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संगीत कुमार
White बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा नैतिकता का पाठ पढाना होगा जात पात का भेद मिटाना होगा समरसता का अलख जगाना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा द्वेश जन जन में फैल गया भाई -भाई लड़ रह है लोभ में लोग घिर चूका है तुझे मध्यम मार्ग बताना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा अहिंसा का पाठ पढाना होगा सद्विचार का ज्ञान सिखाना होगा मानव में मानवता जगाना होगा कुकर्मी से बचाना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा ©संगीत कुमार #Buddha_purnima बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा नैतिकता का पाठ पढाना होगा जात पात का भेद मिटाना होगा समरसता का अलख जगाना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना
धाकड़ है हरियाणा
Imran Shekhani (Yours Buddy)
aaj_ki_peshkash
क्यों डरे जिंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो तजुर्बा होगा ©aaj_ki_peshkash क्यों डरे #जिंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो #तजुर्बा होगा #Exploration #life #motivatation
malay_28
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. तुम्हारे रंग देखे हैं ग़ुलाबी हैं तेरी आँखें यकीं मानों शराबी हैं अभी कुछ और कहना ठीक होगा क्या..... ©malay_28 #ठीक होगा क्या...
Arun Mahra
सुख भी मुझे प्यार है दुख भी मुझे प्यार है छोडूं में किस प्रभु को दोनो से ही मुझे प्यार है आई लव यू मेरे प्रभु ©Arun Mahra दुख में घबराना नहीं सुख में घबराना नहीं हमेशा दिल थाम के रहना के खड़ा कोई हिला नही पाएगा
Himanshu Prajapati
मुद्दतें लाख बुरा चाहे तो क्या होगा, पहले प्यार फिर व्यापार अंत में धोखा होगा..! ©Himanshu Prajapati #SunSet मुद्दतें लाख बुरा चाहे तो क्या होगा, पहले प्यार फिर व्यापार अंत में धोखा होगा..!
Chaurasiya4386
क्या ख़ूब होगा जिस दिन तेरा दीदार होगा, एक दीवाने के लिए इससे बड़ा क्या उपहार होगा... ❤️ ©Chaurasiya4386 क्या ख़ूब होगा जिस दिन तेरा दीदार होगा, एक दीवाने के लिए इससे बड़ा क्या #उपहार होगा..
Shashi Bhushan Mishra
गलती कर देता हूँ आकर, झुक जाता हर बात भुलाकर, हो जाए जब सजा मुक़र्रर, भूल माफ़ कर दे करुणाकर, अक्ल न आई समय के रहते, क्या होगा पीछे पछताकर, समझ की खिड़की बंद पड़ी है, क्या कर लेंगे स्वयं दिवाकर, शंकाओं के बादल घिरकर, ढक देते हैं पूर्ण सुधाकर, शांति बिना सब वैभव फीका, व्यापक सत्य सदैव चराचर, तारतम्य बिन सफर अधूरा, चलना पड़ता कदम मिलाकर, अंतर्मुख हो जाओ 'गुंजन', अंतर्घट हैं परम विभाकर, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #क्या होगा पीछे पछताकर#