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दूध नाथ वरुण
White क्यों बरसे ये नैना क्या जानूं,जिया लागे न काहे क्या जानूं। क्यों छोड़ गए मुझे मेरे पिया,क्या भूल हुई मोसे क्या जानूं।। ©दूध नाथ वरुण #क्यों #बरसे #ये #नैना
Altifa
INDIA CORE NEWS
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ
aaj_ki_peshkash
क्यों डरे जिंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो तजुर्बा होगा ©aaj_ki_peshkash क्यों डरे #जिंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो #तजुर्बा होगा #Exploration #life #motivatation
Ramji Mishra
Ashutosh Mishra
White कभी कभी कुछ सपने ,,,,अपने हो जाते हो जाते है इन वीरान रास्तों में, जो जिंदगी का उद्देश बन जाते है। और,,,,,,, कभी कभी कुछ ऐसे मित्र,,,,,बन जाते हैं इन वीरान रास्तों में,जो हमारे राज़दार बन जाते है। अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #Road कभी कभी कुछ सपने,,अपने हो जाते है इन सूनसान रास्तों में ,,,,, जो जीने का उद्देश्य बन जातें है, #रास्ते #सपने #अपने #सूनसान nita ku
Razzj D
White रास्तें में चलो तो सही , आगे बढो तो सही, क्यों थक कर बैठे हो, अभी तो मंजिल पाना बाकी हैं... ©Razzj D #Road रास्तें में चलो तो सही , आगे बढो तो सही, क्यों थक कर बैठे हो, अभी तो मंजिल पाना बाकी हैं...
Shivkumar
White { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस विचार को समझता हूं.. कम शब्दों में बहुत कुछ कहा जाता है ।। ∆ } मेँ भारत देश का रहने वाला हू हाथ में हर चीज़ आयताकार होनी चाहिए....!! ये बिजली कभी नहीं बचाएगी बील लेकिन माफ़ करें...!! मै कोई पेड़ नहीं लगाऊंगा बारिश लेकिन अच्छी...!! कभी शिकायत नहीं करूंगा लेकिन कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है....!! इन नेताओ का रिश्वत के बिना काम नहीं होगा लेकिन भ्रष्टाचार को ख़त्म होना ही चाहिए...!! मैं कचरा खिड़की से बाहर फेंक दूँगा लेकिन शहर में स्वच्छता की जरूरत है....!! मैं काम पर समय व्यतीत करूंगा लेकिन हर साल एक नये वेतन आयोग की जरूरत होती है....!! जाति के नाम पर रियायत मै लूंगा लेकिन यह मेरा देश धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए...!! मैं वोट देते समय जाऊंगा लेकिन ये जातिवाद बंद होना चाहिए...!! मैं इस टैक्स भरते समय उन कमियां ढूंढूंगा लेकिन ये विकास को पुरी मजबूती से ,होना या करना चाहिए....!! ©Shivkumar #VoteForIndia #Vote #चुनाव #मतदान #Politics { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस #विचार को