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N S Yadav GoldMine
ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है 🗻🗻 गले में तुलसी की माला पहनने से शरीर निर्मल होता है, और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है 🌎🌎 🌷 शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल आपको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा, बल्कि लक्ष्मी माता की भी आप पर कृपा बनी रहेगी। साथ ही शिवलिंग की पूजा करने से विभिन्न प्रकार के ग्रह-दोष से शांति मिलती है। ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। 🌷 शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव की लिंग स्वरूप में पूजा करने से भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं, और आपको मन चाहे फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ज्योतिष अनुसार, सोमवार यानी सौम्य शीतल चंद्रमा का दिन माना गया है। सफेद शिवलिंग का बहुत अधिक महत्व है, इसलिए इस दिन सफेद कपड़े पहनने से और शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है. 🌷 यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा न करवाएं। लेकिन नियमित रूप से उसकी पूजा और अभिषेक जरूर करें। शिवपुराण में कहा गया है,bकि घर में कभी एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखे जाने चाहिए। 🌷 शिवलिंग को हमेशा खुले स्थान पर रखा जाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक़ चूंकि शिवलिंग से हर वक़्त ऊर्जा का संचार हो रहा होता है, इसलिए शिवलिंग पर हमेशा जलधारा रखनी चाहिए, जो ऊर्जा को शांत रखता है। कुछ लोग शिव लिंग पर हप्ते भर में या फिर प्रतिदिन जल अर्पित करते हैं, वह प्रयाप्त नहीं होता है। 🌷 भगवान शिव की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, इससे घर में खुशहाली बनी रहती है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव का लिंग रूप शिवलिंग कहलाता है। शिव पुराण के मुताबिक शिवलिंग की पूजा करना बहुत लाभदायक माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक शिवलिंग की पूजा निरंतर करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । 🌷 भगवान शिव की दिशा उत्तर दिशा की मानी गयी है, इसलिए शिवलिंग का मुख उत्तर की दिशा की ओर रखें। उनके साथ आपने नंदी जी भी रखे हैं, तो उनका मुख शिवलिंग या भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की ओर रखें। पूजा करते समय यदि आप की पश्चिम की तरफ पीठ हो और पूर्व की ओर मुँह करके आप पूजा करें तो यह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 🌷 हमेशा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि बैठकर ही जल अर्पित करें। यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए। पुराणों के अनुसार खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से यह शिव जी को समर्पित नहीं होता है और इसका पुण्य प्राप्त नहीं होता है। {Bolo Ji Radhey Radhey} ©N S Yadav GoldMine #mahashivaratri ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है 🗻🗻 गले में तुलसी
#suman singh rajpoot
जैसा कल था वैसा आज भी हूं आगे भी ऐसा ही रहूंगा! चूंकि चापलूसी से पहचान बनाने की मेरी आदत नहीं। मददगार कोई मिला ही नहीं। मेरे सफ़र में मैं ही मैं हूं दूसरा कोई नहीं। ©#suman singh rajpoot जैसा कल था वैसा आज भी हूं आगे भी ऐसा ही रहूंगा! चूंकि चापलूसी से पहचान बनाने की मेरी आदत नहीं। मददगार कोई मिला ही नहीं। मेरे सफ़र में मैं ही
Ravi Shankar Kumar Akela
