Find the Latest Status about डिजिटल लायब्ररी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, डिजिटल लायब्ररी.
nandini kanase
लायब्ररी मधली ती खिडकी पहिल्यांदा गेले होते लायब्ररी मध्ये तेव्हा अनोळखी वाटले जग सारे पण खिडकी, तू मला भेटलीस आणि मन लगेच तुझ्याकडे धाव घेतलं खुर्चीत बसताना अलगद गालावर हसू आलं तू थंड वाऱ्याचा ओलावा देताना मन प्रसन्न झालं खिडकी, तू तशी अनोळखी चं होतीस पण तरीही आपलेपणा तू दिलास वाचून वाचून जेव्हा कंटाळा येईल तेव्हा चिंब करणाऱ्या पाऊस सरीचा आनंद मला देऊन जायची मग उठून तुझ्या जवळ येण्यासाठी मन आतुर व्हायचं खिडकीतून तू मला देणारा थोडासा विसावा म्हणजे चं पावसाचा प्रत्येक थेंब जसा मातीला तृप्त करतो तशीच तू मला आनंदाने तृप्त करायचीस जग तुला निर्जीव म्हणत पण माझ्यासाठी अभ्यासिका मधला छोटासा विसावा... #firstquot लायब्ररी मधली ती खिडकी 🤩
#firstquot लायब्ररी मधली ती खिडकी 🤩
read moreShahab
नजर नहीं आते अब गलियों में आशिक , इश्क भी अब डिजिटल हो गया है ... ©Shahab #डिजिटल
◆°Indu Nagpuriya°◆
बेशर्त दोस्ती सोच रहा हूँ में भी डिजिटल शायर बन जाऊं... जो कर रहे है कुचरनी, बनके वायरस उनकी जिंदगी में...*में* हड़कम्प मचाऊं... #डिजिटल
CK JOHNY
डिजिटल ईश्क जब तुम सो जाते थे हम तेरी पोस्टस् में खो जाते थे। नींद आती न थी जब रातों में तेरे प्यार भरे जज्बातों में हम कई बार मैसेज तेरे दोहराता थे। हाँ जब तुम सो जाते थे हम तेरी पोस्टस् में खो जाते थे। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ डिजिटल इश्क़
डिजिटल इश्क़
read moreMamtaj Priya
Sea water कमबख्त दिख रहा है मुझे तेरा हर लिहाज बदला हर पैंतरा,हर लहजा और निगाह बदला तुम कह रहे हो व्यस्त हु वक्त नहीं मिलता... हम बखूबी देख रहे है तेरा हर वक्त ऑनलाइन रहना...✍️✍️ m.priya ❤️✍️ ©Mamtaj Priya डिजिटल धोखा...
डिजिटल धोखा... #शायरी
read moreParasram Arora
हम सब आज डिजिटल युग में जी रहे हैं दुनिया का लगभग संपूर्ण साहित्य एक क्लिक क़े फ़ासले पर हैं ©Parasram Arora डिजिटल युग....
डिजिटल युग....
read moreगणेश
हाय! डिजिटल युग ने छीनी है हमारी सादगी। भावनाएँ सुप्त हैं, रोबोट की मेधा जगी। अब धरातल छोड़कर, संसार सोशल हो गए। द्वार मन के, प्रीत के संचार सोशल हो गए। क्षण बधाई, क्षण करुणता, हाय! कैसी दिल्लगी? भावनाएँ सुप्त हैं, रोबोट की मेधा जगी। इक तरफ है जन्मदिन तो इक तरफ अर्थी चली। दूँ किसे शुभकामना या सांत्वना दुःख की भली। क्षण में सुख दर्शा दिया, ना शोक में घड़ियाँ लगी। भावनाएँ सुप्त हैं, रोबोट की मेधा जगी। :-✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' ©गणेश #डिजिटल #भावनाएं
Divyanjli Verma
अजी, ओहो, सुनो, सुनती हो का गया ज़माना अब बाबु ,सोना, डार्लिंग, मोना चलता है। वीडियों कॉलिंग पर है डेटिंग चलती, चुप चुप के खेतों मे मिलना खलता है। खतों मे अब चुम्मा नहीं जाता, Emoji से kisses मिलता है। फूल देने का गया ज़माना, अब E cards मे प्यार महकता है। दिन भर करते फ़ोन पर चैटिंग, बाबु, सोना कैसी हो? सामने से मिल जाए कभी तो, कहे तुम मेरे वालीं नहीं जैसी हो। डिजिटल ज़माने का डिजिटल प्यार है, पल पल मे बदलता है। अजी, ओहो, सुनो, सुनती हो का गया ज़माना अब बाबु ,सोना, डार्लिंग, मोना चलता है। ©Divyanjli Verma डिजिटल प्यार
डिजिटल प्यार #कविता
read more