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प्रथमेश विशाल

झांक रही है खुद चाँद चलनीं से इक चादँ को ❤️ #करवाचौथ #चाँद #चलनी

Vishal

वक़्त और जवाने के साथ बदलना अच्छा हैं,
पर ये क्या,
बदलते-बदलते तुम इतने बदल गए कि,
चलनी में देखने वाला चेहरा भी बदल डाला। #वक़्त #बदलना #चलनी #चेहरा 
#yqbaba #yqdidi #yqquotes

Geetika Chalal

हमेशा रही 'भाई ' ही। by- गीतिका चलाल geetika Chalal #Bhaidooj #poem

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तेरा मेरा रिश्ता कभी बयाँ नहीं कर पाती मैं।
मालूम है मुझे - अभी भी ये कोशिश नाक़ाम होगी मेरी।
मैं अभी भी लिख न पाऊँगी तेरे बारे में कुछ भी, 
मैं अभी भी ख़ूबसूरती दिखा न पाऊँगी इस रिश्ते की।
बस इतना है कहना -
कुछ रिश्ते 'एहसास' बन कर अज़ल तक सुकून देते है।
हमारा रिश्ता अल्फ़ाज़ों का मोहताज़ नहीं।
माना मैं दुनिया की नज़र में तेरी बड़ी बहन।
पर तेरे लिये, मैं हमेशा रही ' भाई ' ही।
Happy Bhaiyadooj


insta-@geetikachalal04

©Geetika Chalal हमेशा रही 'भाई ' ही।
by- गीतिका चलाल
geetika Chalal

#Bhaidooj

Geetika Chalal

सिर्फ़ आराम by-गीतिका चलाल #rest #poem #नींद #गीतिकाचलाल #diary #Love #Life #Smile

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सिर्फ़ आराम।

मेरी लिखावट सोच के कोरे कागज़ पर कोरी है।
स्याही मन के कलम की, आज बिखरना नहीं चाहती।

बोझिल आँखे देखना चाहती है नींद के बाद का नज़ारा।
मजबूरी के साथ, थकान में डूब कर जगना नहीं चाहती।

ये उंगलियाँ हाथों की, बेजान हो जाना चाहती है।
आज कलम को थामने की, हिम्मत जुटाना नहीं चाहती।

ये थकान से टूटा बदन आज सिर्फ़ आराम चाहता है
कोई काम नहीं, कोई सोच नहीं। सिर्फ़ आराम।
सिर्फ़ आराम। 
(गीतिका चलाल)

©Geetika Chalal सिर्फ़ आराम
by-गीतिका चलाल
#rest #poem #नींद 
#गीतिकाचलाल #diary 
#Love #Life #Smile

Geetika Chalal

ज़िन्दगी की बनियान by-गीतिका चलाल #LostInNature #unpluggedpoetry #GeetikaChalal #Nature #Life #Love #Quote #thought

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मैं कईं वक़्त से कात रही थी, ऊन अपने सपनों के।
तैयार कर लिये मैंने, महीन रेशे अपने अरमानों के।
चढ़ा कर पसन्दीदा रंग रेशों में, 
कईं नमूने याद कर लिये।
अब उतार-चढ़ाव की सिलाई से, 
ज़िन्दगी की बनियान बना रही।

insta- geetikachalal04

©Geetika Chalal ज़िन्दगी की बनियान
by-गीतिका चलाल

#LostInNature 
#unpluggedpoetry 
#GeetikaChalal 
#Nature #Life #Love #Quote

यदुवंशी आंनद यादव

अब तो ख़ुदा हवा चलनी चाहिए Arika Sachin Joshi Sabhajit Kumar Madhu Kaur Aisha

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काश ख़ुदा तेरी कोई ऐसी
हवा चले,
आखिर "कौन किसका है" पता तो चले। अब तो ख़ुदा हवा चलनी चाहिए  Arika  Sachin Joshi Sabhajit Kumar Madhu Kaur Aisha

Geetika Chalal

आबरू by-गीतिका चलाल Geetika Chalal #Pain #Rape #Poetry #realityoflife #GeetikaChalal #Women #alone #आबरू #poem

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आबरू

वो ज़िंदा लाश! अपने कटे जिस्म को घर लायी थी।
आँखों में सूखे आँसू और लिबास में दाग़ लगा कर आयी थी।

वो दाग़- अब जो नासूर जख़्म बनने वाला था।
वो दाग़- अब जो हर किसी का सवाल बनने वाला था।
वो दाग़ जिस पर, चार लोग चार बात बनाने वाले थे।
वो दाग़- अब जो उसके वजूद का फैसला करने वाला था।

आवाज़ खो कर आयो थी वो।
खौफ़नाक मौत का मंज़र देखकर आयी थी वो।
क़त्ल हुआ था आज, उसमें छिपे हर 'औरत' का।
आज जिस्म नहीं, रूह की लाश लेकर आयी थी वो।

पर हमने क्या किया?
माँ बनकर उसे कलेजे से लगा तो लिया, 
पर लोगों के डर से, उसके दाग़ को छिपा लिया।
बाप ने जिसे अपनी शान,अपना ग़ुरूर माना हमेशा,
आज उसके दर्द को, बदनामी का सबब मान लिया।
अरे! हम वो दोस्त, वो रिश्तेदार है जो कल तक उसके साथ थे।
आज हम ही दूरी रखेंगे। हम ही राय देंगे। हम ही बात बनाएंगे।
मिलेगी सज़ा गुनहगारों को, वकालत चलती रहेगी अपनी जगह।
पर हम वो समाज है, जो अपनी 'बेटी' को चाल-चलन का नया पाठ पढ़ाएंगे।
हमदर्दी बेहद होगी हमें, पर बेग़म बनाकर अपनायें कैसे?
'आबरू उसकी आबरू कहाँ', इस सोच को अब छिपाये कैसे?
माना दिल पसीजता बहुत है हमारा, उसके दर्द में।
पर महज़ दिखावे के ख़ातिर, उसे घर की इज्ज़त बनाये कैसे?

