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rajat gupta

आज थोड़ी ज्यादा पीनी है,
नशे के लिए नहीं, पर हाँ वो

तेरे साथ बिताए हर लम्हात को मिटाने के लिए,
आज तक के अत्तित को यू दफ़नाने के लिए,
और कल फिर से वो झूठी मुस्कान
चेहरे पे लाने के लिए |

- collaboration wid 'इत्तु' बरगली #yqdidi #yqbaba #अत्तित #नाशा #longgone #yqframe

Dr.asha Singh sikarwar

मुक्ति Video kavita #kavita poetry #Poetry #bestpoetry मुक्ति #मुक्ति #Nojotovoice #nojotovideo

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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "मुक्ति"
इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति
मिल जाये,सब कामों से मुक्ति
परन्तु कर्महीन होने की उक्ति
इससे मिलती न सुख अनुभूति

सच मे सच की तो यह सूक्ति
कर्म करने से मिलती है,मुक्ति
जिसने समुचित कर्म किया
वो भी बिना किसी आसक्ति

कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति
उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति
जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति
सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #मुक्ति

Manmohan Dheer

मुक्ति

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मुक्ति इक़ डुबकी में है
कोई पूरा तैर ही ले तो
     मुक्ति

Biikrmjet Sing

हरि की भगत मुक्त बहु करे।। नानक जन संग केते तरे।। 2. तज अभिमान सरन सन्तन गहो मुक्त होये छिन्न माही।।

अर्थ:- परमात्मा की उस निराकार की भगती यानी एकदृष्ट नेत्रों को करके निराकार को निहारना (पहले नेत्रों को सम करना फिर नीचे देखना खाली स्पेस में फिर साहमने फिर पलको को ऊपर उठाना फिर रिवर्स में) यह भगती मन को प्रकाशमान करके मुक्त कर देती है और कई इससे मुक्त फल को प्राप्त हुए हैं।। हे नानक ऐसे जन संग कई मुक्ति पा चुके हैं यानी भवसागर से तर गये हैं।। 2. यह मुक्ति की भगती हमें वह परमेश्वर सच्चे सन्तन की शरण मे जाकर उनकी जीभा पर बैठ कर अभिमान का त्याग करा कर उनकी शरण मे लिजा कर सिखाते हैं जिससे मन माया के गर्भ से एक छिन्न में मुक्त हो जाता है यानी रजो-तमो-सतो से एक पल में मुक्त हो जाता है।।

©Biikrmjet Sing #मुक्ति

Biikrmjet Sing

गौड़ी कबीर जी।।
नग्न फिरत जो पॉइये जोग।। वन का मिर्ग मुक्त सभ होग।।१।। क्या नागे क्या बाधे चाम।। जब नहीं चीन्स आत्म राम।।१.।।रहउ।। मुंड मुंडाए जो सिद्ध पाई।।मुक्ति भेड न गईया काई।।२।।बिंद राख जो तरियै भाई।। खुसरै क्यों न परमगति पाई।।३।। कहो कबीर सुनो नर भाई।। राम नाम बिन किन गत पाई।।४।।४।।

अर्थ:- अगर नग्न रहने से परमात्मा से योग होता तो वन में हिरण सभी मुक्त हो जाते।।१।। बाहर के नंगे रहने या शरीर पर चमड़ा लपेट लेने का क्या लाभ अगर मन जोत में बैठे आत्मा राम प्रकाश को नहीं ढूंढा।।१.।।रहउ।। अगर मुंड मुंडाए जो परमात्मा मिलता तो भेड़ों को तो मुक्ति पहले मिल जाती।।२।।अगर कवारे रहते परमात्मा मिलता तो महंतो को जिनका गर्भ धारण नहीं होता उन्हें पहले मुक्ति मिल जाती।।३।।कबीर जी कहते हैं हे नर मन भाई सुनो राम का नाम यानी गुर जो कि संतो द्वारा मिलता है उसके बिना किसने मुक्ति पाई है?।।४।।४।।

©Biikrmjet Sing #मुक्ति

Parasram Arora

मुक्ति.....

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यध्यपि  "मुक्ति "  एक  सुंदर
शब्द है
और समय  की
न्यूनतम इकाई  तक
मुक्ति की प्रतीक्षा
की जा सकती है
लेकिन उसके लिए   एक संकल्पित
मन जरूरी हैऔर  वे 
स्वप्न जो  हकीक़त. नहीं बन सके  उन  सपनो की
दीवार को   तोड़ देनाभी  लाज़िमी है

©Parasram Arora मुक्ति.....

HP

मुक्ति

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दुर्बुद्धि और दुष्प्रवृत्तियों से छूटना ही ‘मुक्ति’ है। मुक्ति

Om Prakash Kumar

चाहे मुझे वो जन्नत मिले या दुर्गति मिले। 
पर इस दुनिया से मुझे अब मुक्ति मिले।। #मुक्ति

Praveen Sharma

मुक्ति

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मृत्यु और मुक्ति - इच्छाओ के रहते अगर प्राण चले जायें तो मृत्यु होती है, और प्राणो के रहते अगर इच्छाएं चली जायें तो मुक्ति होती है // मुक्ति
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