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Sumit Mgr
लोग यूहीं नहीं कहते कि दुनिया गोल हैं तु भी महसूस करेंगी इस बात को आज तु मुझे कल कोई और तुझे भूल जाएगा वैसे तो दुनियां मा**द हैं
Manish Kumar
आँचल मा तेरे आंचल का छाव जब तक था माथे मेरे ना कोई फ़िक्र ना कोई चिंता का आलम था हर लम्हा जी रहा था उन्मुक्त भाव से फ़िक्र थोड़ी सी भी नहीं थी किसी बात को लेकर मन मेरा मुत्मईं था हर बातों को लेकर कहीं ना कहीं ये जानता था एक ओट तो हमेशा मेरे पास छुप जाने को है कुछ भी मुश्किल हो कोई तो बचाने को हैं #हिंदी#आंचल#मा#कविता
Hariom Kumar
मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी। राम सिया राम सिया राम जय जय राम।। सत्य सनातन धर्म है हम सबका, सुन लो ए मेरे भाई। आज हम सबके लिए गर्व है, यह शुभ घड़ी जो है आई।। कोटि-कोटि नमन है उनको, अब मेरे राम लला तंबू उठ घर में आए। शिलान्यास का हो कार्य पूर्ण, अब होने चला राम मंदिर निर्माण।। जन जन से है मेरी यही पुकार, चलो, चले हो रहा अब नव भारत का निर्माण। जो भी आये तेरे द्वार खड़े, ये मत समझो वो मांग रहे हैं चंदा।। अरे उनको तुम क्या दोगे, वो तो खुद में हैं एक चंदा। चंदा सिर्फ एक बहाना है, घर घर जा राम मंदिर निर्माण कराना है।। हर कण-कण में रग रग में, बसते हैं मेरे प्रभु श्री राम। राम नाम ले हो जाता है सफल, कितना भी हो बिगड़ा काम।। मेरे संग में चल रे डगरिया, भगवा रंग में रंगा है यह अयोध्या नगरिया मुझ संग तुम भी जप लो नाम, जय श्री राम जय श्री राम, जय सियाराम जय जय सियाराम।। मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी। राम सिया राम सिया राम जय जय राम।। हरि ओम शर्मा. 9139287948 ©Hariom Kumar विश्व कविता दिवस #कविताप्रेमी♥️ द
ASHOK KUMAR POET
मा की ममता मा का वर्णन करना यारो मुमकिन नहीं नामुमकिन है । सगरी धरा को बुक बनाऊ सगरे नीर को स्याही । जब लिखने बैठू ममता मा की तो बुक स्याही कम परजाय ' । दुनियाॅ में मा ही सबसे दानी है मेहनत पसीने की कमाई बच्चो पर करती निसंकोच खर्च । और थकी हारी होने पर भी अपनी न करके परवाह बच्चों को भूखा देख ना रह पाती है माता । सारी थकावट दूर हो जाती देख अपने भूखे बच्चों को । तुरन्त बनाती हैं खाना चाहे रात हो या दोपहरी । मा की लीला अद्भुत है जितना वर्णन करु उतना ही मोकू कम लागै । अशोक कुमार Poet धन्यवाद । मा की ममता छोटी कविता