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KULDEEPSINGH SISODIYA
धरती की प्यास बुझाने आजा, मन में विश्वास जगाने आजा । आजा रे ओ ! आजा , मेरें मेघों के राजा । कृषकों का दुलार है तू, सावन कीफुहार है तू ।हरियाली अमावस्या का त्यौहार है तू, रिमझिम गिरती रमझोल है तू । सावन गीत
सावन गीत #poem
read moreKUNAL MAHESHWARI
।।गीत आ रहा है।। तुमको याद करते करते मन में गीत आ रहा है जिंदगी में फिर से वापस वो खुमार आ रहा है उलझते थे तुम्हारे केश मेरी आंखों में उड़कर जब तुम्हारा प्यार आता था मेरी बाहों में खुलकर तब वो पावस के कलिंग दिन जा चुके थे पूर्णतय लगता है वह मावस के पावस आंखों में आ रहा है तुम को याद करते करते मन में गीत आ रहा है मलाल जब भी दिन का हाल होता था तब आती तुम थी आज जब भी कुछ भी होता याद अब भी आती तुम थी जब भी तुम आहट देती सूरज फलक पर आ जाता आज भी लगता है वह सूरज फलक पर आ रहा है तुमको याद करते करते मन में गीत आ रहा हाथ में जब हाथ होता दिल के लिए प्रत्यंगवार होता गोद में उसकी होता सर जब स्वप्न स्वर्ग का एहसास होता तब तो हर वक्त सावन आती, दिल में आता उल्लास था लगता है अब जैसे लब पर पतझड़ आ रहा है तुमको याद करते करते मन में गीत आ रहा है ~कुनाल माहेश्वरी🙏 #गीत #सावन #याद #संगीत #शायराना
Sunil yadav
दो मित्र आपस में बात कर रहे थे।एक ने दूसरे से कहा कि यह सामान घर में रख दो कोई चुरा ले जाएगा,तो दूसरा मित्र जवाब में बोला कि किसकी मां ने शेर को जन्म दिया है जो ऐसा करेगा ,तब दूसरा मित्र बोला शेर होता तो बात ही क्या थी यह काम तो कोई चोर करेगा। #जोक देहाती
#जोक देहाती
read moreशुभेंद्र सिंह 'संन्यासी'
पढ़े लिखो की दुनिया मे हमको कहते देहाती है अनपढ़ की दुनिया मे हमको कहते शरारती है शब्दो से शरारत करते है मद मस्त मलंग रहते है यह दर्दो गम की दुनिया में मस्ती के रंग को भरते है तो क्या हुआ जो मैं किताबो से पढ़ा नही इस दुनियादारी के चक्कर मे दिखावे में पड़ा नही कुछ कर गुजरने का जज़्बा हम भी अपने अंदर रखते है इस इंद्र धनुषी दुनिया मे रंगों को हम जैसे ही भरते है #NojotoQuote लफ़्ज #देहाती
लफ़्ज #देहाती
read moreशुभेंद्र सिंह 'संन्यासी'
गांव में पैदा हुआ हूं अपनी मिट्टी के लिए हूं बहुत जज्बाती माँ के बाद इसी मिट्टी ने अपनी गोद मे है जगह दी जमीन में हल चलाकर मैं ने अपनी किस्मत सजा दी इसी लिए लोग प्यार से हमे कहते है शुभेन्द्र सिंह देहाती लफ़्ज #देहाती
लफ़्ज #देहाती
read moreArora PR
White हमारी देहाती नस्ले देखने लगी है ख्वाब बड़े शहरों के जबकि सबकुछ पाने योग्य इस गाँव में उपलब्ध है फिर न जाने उन्हें क्या कमी लग रही है ©Arora PR देहाती नस्ले
देहाती नस्ले #कविता
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