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Praveen Jain "पल्लव"
sunset nature पल्लव की डायरी समापन है रात्रि का अंधकार मुँह छिपाकर भागेगा उदय हो रहा है सूरज जन जीवन अब सरपट भागेगा दिन और रात्रि का स्वागत करते करते जीवन चक्र अवसान की ओर भागेगा तिल तिल कर के समय उम्र के पड़ाव और शरीर को ढालेगा जन्म मरण के फेर कितने लगा लिये मगर सूरज चाँद वही ड्यूटी अपनी अनादि काल से निभा रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sunsetnature तिल तिल करके समय,शरीर और उम्र को ढालेगा #nojotohindi
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी इसी चक्र की धुरी पर गोल गोल हम सब घूम रहे है एक प्यास और होड़ लेकर तिल तिल हम जल रहे है निराधार आधार लेकर मिरग तृष्णा में भटक रहे है बोध और ज्ञान सुप्पत प्रायः अज्ञानता में रोज फँस रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Reindeer एक प्यास और हठ लेकर तिल तिल हम सब जल रहे है #nojotohindi
Binay Kumar Shukla
Andy Mann
इन सारे झमेलों से मैं वाक़िफ़ हूँ अज़ल से दिखला न मुझे हिज्र की ये कश्फ़-ओ-करामात ये पेड़ तिरी याद से सरसब्ज़ हुआ है झड़ सकते नहीं इस के किसी तौर कभी पात ©Andy Mann #पर तिरी
Rameshkumar Mehra Mehra
White अगर तुम्हारी जिंदगी में कोई और है...... तो कहती कयो नही.....! बाते घुमाती हो सीधी बात करती कयों नही.......!! पू थोडा-थोडा तोडती हो दिल....!!! हर रोज मेरा..... किसी दिन पूरा ही दिल तोड देती कयो नही..!!!! पू तिल-तिल मरना.... अब गबारा नही.........!!!!! पूरी तरह सें जान अब लेती कयों नहीं..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # अगर तुम्हारी जिंदगी में कोई और है,तो कहती कयो नही,बातें घुमाती हो सीधी बात करती कयों नही,यू थोडा-थोडा तोडती हो दिल,हर रोज मेरा,किसी दिन पू
अमित कुमार
White इंसान अगर बांध ना बनाए,वो नदियों के जलधारा को मोड़ेगा कैसे । दूसरों से ज्यादा खुद पर भरोशा हो,और कोई अपना दिल तोड़ेगा कैसे।। ©Amit खुद पर भरोशा
Guddu Alam
उम्मीद पर दुनिया टिकी है और मैं भी टिका हूँ, कहीं शायद मेरा एकतरफ़ा इश्क़ तुमसे दोतरफा हो जाए।" ©Guddu Alam उम्मीद पर दुनिया
Naresh Kumar khajuria
White ऑनलाइन ०००००० ऑनलाइन मत आना आज मुझे देखने छत पर जाना स्क्रीन मुझे नहीं दिखा सकती पूरा चांद मुझे पूरा दिखा सकता है शायद चांद कहे तुमसे मेरे बारे में --- मैं छत पर हूँ और एक किस्सा सुना रहा हूँ चांद को - एक पगली है स्क्रीन पर रहती है स्क्रीन में हंसती है स्क्रीन में रोती है आंखें सुजा लेती है.... उसको कहना मेरे बारे में प्रेम में मेरी आँखें कभी जलती नहीं मैं चांद के जमाने से प्रेम करता हूँ स्क्रीन का जमाना आज आया। ©Naresh Kumar khajuria चांद पर प्रेम