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Sumit R Das
नवम्बर महीने से हुई शादी के मौसम की शुरुआत भूल गये कोरोना है ले आये मेहमान एक सौ सात ना ही मुख पर मास्क है ना दो गज दूरी का ख्याल जैसे सबने मान लिया हो कि यही है आखिरी रात कैसे माने पढा लिखा है जो समझे ना यह हालात बस अपनी ही चला रहा हो माने ना एक भी बात संग में डीजे और बैंड बाजा है दुल्हे की फरियाद देखिये धूमधाम से निकल रही कोरोना की बारात सबसे आगे भाई बंधू है और पीछे बूढों की जमात बच्चे भी जमकर नाच रहे है दे कर सभी को मात महामारी के इस दौर में ये जान की बाजी खेल रहे और हम भी ये सब मान रहे है रखते हुये जज्बात पहले तो नही लेते थे पर अब उन्हें चाहिए जकात कैसे उन्हें बताये और कहाँ से हो पैसो की बरसात जैसे तैसे सब इंतजाम हुआ है अब बस है इंतजार जान पे खेल जान लेने आ रही कोरोना की बारात कोरोना की बारात
Manglesh Dutt Chaturvedi
किसे पता था विश्व पर, होगा ये आघात । कोरोना दिखलाएगा, लाशों की बारात ।। लाशों की बारात, घना रंग छाया काला । अर्थी इकली जाय, न कोई रोने वाला ।। याद रखेंगे पल-पल, कैसे काल कटा था । रोज नये शमशान, बनेंगे किसे पता था ।। ©Manglesh Dutt "लाशों की बारात"
Shinawar
यादों की भूली-बिसरी दहलीज़ पर यह किसके क़दमों के निशां हैं। यह किसका चेहरा है.. जाना-पहचाना सा। अपनी गहरी.आंखों से ज़िन्दगी के फ़ल्सफ़े को तलाश करता हुआ। कभी.. कभी.. तन्हा उदास तो कभी मुस्कान के गुलाब बिखेरता हुआ। वह ज़िन्दगी से आंख मिलाता रहा..मुस्कुराता रहा..जैसे मुस्कुराहट उसके ज़ख़्मों को छुपा ले जायेगी। बाबू म़ोशाय..ज़िन्दगी.... यह थे रुपहले पर्दे के पहले सुपर स्टार..राजेश खन्ना..जिनके जानदार शानदार सदा बहार अभिनय ने हर धड़कते दिल को दीवाना बना दिया। मिट्टी ही से निकले थे मिट्टी हो गये सारे फूल ( Its a part of my documentary named..यादों की बारात ) Shinawar यादों की बारात
Manoj Kataria
गम उसका क्या बिगाड़ेगा जिसनै खुद खुशियां तै तलाक दे राख्या हो । गमों की बारात
अजय शुक्ला
जुगनुओं से उम्मीद अभी बाकी है न कटने वाली रात अभी बाकी है वो टिमटिमा कर इशारा कर रहे मेरे धडक़न में सांसे अभी बाकी है गुज़र जाएगी रातें यूँ ही "बनारसी" कल आशिक की बारात अभी बाकी है जुगनुओं से उम्मीद अभी बाकी है न काटने वाली रात अभी बाकी है आशिक की बारात
KUMAR SHIVAM
वापस लौटती हुई ठंड में तुम्हारे हाथ कि बनी चाय फिर याद आएगी....... तुम भी वापस आजाते तो.....अच्छा था............... ©KUMAR SHIVAM यादों की बारात