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Rashi
White maa tum kitni pyari ho, sab ki baat sun kar bhi, shant samandar si sab ke chehre me khoshiyon ki lahre bikherti ho, maa tum kitni pyari ho. teri bahon me har dard halka sa lagta hai, tere anchal me sukun sa milka hai, teri god mera gam har leti hai, teri hathon ki thapki mujhe sukun se sulati hai, itni nind to mujhe kabhi nahi aati , jab aati hun tere pas, ya tu aa jati hai mere pas, vo sakun ki nind har raat ko aati hai, jaise koi chinta nahi sar me vo bhari pan kaha kho jata hai, aaj tak ye samjh nahi aata hai , maa tera aanchal mujhe bahut bhata hai. mai maa hun teri maa banane ka saubhagya diya hai tun is jag me mera yugdan ko sarthak kiya hai tune mujhe sarthk banya hai sansar ka sirina karne ka bhar maine tujhi ke aane se to psya hai. ©Rashi #mothers_day #rashi
Rashi
White महाकुंभ स्वर्ग का है जहां द्वार, जहां पवन गंगा की धार, संगम है जिसका उद्गम स्थान, जो है हर सनातनियों की पहचान . अमृत की बरसा होती जहां, तीर्थों का लग रहता रैला यहां, महाकुंभ का मेला जहां, धरा पर महादेव का धाम है जहां. साधु-संतों का सम्मान जहां, घाटों पर लगी कतार जहां , मोक्ष मिले वो धरती है यहां, है प्रयागराज नाम से सुशोभित, संगम तट जहां. ये संतों की धरती है, महानतों की धरती है, जहां का जल गंगा है, जहां मेरे भोलेनाथ का डंका है. ना जाने रहते कहां ये संत-महात्मा? ना जाने कैसे करते इतनी कठिन साधना? जब हो पावन कुम्भ का मेला, आते है सब यहां? कैसे रहते है परे भौतिक सुखों से, कितने जप-तप आध्यात्म बल से, कैसे करते है वे कठिन साधना, नमन है इनको अतः मन से🙏 इनके जप से ही संचालित है, सनातन धर्म हमारा, इनके तप से ही जीवित है, भारत भूमि हमारा, इनके कठिन साधना से ही दमित है, धर्म का तेज हमारा. जिस कुम्भ की गाथा गा रही, आज दुनिया सारी, गुत्थी को सुलझाने में लगे हैं, वैज्ञानिक सारे, सूर्य,वृहस्पति और धरती को एक स्थित में, आने को बारहा वर्षो के अंतराल का ज्ञान, ना जाने कितने वर्षों से जानती थी धरा हमारी🙏🙏 कुम्भ के स्नान में विधामान है ऊर्जा सारी, रोग दोष से मुक्त कर, मोक्ष द्वार का कपाट खोलती सारी, शिव की भक्ति में लीन होते ही, दुःखों से मिलती है मुक्ति सारी. हमारे सनातन संस्कृति की पहचान🔱🚩 महाकुंभ की हार्दिक शुभकामनाये🙏🙏 राशि🖋 ©Rashi #mahakumbh #poem #Rashi
Rashi
White प्रकृति की रचना का परिचय, उसकी रचना को निहारने से ही होती है ©Rashi #sad_quotes #Rashi
Rashi
आगयी है ऋतु मे बहार हवा की ठंडक मे सुधार खेतों मे आ गई है सुनहरी बाली आ गई है लोहड़ी की खुशहाली हैप्पी लोहड़ी ©Rashi #Lohri #Rashi
Rashi
Unsplash किताबे भी पड़े-पड़े धूल खाती हुए कहती है कभी हमे भी उठा लिया करो ©Rashi #Book #Rashi
Rashi
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मर्द की फितरत भी अजीब होती है, समाज के लिए घर मे घरवाली चाहिए, और खुद के लिए बहारवाली ©Rashi #SunSet #Rashi
Rashi
green-leaves धागों से बंधे रिश्ते बड़े नाजुक होते है कोई भी उँगली से थोडे देता है ©Rashi #GreenLeaves #Rashi
Rashi
New Year 2025 हम नये लोग, नई सोच रखते है, रात के 12 बजे केक काट के, पाश्चात्य न्यू ईयर मानते है, पर न्यू ईयर का अर्थ इन सब से क्या, सार्थक कर पाते है.? अपने परिवार के लिए समय निकाल, अपने बुजुर्गों को अपने साथ बिठा लो, अपने सारे जरूरी काम से दूरी बना, अपने परमात्मा के पास हाजिरी लगा लो, अगर हो ये आपके हर दिन की शुरुआत, तो ही न्यू ईयर मनाने मे होगी कोई बात 🙏 ©Rashi #Newyear2025 #Rashi
Rashi
Unsplash दिल मे गुबार हो लाखो पर कहो ना किसी से, समझो ना अपना किसी को, बनाओ ना अपना किसी को, हो अगर कोई आने को करीब उनसे दूरी बना लो जरूर से.... अपनेपन और परायेपन की पहचान, बस आंखों से ही हो जाती है अब, अपना बनाने की कोशिश में, जो दिए हाथ कभी, वो हाथ तो प्यार से पकडते है, पर झटके से छोड़, हमें अकेला कर निकल पड़ते है, लोगो को अपना बनाने की कला, भारी पड़ती है हमें, जिन्हें अपना बना के साथ चले, वो तो मुझे पीछे धकेल कर, किसी और के साथ आगे निकल गये, वो समझते है कि हम कुछ समझते ही नहीं, पर हम जीतनी समझ रखते है, शायद, वे इतनी समझ रखते भी नहीं... फिर भी मैं खुश हूं उन सब के लिए, जिन्होंने मेरा उपयोग किया, जीवन से उन्हें मैने निकल दिया, दुखों का अंबार मुझे पर आया, फिर मैं कितनी भाग्यशाली हूं कि, भगवान ने मुझे जीवन का इतना कुछ, अनुभाव सिखाया.... ©Rashi #snow #Rashi
Rashi
Google जिनकी बुद्धी का कम , वफ़ादारी का ज्यादा, उठाया गया ऐसे वफादार पूर्व पंतप्रधान को भावभीनी श्रद्धांजलि🙏 ©Rashi #Manmohan_Singh_Dies #Rashi