असल हैवान तो हम है, हममें शर्म कहाँ?
हम वक़्त-बेवक़्त नाप-तोल करते रहे, उसके दर्द का।
हम तराजू लिये खड़े रहे, उसे तोलने हर मोड़ पर 
और उसकी आबरू, हमारे सवालों में घिरी रही हमेशा।
(गीतिका चलाल)
insta- chalalgeetika04

©Geetika Chalal आबरू
by-गीतिका चलाल
Geetika Chalal

#Pain #Rape #Poetry 
#realityoflife #GeetikaChalal #Women #alone #आबरू

Ravindra Singh

राजनीति न कीजिए साहब चालों का हमें भी पता है , कब और कहां चलनी है । #Shayari

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Geetika Chalal

मेरे लब सिले रहने दो। by- गीतिका चलाल #Love #gajal #गीतिकाचलाल #FirstLove #Broken #BreakUp #Life #Pain

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मेरे लब सिले रहने दो।

न करो ज़िद्द इतनी, राज़ को राज़ रहने दो।
ताल्लुक़ अब नहीं उनसे, मेरे लब सिले रहने दो।

मेरी कहानी बिन उनके, कोई कहानी नहीं।
बेहतर है कहानी को सिर्फ़ मुझ तक रहने दो।

कुछ अफ़साने अंजाम तक नहीं आ पाते।
उन अधूरे अफ़सानों को मीठी याद बने रहने दो।

उनका ज़िक्र अब, नाम ख़राब न कर दे उनका
उनपर-उनके नाम पर हक़, अब हक़दार का रहने दो।

सितारें गर्दिश में थे, जो रास्ते अलग हो गये
अब मुझे अपने मक़ाम में और उन्हें अपने मक़ाम में रहने दो।

शिकायत नहीं, कोई गिला नहीं रब से इस जुदाई पर
ख़ुश है वो किसी और संग, बस हमें अजनबी बने रहने दो।

महफ़िल में नुमाईश न हो इस अधूरी दास्तान की
इसलिये इस गुमनाम मोहब्बत को, गुमनाम रहने दो।

दफ़न रहने दो सब, मान लो गुज़ारिश मेरे दोस्तों..
न करो ज़िद्द इतनी, राज़ को राज़ रहने दो।
ताल्लुक़ अब नहीं उनसे, मेरे लब सिले रहने दो। (गीतिका चलाल)

©Geetika Chalal मेरे लब सिले रहने दो।
by- गीतिका चलाल

#Love #gajal #गीतिकाचलाल
#FirstLove #Broken #BreakUp
#life #Pain

Geetika Chalal

क्यों फिर से ? by-गीतिका चलाल Geetika Chalal #Poetry #brokenheart #Love #GeetikaChalal #Life #alone क्योंफिरसे prem sadstory pain #poem

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क्यों फिर से?

फ़िर इश्क़ से रूबरू नहीं होना है यारों...
कितने दफ़े मौत को हराये अब।
कोई दस्तक न दे दिल पर.. 
आख़िर क्यों फिर से, वही दांव लगाये अब ?

पहले तारीफ़ से शुरुआत होगी।
फिर गुफ़्तगू बढ़ेगी।
फिर वही बेचैनी का आलम,
फिर वही दिल्लगी।

इश्क़ का धुँआ फिर मदहोश करेगा।
फिर एक बार कोई गैर, मुझे अपना कहेगा।
उफ़ ! थक चुके। ये जवानी न जाने ढलेगी कब ? 
आख़िर क्यों फिर से, वही दांव लगाये अब ?

एक बार जो शिकार हुए है, वो कम है क्या?
क्यों खामखाँ फिर से वही चोट - वही घाव चाहे अब?
जख़्म भरा नहीं, अब भी हरा है यारो...
क्यों एक नये जख़्म से, इसे और नासूर बनाये अब?

टूटी हिम्मत डराये मुझे, फिर से किसी को चाहने में।
वक़्त लगेगा अभी, फिर किसी के करीब आने में।

अजी माफ़ करिये! माना कि आप साथ निभायेंगे
पर तजुर्बा मेरा, इजाज़त नहीं देता फिर शरारत की
करीब आना - दूर जाना, ये खेलता है जज़्बात से
अब उम्र नहीं दीवानगी की - मोहब्बत की।
फ़िलहाल अकेले सही, मोहब्बत की न है तलब।
आख़िर क्यों फिर से, वही दांव लगाये अब ? (गीतिका चलाल)

©Geetika Chalal क्यों फिर से ?
by-गीतिका चलाल
Geetika Chalal

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#geetikachalal #life #alone 
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