Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सेंगाल धोरा मेला Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सेंगाल धोरा मेला from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सेंगाल धोरा मेला.

Related Stories

    LatestPopularVideo

दिल का राजा

धरती धोरा री #ज़िन्दगी

read more

सांवर मल बंजारा

धरती धोरा री #nojotovideo

read more

मुकेश कुमार व्यास

#धरती धोरा री #nojotovideo

read more

Aman Saini

#मेला मेला मेला मेला मेला #कॉमेडी

read more

Ran parmar

आ सावन धरती धोरा री #कविता

read more
"आ सावन धरती धोरा री"

आ सावन धरती धोरा री
अरे आ सावन धरती राजस्थानी
उमड़ घुमड़ कर चले बादल
भई चारों दिशा गगन अंधेर
काले काले बादल घोर घटाएं छाई
रिमझिम रिमझिम बरसे काले बादल
चेक महक पंछियों की होने लगी
मधुर सुराग कोयल सुनाएं
रिमझिम रिमझिम टपके पानी
ऐसा नाच दिखाएं मोर पपाया
भर आते ताल तलैया
खुश हो जाती धरती मम्मा
छाई छतरी हरी भरी हरियाली
अगन गगन उमड़े रण के आस
चलती पहाड़ों पर ठंडी पवन
पत्ते पत्ते छोड़ मुरझाई देख आसमां
चलते पहाड़ों में खल खल झरने
कल-कल करती बहती नदियां
जब उठ लाते आते सावन
खुश हो जाती धरती मम्मा
आ सावन धरती धोरा री
अरे आ सावन धरती राजस्थानी

By poet - Ran parmar आ सावन धरती धोरा री

Puneri Palatan

#pyaar जैसलमेर के धोरा में #जिन्दगी #ज़िन्दगी

read more

Ran parmar

आ सावन धरती धोरा री #SaawanBeetaJaye

read more

Ran parmar

आ सावन धरती धोरा री #solace #कविता

read more
'आ सावन धरती धोरा री'

आ सावन धरती धोरा री
अरे आ सावन धरती राजस्थानी
उमड़ घुमड़ कर चले बादल
भई चारों दिशा गगन अंधेर
काले काले बादल घोर घटाएं छाई
रिमझिम रिमझिम बरसे काले बादल
चेक महक पंछियों की होने लगी
मधुर सुराग कोयल सुनाएं
रिमझिम रिमझिम टपके पानी
ऐसा नाच दिखाएं मोर पपाया
भर आते ताल तलैया
खुश हो जाती धरती मम्मा
छाई छतरी हरी भरी हरियाली
अगन गगन उमड़े रण के आस
चलती पहाड़ों पर ठंडी पवन
पत्ते पत्ते छोड़ मुरझाई देख आसमां
चलते पहाड़ों में खल खल झरने
कल-कल करती बहती नदियां
जब उठ लाते आते सावन
खुश हो जाती धरती मम्मा
आ सावन धरती धोरा री
अरे आ सावन धरती राजस्थानी
 
By poet- Ran parmar आ सावन धरती धोरा री

#solace

Vrishali G

मेला #शायरी

read more

Gautam_Anand

#मेला

read more
गुम हो गई हैं वो उँगलियाँ
बीते वक़्त के साथ
जिन्हें थाम कर मेले की भीड़ में भी
गुम होने का कभी डर ना होता था
मेरी वो नन्ही उँगलियाँ
जो पिता की उँगलियों को थामे रहती थी
शहर भर पैदल ही घूमते हुए
प्रतिमाओं को देखते
रंग बिरंगे गुब्बारे खिलौनों के लिये मचलते हुए 
अब बड़ी हो गयी हैं मेरी वो नन्ही उँगलियाँ
बिछड़ गई हैं पिता की उँगलियों से मेरी उँगलियाँ
अब पिता हो गया हूँ मैं
मेरी बड़ी उँगलियों में आ गई हैं
कुछ नन्ही सी उँगलियाँ
और गुम हो चुका
बरसों पुराना वो उल्लास
ढूंढता हूँ अपने पुत्र की आँखों में #मेला
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile