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Prabhu Kumar

https://youtu.be/059bQIuNxFg टन टन टन सुनो घंटी बजी (RTE ANTHEM)

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https://youtu.be/059bQIuNxFg
टन टन टन सुनो घंटी बजी (RTE ANTHEM)

Anant Nag Chandan

उसको नम्बर देके मेरी और उलझन बढ़ गई फोन की घंटी बजी और दिल की धड़कन बढ़ गई #phonecall #Poetry

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उसको नम्बर देके मेरी और उलझन बढ़ गई
फोन की घंटी बजी और दिल की धड़कन बढ़ गई

©Anant Nag Chandan उसको नम्बर देके मेरी और उलझन बढ़ गई
फोन की घंटी बजी और दिल की धड़कन बढ़ गई 

#phonecall

Anjali Singhal

"सोचा लिख भेजूँ उन्हें, अपने दिल का एहसास, क्योंकि जुबां पर तो लगी कड़ी है। फोन की घंटी बजी उठाया फोन, आवाज़ आई बजी दिल में उनके, किसी और क #Poetry #स्वरचितरचना #AnjaliSinghal

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Vandna Sood Topa

भाग 1 #काबुलीवाला सुबह सुबह का समय था। मैं नाश्ता बना रहा था। तभी फ़ोन की घंटी बजी। मैंने फ़ोन उठाया-उधर से आवाज़ आई--सर एक बच्चे को आपकी बहु

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#काबुलीवाला भाग 1
 #काबुलीवाला

सुबह सुबह का समय था। मैं नाश्ता बना रहा था। तभी फ़ोन की घंटी बजी। मैंने फ़ोन उठाया-उधर से आवाज़ आई--सर एक बच्चे को आपकी बहु

Ravikant Raut

पापा ने इस बार भी पूछा था जाने से पहले दरवाजे की घंटी बजी साथ ही सारे घर में क़र्फ्यू सा सन्नाटा पसर गया हमेशा की तरह , हफ़्ते बाद दौरे से #hindipoetry

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 पापा ने इस बार भी पूछा था जाने से पहले

दरवाजे की घंटी बजी 
साथ ही सारे घर में क़र्फ्यू सा 
सन्नाटा पसर गया हमेशा की तरह , 
हफ़्ते बाद दौरे से

Anuj Jain

तीसरा दिन था आज की मिनती परेशान हो गयी थी। उसकी हालत पागलों की तरह हो गयी थी कि कहीं भूत प्रेत का साया या कोई जादू टोटका तो नही था। पिछले दो #YourQuoteAndMine #तीसरादिन #yostowrimo

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तीसरा दिन था आज की मिनती परेशान हो गयी थी।
उसकी हालत पागलों की तरह हो गयी थी कि कहीं भूत प्रेत का साया या कोई जादू टोटका तो नही था।
पिछले दो दिनों से ठीक सुबह के दस बजे , दोपहर के 2 बजे और शाम के 6 बजे उसके घर में घंटी बजती थी।

पूरी कहानी अनुशीर्षक में

Anuj Jain तीसरा दिन था आज की मिनती परेशान हो गयी थी।
उसकी हालत पागलों की तरह हो गयी थी कि कहीं भूत प्रेत का साया या कोई जादू टोटका तो नही था।
पिछले दो

JALAJ KUMAR RATHOUR

शायद 6:45 का समय हुआ था जब हम लोग अवनी के हॉस्टल पहुंचे थे। मैंने ऑटो वाले को किराया दिया फिर अवनी को मूवी के लिए थैंक्स बोला ये थैंक्स सिर् #जलज

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पार्ट-12
शायद 6:45 का समय हुआ था जब हम लोग अवनी के हॉस्टल पहुंचे थे। मैंने ऑटो वाले को किराया दिया फिर अवनी को मूवी के लिए थैंक्स बोला ये थैंक्स सिर्फ मूवी के लिए ही नही बल्कि अवनी द्वारा मेरे हाथ को थामने और  मेरे कंधे पर सिर रखने के लिए भी था। अवनी बोली "स्वप्निल तू थैंक्स कब से बोलने लगा और मुस्करायी ", " जब से तुमने फ्री की मूवी दिखाना शुरू की है " मैंने उत्तर दिया, तभी राशि बोली "चल अवनी लेट हो जायेंगे" और मेरी तरफ देख कर बोली "स्वप्निल बाय" , "बाय " मैंने उत्तर दिया  और अपने हॉस्टल की और निकल आया। लगभग 7:20 तक मैं हॉस्टल गेट पर पहुँच गया था। तभी भानू और हमारी छत वाली महफ़िल के मुख्यकार्यकर्ता ने मुझे आवाज लगाई और दोनो मेरे पास आकर बोले कि " कल अर्नेब का जन्मदिन है हम लोग केके लेने जा रहे हैं तुम सब लोगो को बता दो और "GPL" के लिए सबको तैयार कर लो", "हाँ बता दूंगा मैं हूँ सबको" मैंने उत्तर दिया। हॉस्टल में जाकर मैंने सबके रूम में यह खबर फैला दी और  "GPL" के लिए सब तैयार रहे ये कह दिया। "GPL"
प्रत्येक  हॉस्टल में दी जाती है। इसके लिए कुछ मुख्य अवसर घोषित होते हैं।जो हॉस्टलर अपने मन के हिसाब से बना लेते है।जैसे - किसी के नम्बर ज्यादा आना, किसी की प्रेम कहानी की शुरुआत होना, प्लेसमेंट होना, नये कपडे आने पर, नई हेयर स्टाइल कटाने पर और जन्म दिन के दिन तो ये सेवा बिना किसी प्रतिरोध के दी जाती है। ये सेवा प्राप्त करने वाला व्यक्ति कुछ समय के लिए अपनी जिंदगी मे होने वाले इस शुभकार्यों के लिए खुद को कोसता है। 
रात के 11: 55 हो चुके थे। हॉस्टल में चारों तरफ अफरा तफरी मच गयी थी। सभी लोग अपने हाथो में चप्पल और जूते लिए हुए थे। अर्नेब इस समय समझ चुका था कि कोई भी प्रतिक्रिया उसके लिए इस समय घातक हो सकती है। इसी लिए अर्नेब अपनी तशरीफ को अपने हाथो से  छिपा रहा था। 12 बज चुके थे तभी चप्पलों और जूतों की बौछारों के बीच अर्नेब की आवाज दब गयी थी। थोडी देर बाद हम लोगो ने केक काटी और कुछ देर में वो केक हम सबके मुँह पर थी तभी अर्नेब के मोबाईल की घंटी बजी अंतिमा का काल था। 
.#जलज कुमार शायद 6:45 का समय हुआ था जब हम लोग अवनी के हॉस्टल पहुंचे थे। मैंने ऑटो वाले को किराया दिया फिर अवनी को मूवी के लिए थैंक्स बोला ये थैंक्स सिर्

Rabiya Nizam

कुकर की सीटियां बज रहीं थीं और उसके साथ ही मां की आकाशवाणी निरंतर जारी थी, बस फर्क इतना था कि वह मुझसे हटकर पड़ोस की मेहता आंटी पर चला गया थ #Stories #yqbaba #yqdidi #hindistory #longform #anewdawnदंश

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दंश
(In Caption)
Part I Ch-2 कुकर की सीटियां बज रहीं थीं और उसके साथ ही मां की आकाशवाणी निरंतर जारी थी, बस फर्क इतना था कि वह मुझसे हटकर पड़ोस की मेहता आंटी पर चला गया थ

vasundhara pandey

#part_4 कहानी_ मैं वेलेंटाइन नहीं मनाती शायद दूसरी तरफ बैठा रूद्र:, उसका मन अच्छी तरह पढ़ पा रहा था...आरवी ने कुछ ज़्यादा ही मुस्कुराना शुरू #StoryTeller #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqstory #yqbesthindiquotes

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कहानी 
मैं वैलेंटाइन नहीं मनाती 
भाग 4 #part_4
कहानी_ मैं वेलेंटाइन नहीं मनाती

शायद दूसरी तरफ बैठा रूद्र:, उसका मन अच्छी तरह पढ़ पा रहा था...आरवी ने कुछ ज़्यादा ही मुस्कुराना शुरू

Nisha Bharti Jha

पानीपत की गर्मी और ऊपर से मई का महीना था, चारो ओर लू वाली हवा चल रही थी और उस दिन मेरे मन में एक अलग ही तूफ़ान चल रहा था | न जाने कैसा तूफ़ा

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एक लड़की के बग़ावत की दाग़ जिसे समाज झेल नहीं सकता हैं |

 पानीपत की गर्मी और ऊपर से मई का महीना था, चारो ओर लू वाली हवा चल रही थी और उस दिन मेरे मन में एक अलग ही तूफ़ान चल रहा था | न जाने कैसा तूफ़ा
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