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Amar'Arman' Baghauli hardoi UP
शिक्षा ***** सभी गुणों की खान है शिक्षा, मानव की पहचान है शिक्षा। इसे व्यर्थ ना जाने दे , क़ुदरत का वरदान है शिक्षा। तीव्र चाहे हो कितनी धारा सागर में पतवार है शिक्षा। सभी गुणों की खान है शिक्षा, मानव की पहचान है शिक्षा। पूरे हो सब आरमा इससे, वरदानो की खान है शिक्षा सभी कलाओ में ये उत्तम मानव का श्रृंगार है शिक्षा। सभी गुणों की खान है शिक्षा, मानव की पहचान है शिक्षा। पाखंडों की शत्रु विनाशक मानवता की जान है शिक्षा। ये मुक्ति का मार्ग खोलती मानव का कल्याण है शिक्षा। सभी गुणों की खान है शिक्षा, मानव की पहचान है शिक्षा। पशु को भी है मनुज बनाती जीने का मर्म सिखाती शिक्षा। कोई काल हो कोई देश हो हरदम साथ निभाती शिक्षा। सभी गुणों की खान है शिक्षा, मानव की पहचान है शिक्षा। मिटे सभी तम जीवन का दिनकर का प्रकाश है शिक्षा। कैसी भी हो विकट वेदना पल-पल साथ निभाती शिक्षा। सभी गुणों की खान है शिक्षा, मानव की पहचान है शिक्षा। आज्ञानी में ज्ञान ये भारती सद्कर्मो की खान है शिक्षा। कर्तव्यों का बोध कराती मानव का अभिमान है शिक्षा। सभी गुणों की खान है शिक्षा, मानव की पहचान है शिक्षा। *** *** *** अमर'अरमान' बघौली,हरदोई उत्तर प्रदेश 7651997046 आईडी:- singh.amar279@gmail.com कविता (शिक्षा) #InspireThroughWriting
कविता (शिक्षा) #InspireThroughWriting
read moreKunal Salve
एक स्त्री... सुखरूप यावं त्यानं देवाला पुजते. नको नात्यात दुरावा सदा नाव त्याचं जपते. कधी होतो तो कृष्ण मी वेडी राधा बनते. पहावं नयनात त्यानं घडी घडीला सजते. न्याहाळता मला त्यानं त्याच्यात हरवून जाते. सागर तो माझा मी त्याची नदी होऊन वाहते. मी सखी त्याची अस्तित्त्व माझं त्याला मानते... #प्रेम #स्त्री #कविता
Sarita Sawant
बेड्या तिच्या पायातल्या मनावर आघात करतात जगायचे चाकोरीबाहेरचे जग म्हणून आकांत करतात #मराठी #कविता #स्त्री
Ek villain
विश्व के हर समाज में चेतना और जड़ता का चक्र निरंतर चलता रहता है चेतना के उत्कर्ष के काल में सामाजिक प्रगति करती है लेकिन उनके कारणों से जब यह चेतना मंद पड़ने लगती है तब समाज में समग्रता और समर सप्ताह का भाव कमजोर पड़ता है परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय एकता मक्का का भाव ही रेड होने लगता है दुर्भाग्य से हमारा समाज ऐसी अवस्था से गुजरता रहता है तभी भारत भूमि पर विदेशी हमले भी हुए हमारा पूरा सामाजिक और शैक्षिक तन बंद बिखर गया अंग्रेजों के शासन काल में स्त्रियों की शिक्षा दीक्षा का कर्म बाधित होने के कारण समाज में एक अभूतपूर्व असंतुलन देखने को मिलता रहता है अपना मार्ग गार्गी मित्र इन लीलावती जैसी ब्रह्मवादिनी यू और विदेशियों के देश में स्त्री संकट का आ चुका है लेकिन भारतीय आजीविका का चमत्कार यही है कि संकट स्थाई नहीं रहते हुए सामाजिक इच्छाशक्ति के समान देर सवेरे टूट ही जाते हैं बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर ने कहा था कि भारतीय समाज के कलेवर और मानस में वह ललित लचीलापन है जिसके कारण अपने दोषों को दूर करने के लिए संशोधन का स्थान बनाया ही लेते हैं 19वीं सदी में देश में सावित्रीबाई फुले नाम की एक मिसाल चली जिसने अपने प्रकाश से अज्ञान के अंधेरे दौर को चुनौती देते हुए स्त्रियों की आधुनिक शिक्षा का एक विषय उदाहरण प्रस्तुत किया महाराष्ट्र के सतारा जिले के नए गांव कस्बे में 3 जनवरी 18 से 31 को जानवी सुमित्रा बाई का मात्र 9 वर्ष की आयु में विवाह कर दिया गया बाल विवाह का दुर्भाग्य तो उनके हिस्से आया लेकिन उनके पति ज्योतिबा बाई के स्पष्ट सुधारवादी समाज संघ सोच के प्रभाव के कारण सुमित्राबाई आगे चलकर और अनेक महिलाओं को बाल विवाह से बचाना और उनकी शिक्षा प्राप्त की भूख प्रदान करने का माध्यम अनिता एक प्रबल रोटी बड़ी थी महिलाओं की शिक्षित नहीं की जानी चाहिए और उनको जल्द से जल्द विवाह करना बोझ से मुक्त हो जाना चाहिए सावित्रीबाई इस रूढ़िवादी सोच के विरुद्ध आवाज उठाई और अपने द्वार खुल गई ©Ek villain # स्त्री शिक्षा की आधुनिक मंत्रा दृष्टि #HappyNewYear
# स्त्री शिक्षा की आधुनिक मंत्रा दृष्टि #HappyNewYear
read moreMahesh Kumar
शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वो दहाडेगा डा़ बी़ आर अम्बेडकर ©Mahesh Kumar शिक्षा पर
शिक्षा पर #जानकारी
read moreSh k
शिक्षा एक ऐसा वृक्ष है जो दिल में उगता है, दिमाग में पलता है और जुबान से फल देता है।। ©Shailendra Kumar शिक्षा पर motuvation
शिक्षा पर motuvation #Motivational
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