Find the Latest Status about मातृभूमि का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मातृभूमि का अर्थ.
DR. LAVKESH GANDHI
मातृभूमि हाथ में मातृभूमि के कण को लेकर मैं बहुत गौरवान्वित हूंँ मैं कितना बड़ा भाग्यशाली हूंँ मैं अपनी मातृभूमि में जन्मा हूंँ और अपनी ही मातृभूमि में मरने का दिली हसरत रखता हूंँ ©DR. LAVKESH GANDHI #PhisaltaSamay # # मातृभूमि का कण-कण #
Pawan Shukla
मै सवा साॅझ का उड़ता पक्षी "-- देता एक मिशाल हू ✌ "" दुनिया का सबसे सफल युद्ध वही होता है जो कभी लड़ा ही ना जाये 🙏 *PAWAN SHUKLA 💕 मातृभूमि का सेवक 💕 showmenwrıtesdown showmenwrıtesstory10 by मातृभूमि का सेवक 💕
BRAHM PRAKASH
समझ सका ना मूल्य प्रेम का नफरत की तलवार उठा ली। क्षत-विक्षत कर मातृभूमि के गौरव को रक्तरंजित कर डाली। इससे बढ़कर हे मनुज तेरा और पतन क्या होगा? मानवता की गौरव का और हनन क्या होगा? मातृभूमि
RK SHUKLA
Kashmir मातृभूमि जहा शैल पर रुधिर बीर का गिरा हुआ है उसी जगह पर गाथा हम लिख जाएंगे एक सूत्र में पूरा भारत लिए पुरोए जगह जगह मां का आंचल लहराएंगे PRK मातृभूमि
Vikash Arya
गांन नहीं सुर-ताल नहीं में फिर भी गांना चाहता हूं। बेशक तेल चुके दीपक का भल्ले जले बाती की रस्सी। में अंतिम कण रक्त का तन से ये दिप जलाना चाहता हूं। इस मातृभूमि की बलीवेदी शिश चढ़ाना चाहता हूं।। गांन नहीं सुर-ताल नहीं में फिर भी गांना चाहता हूं । ©Vikash Arya #मातृभूमि
Archana Bharti
सात रंगों का संगम यहाँ, सात सुरों का मिलन यहाँ, धरती है यह स्वर्ग हमारी, हम सब की मातृभूमि यहाँ। ©Archana Bharti #मातृभूमि
वीरेन्द्र सिंह ' वीर '
मातृभूमि को छोड़कर दूर जाने वाले । अपने वतन में भी हैं पेट भर निवाले।। देश की आब ओ हवा ने तुझे पाला है ज़रूरत में क्यों हो रहा गैरों के हवाले। वीरेन्द्र सिंह 'वीर' मातृभूमि
Sanju
हमे हमारी भारत मां से मिला इतना दुलार💓💖 है सच कहूं तो दोस्तो उसके आंचल की छाया से छोटा ये संसार🗺️ है। मातृभूमि
..SHANTANU DAMOR..
अपनी मातृभूमी का आदर किया करो इसी में हम बड़े होते है, यहीं जिदगी जिते हैं आखरी क्षणों में ,जब हमें सब घर से निकाल देते हैं तब इसी को मां समझकर गोद में सो जातें हैं ©Shantnu Damor #मातृभूमि...... #MothersDay
Yashpal singh gusain badal'
जब-जब पड़ती है संकट में , प्रिय जननी हमारी । तब-तब करते मुसीबतों से , लड़ने की तैयारी । सज्जन हैं सज्जनता जब तक, अहिंसक हैं न्याय है जब तक , दुश्मन के लिए काल समान , दुश्मन एक बचता है तब तक। हर धर्म-जातियों से चुने हुए , हम देश के सच्चे वीर हैं । हैं दूर-दूर लेकिन संकट में , एक तरकस के तीर हैं । जब भी हमको निर्बल जान, कोई हमें मिटाने आया । दी करारी शिकस्त उसको , उसे धृष्टता का पाठ सिखाया । दुनियां को सदा ही हमने , शांति -प्रेम का मार्ग दिखाया, सदा सत्य पर रहे अडिग, और निर्बल को गले लगाया । हम इसके कण -कण के खातिर , जान पे जान लगा देंगे , पा जाएंगे वीर मृत्यु पर, सर को नहीं झुकायेंगे । रचना- यशपाल सिंह "बादल" ©Yashpal singh badal मातृभूमि #Flower