Find the Latest Status about ध्वनीचा वेग सर्वात जास्त from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ध्वनीचा वेग सर्वात जास्त.
Shivkumar
hanuman jayanti 2024 ।। हनुमंत वीर ।। आओ हिल मिल मंगल गान गाएं । रामेष्ट का जन्मदिवस मुस्कान संग मनाएं । जन्मोत्सव बजरंगबली का बहुत हर्षाता । मां अंजनी का लाल दुख करता सबके दूर । बाल्यकाल से ही जग में हुआ नाम रोशन । पवनपुत्र हनुमानजी पीड़ा हरते हर जन की । महाबल के हो धनीन्। दर्प का आप करते नाश । राम जी के लाडले करते सबके काज । सीता मैया के अतिप्रिय वीर हनुमान । पवन वेग से जा लाए संजीवन बूटी । मूर्छित लक्ष्मण के प्राण दाता कहलाए । सीता मैया का पता लगा राम के लाडले बने । जन जन का आप रखते ख्याल । दसग्रीव दर्पहा का करा नाश । रोट, गुड़, मोती चूर के लड्डू का भोग मन भाता । राम जी के चरणों के अलावा कहीं ना सुहाता । नमन चरणों में बालाजी आपको बारम्बार । करो सारे जग का कल्याण । ©Shivkumar #hanumanjayanti24 #हनुमानजयंती #हनुमानजन्मोत्सव #हनुमान #hanumanjayanti #Hanuman #Nojoto ।। हनुमंत वीर ।। आओ हिल मिल मंगल गान गाएं । रा
Dk Patil
N S Yadav GoldMine
जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒 महाभारत: स्त्री पर्व पन्चर्विंष अध्याय: श्लोक 32-50 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📜 जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे, वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं; यह काल का उलट-फेर तो देखो। माधव। निश्चय ही दैव के लिये कोई भी कार्य अधिक कठिन नहीं है; क्योंकि उसने क्षत्रियों द्वारा ही इन शूरवीर क्षत्रिय षिरोमणियों का संहार कर डाला है। 📜 श्रीकृष्ण मेरे वेगशाली पुत्र तो उसी दिन मारे डाले गये, जबकि तुम अपूर्ण मनोरथ होकर पुनः उपप्लव्य को लौट गये थे। मुझे तो शान्तनुनन्दन भीष्म तथा ज्ञानी विदुर ने उसी दिन कह दिया था, कि अब तुम अपने पुत्रों पर स्नेह न करो। है जनार्दन। उन दोनों की यह दृष्टि मिथ्या नहीं हो सकती थी, अतः थोड़े ही समय में मेरे सारे पुत्र युद्ध की आग में जल कर भस्म हो गये। 📜 वैशम्पयानजी कहते हैं- भारत। ऐसा कहकर शोक से मूर्छित हुई गान्धारी धैर्य छोड़कर पृथ्वी पर गिर पड़ीं, दु:ख से उनकी विवेकषक्ति नष्ठ हो गयी। तदन्तर उनके सारे अंगों में क्रोध व्याप्त हो गया। पुत्र शोक में डूब जाने के कारण उनकी सारी इन्द्रियां व्याकुल हो उठीं। 📜 उस समय गान्धारी ने सारा दोष श्रीकृष्ण के ही माथे मढ दिया। गान्धारी ने कहा- श्रीकृष्ण। है जनार्दन। पाण्डव और धृतराष्ट्र के पुत्र आपस में लड़कर भस्म हो गये। तुमने इन्हें नष्ट होते देखकर भी इनकी उपेक्षा कैसे कर दी? महाबाहु मधुसूदन। तुम शक्तिशाली थे। तुम्हारे पास बहुत से सेवक और सैनिक थे। 📜 तुम महान् बल में प्रतिष्ठित थे। दोनों पक्षों से अपनी बात मनवा लेने की सामथ्र्य तुम में मौजूद थी। तुमने वेद-षास्त्रों और महात्माओं की बातें सुनी और जानी थीं। यह सब होते हुए भी तुमने स्वेच्छा से कुरू कुल के नाश की उपेक्षा की- जान-बूझकर इस वंष का विनाश होने दिया। 📜 यह तुम्हारा महान् दोष है, अतः तुम इसका फल प्राप्त करो। चक्र और गदा धारण करने वाले है केशव। मैंने पति की सेवा से कुछ भी तप प्राप्त किया है, उस दुर्लभ तपोबल से तुम्हें शाप दे रही हूं। गोविन्द। 📜 तुमने आपस में मार-काट मचाते हुए कुटुम्बी कौरवों ओर पाण्डवों की उपेक्षा की है; इसलिये तुम अपने भाई-बन्धुओं का भी विनाश कर डालोगे। हैं मधुसूदन। आज से छत्तीसवां वर्ष उपस्थित होने पर तुम्हारे कुटुम्बी, मन्त्री और पुत्र सभी आपस में लड़कर मर जायेंगे। 📜 तुम सबसे अपरिचित और लोगों की आंखों से ओझल होकर अनाथ के समान वन में विचरोगे, और किसी निन्दित उपाय से मृत्यु को प्राप्त होओगे। इन भरतवंषी स्त्रियों के समान तुम्हारे कुल की स्त्रियां भी पुत्रों तथा भाई-बन्धुओं के मारे जाने पर इसी प्रकार सगे-सम्बन्धियों की लाशों पर गिरेगी। 📜 वैशम्पयानजी कहते हैं- राजन। वह घोर वचन सुनकर माहमनस्वी वसुदेव नन्दन श्रीकृष्ण ने कुछ मुस्कराते हुए से गान्धारी से कहा- क्षत्राणी। मैं जानता हूं, यह ऐसा ही होने वाला है। तुम तो किये हुए को ही कह रही हो। इसमें संदेह नहीं कि वृष्णिवंष के यादव देव से ही नष्ट होंगे। 📜 शुभे। वृष्णिकुल का संहार करने वाला मेरे सिवा दूसरा कोई नहीं है। यादव दूसरे मनुष्यों तथा देवताओं और दानवों के लिये भी अवध्य हैं; अतः अपस में ही लड़कर नष्ट होंगे। श्रीकृष्ण के ऐसा कहने पर पाण्डव मन-ही-मन भयभीत हो उठे। उन्हें बड़ा उद्वेग हुआ। ये सब-के-सब अपने जीवन से निराष हो गये। एन एस यादव।। ©N S Yadav GoldMine #traintrack जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒 महाभार
Instagram id @kavi_neetesh
" हर पल जैसे कुछ छूट रहा है" हर पल जैसे कुछ छूट रहा है सपन सलौना टूट रहा है मचल रहा पहलू में सागर दरिया दिल का फूट रहा है होनी और अनहोनी के संग बीच भंवर में फंसा हुआ हूँ मृग मरीचिका मुझे लुभाती संशय मन का और बढ़ाती बिखर रहा हूं कण कण जैसे पवन वेग सिक्ता उड़ जाती खुद में खुद को ढूंढ रहा हूं मिला नहीं मुझको तुम जैसा खुद ही खुद को लूट रहा हूं हार गया हूं मैं इस जग से तिल तिल करके टूट रहा हूं ©Instagram id @kavi_neetesh " हर पल जैसे कुछ छूट रहा है" हर पल जैसे कुछ छूट रहा है सपन सलौना टूट रहा है मचल रहा पहलू में सागर दरिया दिल का फूट रहा है होनी
Sunil Shinde
Anil Ray
हँसना-मुस्कुराना लबों का गुनगुनाना बिन मोबाइल ही तुझसे बात करना.. देखकर मुझे दोस्तों! ने पूछ ही लिया अनिल! क्या तुमको प्रेम हो गया है? मैंने मुस्कुराकर कहा मुझे लोभ कहाँ मुझे प्रेम नही अनिल प्रेम हो गया है। उस कोमल हाथ! का आत्मीय स्पर्श लहू बनकर नस-नस में दौड़ गया है। लिखना चाहता 'गीत-गजल' उस पर हाथ का यूं छूना कविता बन गया है। रोमांस के लिए जिस्म की चाह किसे मरकर यें जिस्म रूह से मिल गया है। रुक्मणि ने कहाँ सुख पाया महल में जो राधा को बिनमहल मिल गया है। ©Anil Ray विचारार्थ लेखन.....................✍🏻🤔 प्रेम चाहिए सबको, मगर देते है दुनिया भर के गिफ्ट और चाहते है बदले में सिर्फ औरत मर्द का और मर्द औरत
Kiran Sabale
जो पर्यंत आपण दुसऱ्या सोबत जास्त दिवस राहत नाही तो पर्यंत त्याचा स्वभाव कसा आहे कळत नाही ©Kiran Sabale जास्त दिवस
Ravi Shankar Kumar Akela
वस्तुतः किसी स्थान पर तापमान , आर्द्रता, वर्षा, वायु वेग आदि के सन्दर्भ में वायुमण्डल की प्रतिदिन की दशा उस स्थान का मौसम कहलाती है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #akela वस्तुतः किसी स्थान पर तापमान , आर्द्रता, वर्षा, वायु वेग आदि के सन्दर्भ में वायुमण्डल की प्रतिदिन की दशा उस स्थान का मौसम कहलाती है।
Ravendra