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Manjari rajpoot
कुछ दर्द दिल के कोने में ऐसे दबे होते हैं ,, जो न ही सहे जाते हैं, न ही कहे जाते हैं।। खुद से अब तक 😭 ✍️ 17/7/2022 ©Manjari rajpoot अब तक 😔
G. K. Sharma
Break up quotes कोरा है अब तक मेरा दिल, इक दफा टूटा नहीं। कैसे बोलूं झूठ ये, मैं इस कदर झूटा नहीं। ©G. K. Sharma कोरा है अब तक
pramod malakar
अब तक हम थे अनजाने ********************** हम भाईचारा निभा रहे हैं, और हमें वह धरती से मिटा रहे हैं। हमारे दिल को वह क्या जाने, अब तक हम थे अनजाने, देर ही सही लेकिन , अब हम हैं उसे पहचाने।। सनातन संस्कृति का,वह कर रहा सत्यानाश है, गर्दन पर तलवार है,फिर भी हमें विश्वास है, हमें तनिक नहीं हो रहा आभास है।। भाईचारा है हमारी बुरी बीमारी, अनगिनत कमजोरी है अंदर हमारी। हम खुद को खुद ही मिटा रहे हैं, गैरों से अपनों का , कत्ल करवा रहे हैं, बहन बेटियों का अस्मत,हम लूटवा रहे हैं।। धर्म का खंजर वह हम पर चला रहे हैं, हम भाईचारे का गीत , गाए जा रहे हैं, भाईचारा हम निभा रहे हैं, और हमें वह धरती से मिटा रहे हैं।। *****************************- प्रमोद मालाकार कि कलम से 06.07.214 ©pramod malakar #अब तक हम थे अनजाने
Anuj Ray
लहूलुहान है सांसे अब तक" लहूलुहान है सांसे अब तक, हर एक आंसू से, दर्द का दरिया सुबह निकलता है। किस किसको दिखाऊं ,दिल के ज़ख्मों के हरे दाग़, राख के ढेरों से धुंआ अभी भी निकलता है। कराहती रहती है सूनी रातों में मोहब्बत, उसकी चीख़ों से थोड़े ,आफताब रास्ता बदलता है। हर रोज़ टूटते हैं लाखों दिल फिर भी, ए मोहब्बत , तेरी खुदाई का कारोबार फिर भी चलता है। ©Anuj Ray # लहूलुहान है सांसें अब तक"
लेखक ओझा
gully boy quotes मैं हो जाता अब तक किसी का लेकिन किसी ने किसी से मेरी जिक्र ही नही की। ©लेखक ओझा मैं हो जाता अब तक
pramod malakar
अब तक हम थे अनजाने ********************* हम भाईचारा निभा रहे हैं, और हमें वह धरती से मिटा रहे हैं। हमारे दिल को वह क्या जाने, अब तक हम थे अनजाने, देर ही सही लेकिन , अब हैं हम पहचाने। सनातन संस्कृति का कर रहा वह सत्यानाश है, गर्दन पर तलवार है , फिर भी हमें विश्वास है, हमें तनिक भी नहीं , हो रहा आभास है। भाईचारा है हमारी सबसे बुरी बीमारी, अनगिनत कमजोरियां है अंदर हमारी। हम खुद को खुद ही मिटा रहे हैं, गैरों से अपनों का कत्ल करवा रहे हैं। धर्म का खंजर कट्टरपंथी , हम पर चला रहे हैं, बहन बेटियों का अस्मत , हम लूट रहे हैं, हम सब भाईचारे का गीत , गाए जा रहे हैं। हम भाईचारा निभा रहे हैं, और हमें वह धरती से मिटा रहे हैं। ०००००००००००००००००००० प्रमोद मालाकार की कलम से 06 जुलाई 2014 ©pramod malakar #अब तक हम थे अनजाने
शान-ए-शब
साल बदलते देख लिया, जज़्बात बदलते देख लिया ! लोगों को बदलते देख लिया, मौसम बदलते देख लिया ! ख्वाहिशों को भी बदलते देख लिया , जो नही बदला अबतक....... वो सिर्फ़ तुम्हारी यादें ही है !! ©शान-ए-शब जो नही बदला अब तक...... #shayeri #Nojoto