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Shashi Bhushan Mishra
अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे, मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, फूल कलियों से चमन में ताज़गी है, दुआओं के इत्र से आबाद हूँ अब, चाँदनी उतरी है दिल के दरीचे में, लग रहा जैसे कोई महताब हूँ अब, जलने वाले इस क़दर हैरानगी से, देखते जैसे कोई तेजाब हूँ अब, झुकाते हैं शीश दरवाजे पे आकर, नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब, ख़त्म दौर-ए-जहाँ का करके गुंजन, ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #आजाद हूँ अब#
Arora PR
White हेप्रभु तूने मुझे अपने से दूर रख कर. कितना तड़पाया हैं शायद इसका अंदाज़ तुम्हे नहीं होगा .... अब तो मेरी तड़प भी प्रतीक्षा करते करते हार चुकी और कहने लगी हैं "है प्रभु तेरी मर्जी पूरी हो" ©Arora PR हे प्रभु तेरी मर्जी पूरी जो
Ramji Mishra
स्मृति.... Monika
मैं निरी काठ थी,तेरे हाथों में आके बन गई बांसुरी, मैं टूटा साज थी, तेरे उर से निकल बन गई माधुरी, मैं तो निराश थी, तेरी भक्ति ने जीवन को देदी धुरी, गिरने से पहले मेरे मोहन! हाथ थाम लेना मेरा यूँ ही, तुम बिन अधूरी थी मैं, स्मृति तुमसे ही होती पूरी, बेरंग सी थी मैं , तेरे प्रेम में रंग,बन गई सिंदूरी, मैं निरी काठ थी, तेरे हाथों में आके बन गई बांसुरी || ©स्मृति.... Monika #radhegovind#स्मृति तुमसे ही #होती पूरी
विपिन सिंह फौजी
" मुझे किसी महिला के द्वारा की गई प्रशंसा का एक शब्द किसी पुरुष की पूरी कविता से अधिक प्रिय है। ©विपिन सिंह फौजी #Tulips " मुझे किसी महिला के द्वारा की गई प्रशंसा का एक शब्द किसी पुरुष की पूरी कविता से अधिक प्रिय है।
Dr Ajay Prakash
दिल से दिल की दूरी नहीं होती काश कोई मजबूरी नहीं होती 🥀,,,,,🥀,,,,,🥀,,,,,🥀 मिलने की तमन्ना बहुत है लेकिन कहते हैं ना हर तमन्ना पूरी नहीं ©Dr Ajay Prakash #agni हर तमन्ना पूरी नहीं होती
black chhora 2x up41
एक नौकरी के चक्कर में पूरी जिंदगी की शौक खत्म हो जात हैं दोस्त ©black chhora 2x up41 # एक नौकरी के चक्कर में पूरी जिंदगी की शौक खत्म हो जात हैं दोस्त ...#gym #motivation #Running