प्रेम अपरिभाषित है, क्योंकि विभिन्न प्रकार के लोगों को, प्रकृति के विभिन्न चीजों को, सभी सजीवों को, विभिन्न तरीके से, विभिन्न प्रकार के लोगों से, विभिन्न गुणों से, प्रकृति से, सजीवों से, निर्जीवों से, ना जाने किससे-किससे, कब-कब, कहां-कहां, क्यूं और कैसे-कैसे, प्रेम हो जाता है, ये तय करना आसान नहीं है। कभी कभी आपको अपने जीवन के उस एक क्षण से प्रेम हो जाता है जो आपके लिए था भी नहीं, उसे कैसे परिभाषित करेंगे आप ? प्यार को अनुभव करने वाले व्यक्ति की भावनाओं और अनुभवों का अन्य व्यक्ति के द्वारा समझाना या बताना मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह उसी व्यक्ति के अंतर्मन की गहराईयों में स्थित होता है। प्रेम में सुख, दुःख, लाभ, हानि, उतार, चढ़ाव, उत्साह, आकर्षण, विश्वास, सहानुभूति, समर्पण, समझौता, भरोसा, भावना, विचार, अनुभव, जाति, वर्ग, लोग और भी बहुत कुछ, जिसको उसकी ही नज़र से परिभाषित करना कठिन है, जिसने प्रेम किया हो, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का प्यार अलग-अलग होता है और यह उनकी अनुभूति के आधार पर जाना जा सकता है। इसका मतलब ये सब एक प्रेमी के लिए अपरिभाषित है, इसलिए प्रेम को परिभाषित करना अत्यंत कठिन है। प्यार की कोई एक स्पष्ट परिभाषा नहीं होती है क्योंकि यह व्यक्ति के अनुभवों, भावनाओं, विचारों, और समय के साथ बदलता है। प्रेम तत्व परिवर्तनशील है। अतः जब भी प्रेम को परिभाषित करने की कोशिश की गई है, कुछ न कुछ, कहीं न कहीं बाकी रह ही जाता है, क्योंकि संसार बहुत बड़ा है, और अगर हम ये सोचे कि सबको किसी न किसी से प्रेम है, तो प्रेम तत्व संसार से भी बड़ा हो जाता है और चूंकि संसार को परिभाषित करना मतलब गागर में सागर भरने जैसा है, तो प्रेम के लिए हम ये कह सकते हैं, कि अगर मन रूपी गागर में प्रेम रूपी सागर भर लिया तो आप परमात्मा हो जाओगे जो कि होना असंभव ही है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #paani प्रेम अपरिभाषित है, क्योंकि विभिन्न प्रकार के लोगों को, प्रकृति के विभिन्न चीजों को, सभी सजीवों को, विभिन्न तरीके से, विभिन्न प्रका
Vedantika
एक उम्र के बाद जब हम सब बड़े हो जाते है तो हम किसी दूसरे की सलाह लेना पसंद नहीं करते। जब कोई हमें हमारी ज़िंदगी के लिए सलाह देने की कोशिश करता
Vedantika
लौट आया वो एक श्रृंखला A Series सुबह के दस बज रहे थे। प्रयुक्त सड़क के किनारे अपनी कार खड़ी करके अपने दोस्त नीर को फोन लगा रहा था। पंद्रह बीस कॉल करने के बाद भी जब नीर ने फोन
Mamta Singh
सुसि ग़ाफ़िल
सुनो डर लगता है लोगों को मेरी बातों से अधूरी रातों से मेरे लिखे गए शब्दों की गहराई से गलती से दिखी मेरी परछाई से टूटा हुआ मंजर है भयानक है लोग बातें करते हैं छुपकर ये तो पागल है| चूंकि जानते नहीं हैं लोग यह वह फूल है जो बार-बार काटा गया है सुगंध के लिए अपने मन के लिए यह फिर से उगने की कोशिश करता है प्रेम का पौधा है जो सजने की कोशिश करता है| सुनो डर लगता है लोगों को मेरी बातों से अधूरी रातों से मेरे लिखे गए शब्दों की गहराई से गलती से दिखी मेरी परछाई से टूटा हुआ मंजर है भ
atrisheartfeelings
कुछ महत्वपूर्ण बातें .... Please read in caption.... बहुत मेहनत के बाद यह चिन्ह तैयार किया हैं अतः आप से निवेदन हैं कि आप इसे हर students से सहभागिता करें...*✍🏻✍🏻✍🏻 1) + = जोड़
Sarita Shreyasi
माँ के हृदय ने नेह छलकाने में कभी एक क्षण जो थोड़ा पार्थक्य किया हो, चारों बच्चों की परवरिश में पुतुल ने कभी विभेद नहीं किया। किंतु अपनी गृहस्थी में बोदी की उपस्थिति उसे व्यथित कर जाती। (Read in caption.. 3rd story ) पुतुल, छरहरे गठन की सुंदर, तेज तर्रार युवती। घर-बाहर सब अकेले ही संभालती। बड़े सरकारी अधिकारी थे जमाई बाबू। उन्हें नौकरी से फुर्सत कहाँ होती
Nik Katara
हर कोई खुश रहें, स्वस्थ रहें। प्रिय परिवारजनों को चैत्र नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ। धर्म ग्रंथों, पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्रों का समय बहुत ही भाग्यशाली बताया गया