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Love_._ Jiya
उन्हे बहुत घमंड है अपने वक्त अपने शरीर या यू कहू अपनी उम्र रंग रुप,इसलिए किसी को निचा दिखाने मे वो एक पल भी ये नही सोचते जिस का वो घमंड कर रहे है वो उनका खुद का भी नहीं है, यदी यकीन ना हो तो शमशान घाट के चकर काट कर आ जा इंसान आंखों कि काली पट्टी हट जायेगी instagrma Love _._jiya काली पट्टी..... श्मशान घाट
Parul Sharma
प्रदूषण से विषैली हुई धरा श्मशान घाट पारुल शर्मा प्रदूषण से विषैली हुई धरा श्मशान घाट पारुल शर्मा
Vikas Deewana Ramkola
किस बात का घमंड दोस्तो मंजिल तो सबका एक हैं शामसान घाट ©Vikas Deewana Ramkola #humantouch किस बात का घमंड है दोस्तों मंजिल तो सबका एक है श्मशान घाट
Pradeep Kumar
बैंक बैलेंस नही श्मशान घाट की भीड़ बताएगी आप ने क्या कमाया पूरे जीवन में..! राधे राधे🙏 ©Pradeep Kumar बैंक बैलेंस नही श्मशान घाट की भीड़ बताएगी आप ने क्या कमाया पूरे जीवन में..! राधे राधे🙏
Rajal pungliya
Farukh Maniyar
कुछ दिन गुजारो गुजरात मैं गुजर जाओगे एक ही रात में सबको टोकन मिलेगा हाथ में और आत्म निर्भर बनने की वेटिंग करो श्मशान घाट मैं ©Farukh Maniyar कुछ दिन गुजारो गुजरात मैं गुजर जाओगे एक ही रात में सबको टोकन मिलेगा हाथ में और आत्म निर्भर बनने की वेटिंग करो श्मशान घाट मैं
Sunil itawadiya
आज आर्मी के उस जवान मेरे भाई जितेंद्र इटावदिया को लाखों लाखों नम आंखों से श्रद्धा के सुमन अर्पण किए जाएंगे विपिन विपिन रावत जी के साथ में शहीद हुए मेरे भाई जितेंद्र टाउजर को अंतिम श्रद्धांजलि श्मशान घाट पर 😢😢💐💐💐💐❣️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 #आर्मी #army #indianarm
SURAJ आफताबी
जो होठों तलक नहीं आये कभी वो बिसरे मुक्तक मुझे याद है अब भी इक अविश्रुत कहानी जहाँ जन्मी थी कभी वो गुलाबी मरघट मुझे याद है अब भी! जो पलकों से नहीं ढुलकाये कभी वो पनघटी जलकुभं मुझे याद है अब भी जो एकाकी मेरी धरा की न समझ पाये कभी वो मगरूरियती अंभ मुझे याद है अब भी! पता है ये सराहने वाले न चाहेंगे तुझे कभी ये मामूल दुनियावी मुझे याद है अब भी! अविश्रुत- गुमनाम मरघट - श्मशान घाट जलकुंभ - आँसू अंभ- आकाश मामूल - रीति-रिवाज, नियम #feelings #yqdidi #life #yqbaba #yq #zindagi #poetry #su
सुसि ग़ाफ़िल
बाहर की दुनिया से नही डरता मैं अंदर झांकता हूं तब घेर लेता है मुझे अंधेरा ऐसा क्यों ? जैसे पसरा हो सन्नाटा किसी श्मशान घाट के कोने में | बाहर की दुनिया से नही डरता मैं अंदर झांकता हूं तब घेर लेता है मुझे अंधेरा ऐसा क्यों ! जैसे पसरा हो सन्नाटा किसी श्मशान घाट के कोने मे