन पूरा था..... क्या जवानी पुरी थी..... क्या किरदार पुरा था.... क्या कहानी पूरी थी......

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White क्या पूरा था ........क्या अधूरा था
क्या बचपन पूरा था.....
क्या जवानी पुरी थी.....
क्या किरदार पुरा था....
क्या कहानी पूरी थी......

शिव की तो परिक्रमा भी अधूरी है
अब जोश में कहो.. जिंदगी पूरी है

©neelu #Thinking क्या पूरा था ........क्या अधूरा था
क्या बचपन पूरा था.....
क्या जवानी पुरी थी.....
क्या किरदार पुरा था....
क्या कहानी पूरी थी......

Himanshu Prajapati

#HeartBook ना खुशी थी ना वफ़ा था, मोहब्बत एक तरफा था, मेरे दिल में वह था लेकिन उसके दिल से मैं दफा था..! #36gyan #hpstrange

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ना खुशी थी ना वफ़ा था, 
मोहब्बत एक तरफा था,
मेरे दिल में वह था 
लेकिन
उसके दिल से मैं दफा था..!

©Himanshu Prajapati #HeartBook ना खुशी थी ना वफ़ा था, 
मोहब्बत एक तरफा था,
मेरे दिल में वह था 
लेकिन
उसके दिल से मैं दफा था..!
#36gyan #hpstrange

Praveen Jain "पल्लव"

#happy_independence_day सँविधान के दायरे में भारत आया था

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White पल्लव की डायरी
गणतंत्र की हामी भर कर
संविधान के दायरे में भारत आया था
लोकतंत्र के पहरेदार बनकर
तिरंगा लालकिले से फहराया था
नैतिकता के मूल्यों पर कितने खरे उतरे
व्यवस्थाये कितनी जन जन को दे पाये है
शोर शराबे संसद के,कितने नीतिगत हो पाये है
अनीतियो से सियासतें खेलती
न्याय जनता को कितना दे पाये है
सर्वोदय का सूरज अस्त होता
पूंजीवाद के कुकुरमुत्ते फिर से उग आये है
वोटो की राजनीति,ठगों के हवाले
देश की एकता अखण्डता नष्ट करते आये है
आजादी के दीवाने विस्मित हो गये
चेहरे राष्ट्रवाद का बिगाड़ते आये है
                                              प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #happy_independence_day सँविधान के दायरे में भारत आया था

Praveen Jain "पल्लव"

#SunSet बगिया जीवन की खिलती है

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पल्लव की डायरी
बस्तुओं के साथ साथ
कीमत अपनी सब आँक रहे है
कर्तव्यों की कुर्बानी देकर
लाभ हानि का गणित लगा रहे है
रिश्ते सब स्वाहा हो गये
इस बाजारवाद के दौर में
घुटन भरी है सुबह और शाम
अवसाद में सब जा रहे है
हद हो गयी पागलपन की
धनकुबेर बनकर भी
उत्साह उमंग जीवन में नही पा रहे है
अपनेपन की चाहत ही
 दिलो को जिंदा रखती है
एक दुसरो पर मर मिटने से ही
बगिया जीवन की खिलती है
                                               प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #SunSet बगिया जीवन की खिलती है

theABHAYSINGH_BIPIN

#Newyear2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है, इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है। सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते, इश्क

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New Year 2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है,
इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है।
सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते,
इश्क में जीना छोड़, मुझे फना होना है।

एक वक्त था जब सुकून ढूँढता था,
 जब हर एक दर्द में जुनून ढूँढता था।
 क़ाज़ी, हाकिम और वो सामने खड़ी,
कुछ बातें कर अलविदा चाहता था।

©theABHAYSINGH_BIPIN #NewYear2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है,
इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है।
सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते,
इश्क

unique writer

मन में बहुत कुछ था

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theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा,

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White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था,
उनकी तस्वीरें ताक रहा था।
मन के कोने में हलचल थी,
लबों पर नाम सजा रहा था।

बीती यादों का सैलाब उमड़ा,
गुज़रा वक्त भी सता रहा था।
जिक्र उनका अब जरूरी नहीं,
खयालों में डूबता जा रहा था।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था,
उनकी तस्वीरें ताक रहा था।
मन के कोने में हलचल थी,
लबों पर नाम सजा रहा था।

बीती यादों का सैलाब उमड़ा,

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह

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क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था,
जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था।

वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी,
वो फिर नई सुबह में मोहब्बत बनकर पिघला था।

तेरे बिना जो था खाली, वो तेरा ख्वाब बना,
वही ख्वाब अब हमारी हकीकत बनकर उभरा था।

रात में जो था नवनीत कभी अधूरा,
वो तेरे होने से अब रोशनी बनकर उजला था।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था,
जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था।

वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी,
वो फिर नई सुबह

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे, वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था। राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंद

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दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे,
वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था।

राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंदा थीं,
 हमें यकीन था, कोई तो हमारा था।

ग़मों की धुंध में कभी उसने हंसी दी थी,
अब वही शख़्स, हमें छोड़कर जा रहा था।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे,
वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था।

राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंद

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेल

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जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।

जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।

जो था कभी हमारी हर खुशी का हिस्सा,
वो अब तन्हाई में खुद को ढूंढ़ने वाला था।

जिसे कभी समझा था अपने साथ का साथी,
वो अब बिन बताए, दूर जाने वाला था।

हमारी आँखों में जो था हर ख्वाब पूरा,
वो अब अपनी राहों में अकेला होने वाला था।

मोहब्बत का जो वादा था उसने किया,
वो आज उस वादे को तोड़ने वाला था।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।
जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेल
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