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Ashraf Fani
White फिर उसी राह पे हैं हम निकले फिर नये कांटों से उलझने को माना हम ढीठ सही, वो भी तो है मामला है कहाँ सुलझने को ©Ashraf Fani फिर उसी राह पे हैं हम निकले फिर नये कांटों से उलझने को माना हम ढीठ सही, वो भी तो है मामला है कहाँ सुलझने को #ashraffani
फिर उसी राह पे हैं हम निकले फिर नये कांटों से उलझने को माना हम ढीठ सही, वो भी तो है मामला है कहाँ सुलझने को #ashraffani
read moreRavendra Singh
एक रोशनी की चाहत में न जाने कितने चराग छोड़ आए हम, एक अजनबी की सोहबत में न जाने कितनों के दिल तोड़ आए हम। कमबख्त वो भी अब तो खफा हो गए हैं हमसे जिनके लिए सारे जमाने को छोड़ आए हम।। ©Ravendra Singh #walkingaloneएक रोशनी की चाहत में न जाने कितने चराग छोड़ आए हम, एक अजनबी की सोहबत में न जाने कितनों के दिल तोड़ आए हम। कमबख्त वो भी अब तो खफ
#walkingaloneएक रोशनी की चाहत में न जाने कितने चराग छोड़ आए हम, एक अजनबी की सोहबत में न जाने कितनों के दिल तोड़ आए हम। कमबख्त वो भी अब तो खफ
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} व्यक्ति की सुंदरता आधी उसके मौन में होती है, और आधी उसके मन से हरि नाम मैं, ये सब उसके अंदर ही है, वो भी बिल्कुल फ्री :- मेरे भाई-बहन सब कुछ गुजर व खत्म हो रहा है। जय श्री राधेकृष्ण जी!! ©N S Yadav GoldMine #Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} व्यक्ति की सुंदरता आधी उसके मौन में होती है, और आधी उसके मन से हरि नाम मैं, ये सब उसके अंदर ही है, वो भी ब
#Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} व्यक्ति की सुंदरता आधी उसके मौन में होती है, और आधी उसके मन से हरि नाम मैं, ये सब उसके अंदर ही है, वो भी ब
read moreAkash gautam s n
उनका दीदार बो भी आंखो से कम मुश्किल है फिर भी करता हूं ©Akash gautam s n #Life दीदार उनका वो भी आंखो से
Life दीदार उनका वो भी आंखो से
read moregaTTubaba
New Year 2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले क्यों थक हारकर एक दिन ? सबको बदलते बदलते खुद ही बदल जाते हैं हंसने लगे थे सब पत्थर पर की, "ये बदलता क्यों नहीं ?" पहचान मिटाकर दौड़ में वो भी शामिल हुआ कहने लगा , "सब बदल रहे हैं चलो हम भी बदल जाते हैं....!" ©gaTTubaba #Newyear2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले
#Newyear2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले
read moreनवनीत ठाकुर
न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा। हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा। हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्लत से, हुए है वो भी रूबरू अपनी जिंदगी से हाल ही में, आज उन्होंने जन्नत को भूल जाना ही बेहतर समझा। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा, हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्
#नवनीतठाकुर न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा, हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्
read moreKulvant Kumar
White "एक साधारण सा इंसान भी,जब चाहत के दायरे में आता है तो वो भी मूल्यवान बन जाता है " ©Kulvant Kumar #love_story "एक साधारण सा इंसान भी,जब चाहत के दायरे में आता है तो वो भी मूल्यवान बन जाता है "
#love_story "एक साधारण सा इंसान भी,जब चाहत के दायरे में आता है तो वो भी मूल्यवान बन जाता है "
read moreनवनीत ठाकुर
इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
read moreनवनीत ठाकुर
दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है। अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है, जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है। दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी, सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घाव
#नवनीतठाकुर दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घाव
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी बुझते-बुझते बस एक निशानी हो गईं। इश्क़ में लिखते रहे हम हज़ारों किस्से, मगर सच्चाई में वो सब बेमानी हो गईं। वो कसमें, वो वादे, वो लम्हों की गहराइयाँ, अब किताबों की तरह बंद कहानी हो गईं। जो हमने देखा था कभी चाँद की रोशनी में, वो उम्मीदें भी अब धुंधली कहानी हो गईं। जिनसे रोशन था कभी हर एक कोना-ए-दिल, वो रोशनी भी अंधेरों की मेहरबानी हो गईं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी
#नवनीतठाकुर लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी
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