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Herok Pal
Lord Krishna | Devotional Stories | Mythology Facts #storytelling #Stories #पौराणिककथा
read moreShubh Sharma
आ गया रावण का मामा लेके स्वर्ण हिरण का रूप जिसका नाम था मारीच .. जो था मायावी शक्तियों से रूप बदलने में माहिर सीता माता की विनती सुन राम जी चले मृग को पकड़ने किसको पता था कि होनी कुछ और ही थी । भैया लक्ष्मण कर रहे थे माता सीता की पहरेदारी फिर माता सीता के कठोर वचनों को सुनकर उनको भी जाना पड़ा राम जी के पीछे और जाते 2 खींच गए लक्ष्मण रेखा माता सीता की कुटिया के आगे और पीछे । फिर वही हुआ जिसका था डर ले गया रावण माता सीता को हर । बोलो सिया पति रामचंद्र की जय 🙏🙏 ©Mr Shubh Sharma #NojotoRamleela #Nojoto #Devotional #Stories #humare_prabhu_ram VAniya writer * isha rajput Praveen Storyteller सत्य Internet Jockey Poon
Ramleela Nojoto #Devotional #Stories #humare_prabhu_ram VAniya writer * isha rajput Praveen Storyteller सत्य Internet Jockey Poon #Motivational #NojotoRamleela
read moreChanchal's poetry
भक्त और भगवान जब आस्था डगमगाती है, प्रभु स्वयं आते हैं.. भोर की पहली किरण के साथ पद्मा के घर में चहल पहल बनी हुई थी,पद्मा व उसका परिवार व सगे संबंधी बस बुक करके वृंदावन कान्हा जी के दर्शन के लिए जा रहे थे,पद्मा जो की एक छोटे से दफ्तर में काम करती हैं, श्री कृष्ण जी की अन्नय भक्त है, वह तो फुले नहीं समा रही थी,अपने सांवरे के दर्शन करने का सौभाग्य जो मिल रहा था ,सभी सफ़र के थकान के बाद वृंदावन पहुंचे,वहाँ धर्मशाला में स्नान आदि करके मंदिर के द्वार पहुँचते ही सबका हृदय प्रफुल्लित हो गया एकादशी का दिन खचाखच् भीड़ थी,भक्ति में लीन भक्तों की भीड़ में पद्मा और पद्मा के साथ लोग विचलित से हो गये,कान्हा जी की एक झलक मात्र से मन पुनः आनंद से भर गया,मंदिर के आसपास पंडा का दान पात्र में सहयोग राशि के लिये दबाव देना व मंदिर के एक कार्यकर्ता का अशिष्ट व्यवहार देखकर, पद्मा का हृदय आहत हो गया..वह मन ही मन सोचने लगी क्या कान्हा की नगरी में ऐसे लोग रहते हैं, ईश्वर होते भी हैं या ये बस एक कल्पना मात्र हैं,आसपास के स्थल घूमने के बाद सभी यात्रा के अंतिम पड़ाव पर थे, वृंदावन छुट रहा था. सभी थक चुके थे,बस तेजी से चल रही थी, अचानक पद्मा को मितली सी होने लगी, तो बस को रोका गया.. आसपास कोई घर नहीं था केवल एक छोटी सी कोठी दिख रही थी,पद्मा को उल्टियाँ हो रही थी,तभी कोठी से एक सत्रह अठारह बरस का सुंदर नव युवान बाहर आया, उसने बड़ी ही विनम्रता सारी बात को समझा और आग्रह किया कि आप सब तीर्थ से लौट रहे हैं, थके हुए है, अगर चाहें तो हमारे यहाँ आराम कर सकते हैं,सब कोठी में आराम करने को राजी हो गये,युवक ने चाय पानी की व्यवस्था की,युवक ने जब महिलाओं के हाथ में बाल कृष्ण जी का विग्रह देखा तो,एकदम हर्षित हो उठा,वह उन्हें भीतर के कमरे में ले गये,जहाँ एक बेहद मनोहर कान्हा जी झूले में झूल रहे थे, समीप ही उनके लिये फलों व दूध की व्यवस्था थी..एक आलमारी में उनके तरह तरह के वस्त्र रखे हुए थे,सब देख कर सभी अभिभूत थे की कृष्ण जी के इतने परम भक्त से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. कृष्ण जी पर जो आस्था डगमगाने लगी थी,उस युवक से मिलकर कई गुना बढ़ चुकी थी,भक्ति की शक्ति अब दृढ़ हो चुकी थी. वृंदावन में तो कान्हा के दर्शन हुए, लेकिन उस युवक में मानो साक्षात् प्रभु के जीवंत लीला-दर्शन हो गये...जय श्री कृष्ण (सत्य अनुभव से प्रेरित) सपना चंचल ✍️ ©Chanchal's poetry #devotional #krishna #stories #shortstories
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