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Dev Baba
White Dev Baba जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं परिवार होता है।। “खुश रहा करो उनके लिए जो अपनी खुशी से ज्यादा आपको खुश देखना चाहते है।” ©Dev Baba #SunSet सुबह का प्रणाम सिर्फ परंपरा नहीं , बल्कि अपनेपन का एहसास भी हैं , ताकि रिश्ते भी ज़िंदा रहे और यदि भी बनी रहे
Rameshkumar Mehra Mehra
या देबी सर्बभूतेष मां कालरात्रि .. सपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै-नमस्तस्यै-नमस्तस्यै नमो नम: मां दुर्गा के सप्तम सबरुप शाकि मां कालरात्रि के चरणो में कोटि-कोटि पुणाम ! मां भगबती के इस सप्तम सबरुप शुभफल दापिनी की अराधना कर सभी के लिए सुख सपंब्रता एंब कल्याण की प्रार्थना करता हूं.. ©Rameshkumar Mehra Mehra # मां दुर्गा के सप्तम सबरुप शाकि मां कालरात्रि के चरणो में कोटि-कोटि प्रणाम आप सब को सप्तम नबरात्रि की हादिॅक शुभकामनाएं...जय माता दी..🙏🙏
Ranjit Kumar
Ghumnam Gautam
b e t o o o o ©Ghumnam Gautam #अधूरा #ghumnamgautam #मन #प्रणाम #नवरात्र
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौपई /जयकारी छन्द १ मातु-पिता को करूँ प्रणाम । वो ही रघुवर है घनश्याम ।। थाम चले वह मेरा हाथ । और न देता जग में साथ ।। २ जीवन की बस इतनी चाह । पिता दिखाए हमको राह ।। पाकर गुरुवर से मैं ज्ञान । बन जाऊँ मैं भी इंसान ।। ३ जीवन साथी है अनमोल । मीठे प्यारे उसके बोल ।। घर उसके ले गया बरात । पूर्ण किया फिर फेरे सात ।। ४ मानूँ उसकी सारी बात । कभी न मिलता मुझको घात ।। कहती दुनिया मुझे गुलाम । लेकिन जग में होता नाम ।। ०३/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपई /जयकारी छन्द १ मातु-पिता को करूँ प्रणाम । वो ही रघुवर है घनश्याम ।। थाम चले वह मेरा हाथ । और न देता जग में साथ ।। २
AwadheshPSRathore_7773
AwadheshPSRathore_7773
खो गईं वो चिठ्ठियाँ जिसमें “लिखने के सलीके” छुपे होते थे ,कुशलता” की कामना से शुरू होते थे। बडों के “चरण स्पर्श” पर खत्म होते थे...!! नन्हें के आने की “खबर”“माँ” की तबियत का दर्द और पैसे भेजने का “अनुनय” विनय।“फसलों” के खराब होने की वजह...!! कितना कुछ सिमट जाता था एक“नीले से कागज में”... जिसे नवयौवना भाग कर “सीने” से लगाती और “अकेले” में आंखो सेआंसू बहाती माँ” की आस थी “पिता” का संबल थी बच्चों का भविष्य थी और ,गाँव का गौरव थी ये “चिठ्ठियां” अब तो “स्क्रीन” पर अंगूठा दौडता हैं,और अक्सर ही दिल तोड़ता है “मोबाइल” का स्पेस भर जाए तो सब कुछ दो मिनट में “डिलीट” होता सब कुछ “सिमट” गया है 6 इंच में ,जैसे “मकान” सिमट गए फ्लैटों में ! जज्बात सिमट गए “मैसेजों” में “चूल्हे” सिमट गए गैसों में और इंसान सिमट गए नोटों में!वाह रे कलयुग वाह क्या बात है तेरी वाह....! ©AwadheshPSRathore_7773 "अंखियों का पानी बड़ा बेजुबा दर्द मेरा कह पाए ना , O साथी O साथी O साथी तेरी चिट्ठी पते पर आए ना" प्रसिद्ध पार्श्व गायक के गाए बोल हे यह,पहच
amnewsnational
am news national ©amnewsnational प्रणाम इंडिया फाउंडेशन ने गवर्नमेंट पॉलीटेक्निकल कॉलेज में युवा मतदाताओं को ज़रूर वोट देने के लिए प्रेरित किया। जगदीप सिंह राणा ए ऐम नियु
Shivkumar
Vishnu Bhagwan वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से नयना सोए ।। जगत पालक जगतपति, की महिमा जटिल महान । लक्ष्मी पति बैकुण्ठ पति का, कोई क्या गाए गुणगान ।। धर्म उन्ही से कर्म उन्ही से, सबके पालनहार । सदा करे भक्तो की रक्षा, ले जग मे अवतार ।। चतुर्भुजा नीला वरण, तन पीताम्बर सोहे । हृदय बसे माता लक्ष्मी, माया से सबको मोहे ।। नाभि कमल से ब्रहम हुए, करने जगत संचार । सदा जपे हरि हर को, हर जपे हरि हर बार ।। कमल नयन पद्म चरण, सुंदर छवि बलवान । सबके स्वामी नारायण को, कोटी कोटी प्रणाम ।। ©Shivkumar #vishnubhagwan #विष्णु #Nojoto #nojotohindi #दोहा #दोहे #मन्त्र वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से न