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꧁ARSHU꧂ارشد
दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है , चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है ... ©꧁ARSHU꧂ارشد दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है... Anupma Aggarwal sana naaz Ishika Mahi Nîkîtã Guptā
Lankadhipati Rawan
प्रेम कुमार रावत
White तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना याहा से रवाना हो पा रहे है ©प्रेम कुमार रावत #City तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना याहा से रवाना हो पा रहे है
Himanshu Prajapati
White 👉🏻मैं वह राज हूं 👉🏻जो कभी सुलझता नहीं, 👉🏻कोई टक्कर का हो तो ठीक 👉🏻वरना यूं ही एरो गैरों से उलझता नहीं..! ©Himanshu Prajapati #City 👉🏻मैं वह राज हूं 👉🏻जो कभी सुलझता नहीं, 👉🏻कोई टक्कर का हो तो ठीक 👉🏻वरना यूं ही एरो गैरों से उलझता नहीं..!
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें आज भी हैं , आज उसे इक दफा गले लगाने को दिल कर रहा हैं , फकत अंजुमन कुछ भी तो कुछ बात बने , फ़ुर्क़त में उसे दाटने को जि कर रहा है , क्या समझाये की अब मुहब्बत नहीं हैं तुझसे , फकत तुझे महज़ इक याद की तरह रखी , तेरी तस्वीर आज भी इक पास रखी हैं , फिर जो कहीं मुहब्बत और नफ़रत की गुंजाइश हो तो याद करना , आखिर हम रक़ीबों से दिल लगा के आखिर करते क्या . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें
DRxHitesh sagar
Gopal Pandit
White दिल करता है हम लौट चलें फिर से तेरे शहर को । फिर ख्याल आता है क्या बसा पाएंगे हम अपने पुराने घर को ।। तूने बेईज्जत करके तो निकाला था मुझे सारे शहर के आगे । क्या फिर से जी पाऊंगा तेरे शहर में मैं उठाकर अपने सर को।। #गोपाल_पंडित ©Gopal Pandit #Road दिल करता है हम लौट चलें फिर से तेरे शहर को । फिर ख्याल आता है क्या बसा पाएंगे हम अपने पुराने घर को ।। तूने बेईज्जत करके तो निकाला था म
Rashid Babu Mumbai Ka King
Mehfuza
"अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो यह मुरझाया हुआ चेहरा ना लाना, अपने चेहरे पर मुस्कान लेते आना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो खामोशी इख्तियार ना करना, कुछ जुमले मेरी तारीफ में भी कहते जाना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो मुझसे नज़रे ना फेरना, जी भर के मुझे तुम्हें देख लेने देना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो मुझे पीठ दिखा कर चले ना जाना, तुम्हें कसकर अपनी बाहों में भर लेन देना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो थोड़ा ठहर कर जाना, खुले जब आंख मेरी तो सामने तुम होना। ©Mehfuza #VoteForIndia "अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब