Find the Latest Status about फिर कोई है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फिर कोई है.
Mahi das vaishnav
कोई मिला था कल तो दिल में जान आई उन से आज दिदार नहीं हुआ तो दिल मे दरार आई। ©Mahi das vaishnav #शशशशशश फिर कोई है।
ANKITDUBEY
zindagi bahut uljhi padi he zanab mahobbat ka tu pucho hi mat janab har gali mahule me yaadon ke sath bikhri padi he writing & singer ANKIT Dubey ©मालवा का छोरा #rayofhope silsila e mohobbat7 Sushant Rana फिर कोई है Esha mahi Sumit Kumar Singh
ANKITDUBEY
याद रखना hum tujhe bhul jaye ye ho nhi skta aur aap humko bhula de ye hum hone nhi denge writer &singer ankit Dubey ©मालवा का छोरा #PoetInYou hi freinds I am back Sushant Rana फिर कोई है क्राँन्तिकारी-हिन्दु RSS VEER shubham upadhyay Esha mahi
Vinay Kumar
फिर मुसाफिर बन चला है कोई फिर रास्ता भटक गया है कोई फिर मुसाफिर बन चला है कोई फिर रास्ता भटक गया है कोई #nojoto #love
Shashi Bhushan Mishra
फिर कोई न वैसा भाता है, जब दिल से कोई जाता है, इक जख्म छोड़ जाता ऐसा, जो कभी नहीं भर पाता है, ढह जाता है विश्वास अजर, मन में गम घर कर जाता है, पीड़ा का पारावार नहीं ! मन नाहक शोर मचाता है, साहिल से टकराती लहरें, सागर जब दर्द सुनाता है, नभ में छा जाते उमड़-घुमड़, सावन घन गीत सुनाता है, है प्रेम प्राण का स्पंदन, तन्हाई में दिल घबराता है, यादें तड़पाती जीवन भर, 'गुंजन' मन भूल न पाता है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #फिर कोई न वैसा भाता है#
Rohit Kumar
उनकी आंखे कोई दश्त है फिर कोई दरिया, ना जाने क्या है हमारे दर्मिया, गर उतर के देखू , तो डूब ही जाऊ, गर चल के देखू , तो खो जाऊ, ये अनकहे एहसास का कुछ यू कहना हैं, जैसे शहर ए दिल में तुम्हारा ही रहना हैं, cont...... उनकी आंखे कोई दश्त है या फिर कोई दरिया....
Vinay Kumar
फिर मुसाफिर बन चला है कोई फिर रास्ता भटक गया है कोई घर की वो चिडिया याद आती है फिर घोसला उजड़ गया है कोई देहलीज़ अब रास्ता तकती है फिर आँगन सुना पड गया है कोई बहोत ख़ामोशी है शहर में आज फिर इंसान अकेला मर गया है कोई दिल गुमनाम है उसे रहने दो फिर खुद का पता भूल गया है कोई शैतानों की बस्ती में रोशिनी बहोत है फिर से भगवान् मर गया है कोई फिर मुसाफिर बन चला है कोई फिर रास्ता भटक गया है कोई घर की वो चिडिया याद आती है फिर घोसला उजड़ गया है कोई देहलीज़ अब रास्ता तकती है फिर आँगन सु