Find the Latest Status about चापलूस इन इंग्लिश from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चापलूस इन इंग्लिश.
BABA
एक चापलूसों की गुट होती है, वह मति मारि के बीच में होती है। जब कभी बात किसी से किसी की होती है, तब चापलूसों की फौज वहां बत्ती सी होती है। कुछ लोग चापलूस होते हैं, जो बीच में आकर बैठते हैं। खामखां नहीं ऐसा हो कहते हैं, जैसे वही ज्ञान पुरुष सब करते हैं। चापलूस सरकारी मोहर क्या लगवायेंगे, खुद तबलमंज जलील हया हो जायेंगे। यहां वहां की रंगत से, क्या वीर वो कहलायेंगे। चापलूस और चाटूकार ही, दुनिया भर में कहलायेंगे। बाबा इसीलिये उनसे सम्बंध नहीं होते हैं। #चापलूस
Kuldeep Shrivastava
चापलूसी की "कला" में निपुण "लोग" नदी के पार होते ही.. नदी पार करने वाले "नाविक" को लात मारने की "कला" में भी निपुण होते हैं! ©Kuldeep Shrivastava #चापलूस
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
चापलूसों की हो रही हर जगह भरमार है दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है जिस किसी भी बर्तन में ये शख्स रहते है, उसका खाली कर देते पूरा ही संसार है ज़रा चापलूसों से तू दूरी बरकरार रख, इनसे दूरी रखने से ही होगा बेड़ा पार है चापलूसों की हो रही हर जगह भरमार है दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है चापलूसों के कारण छूटा जीता उपहार है चापलूस हर शेर का करते यहां बंटाधार है चापलूसों को मत दे तू कभी यहां पनाह है न तो तेरी उसी जगह बना देंगे कब्रगाह है चापलूस उजाले को देते तम का हार है जिस थाली में खाते,उसे कर देते बर्बाद है चापलूसों की हर जगह हो रही भरमार है दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है चापलूस पवित्र गंगाजल को देते दाग है चापलूसी गुलामी का एक अमिट दाग है जो लोग करते इस संसार मे चापलूसी है दुनिया मे कहलाते है,वो चारे की भूसी है चापलूसी के कीड़े से जो होते बीमार है अमृत जीवन पाकर भी रहते लाचार है चापलूसों की हो रही हर जगह भरमार है दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है उनकी चापलूसी का न कोई पारावार है जिन्होंने जन्म से पहना थैला रूपी हार है चापलूसों का स्वाभिमान कुछ न होता है चापलूस होते स्वाभिमान की मृत गार है चापलूसों की हो रही हर जगह भरमार है दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है चापलूसों से रिश्ता रखना साखी बेकार है जो दूर रखते,न करते इनसे थोड़ा प्यार है वही पाते दुनिया मे कामयाबी बेसुमार है जो चापलूसों को मारते लाठी बारम्बार है दिल से विजय चापलूस लोग
BANDHETIYA OFFICIAL
गफलत पाली जाती है,कविता नहीं। तबियत की सब थाती है, कविता नहीं। कभी सुना है,कवि दरबारों की शोभा थे, थे प्रशंसक, आलोचक भी, सही आभा थे, अब तो दरबार दलाल ! रचयिता नहीं। अब तो गली-कूचों में तुकबंद-तुक्कड़, उन गलियों में कवि सच्चा घुमक्कड़, कौन कम? चापलूस! वो सुघड़ता नहीं। ©BANDHETIYA OFFICIAL चापलूस कवि ! #selflove
prateek bajpai
चाप लूसो की चाटुकारिता ना जाने किस हद तक जाएगी । जिस हद तक जाएगी वो उस हद तक जाएंगे । दिन वो भी आएगा बात जब स्वाभिमान तक आएगी । बागी बगावत कर लेगा , चापलूस चापलूस रह जाएंगे । #लखनऊ #विश्वविद्यालय #बागी #स्वाभिमान #चापलूस